परिवहन विभाग में सेंधमार गिरोह बेनकाब, छह गिरफ्तार
बड़े पैमाने पर हेराफेरी कर परिवहन विभाग के सिस्टम में सेंधमारी करने वाले गिरोह का राजफाश कर किठौैर पुलिस ने छह आरोपित गिरफ्तार किए हैं। गिरोह ट्रक आदि वाहनों को चोरी दिखाकर इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम ले लेता था।
मेरठ, जेएनएन : बड़े पैमाने पर हेराफेरी कर परिवहन विभाग के सिस्टम में सेंधमारी करने वाले गिरोह का राजफाश कर किठौैर पुलिस ने छह आरोपित गिरफ्तार किए हैं। गिरोह ट्रक आदि वाहनों को चोरी दिखाकर इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम ले लेता था। इसके बाद वाहन के इंजन व चेसिस नंबर बदलकर बिजनौर आरटीओ कार्यालय से आरसी जारी कराकर अच्छे दाम में बेच देता। बिजनौर एआरटीओ व दो बाबू भी गिरोह में शामिल हैं। तीनों को मुकदमे में नामजद कर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति ली गई है। एसएसपी नितिन तिवारी ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर गिरोह की जानकारी दी।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह वाहनों की किश्त न भर पाने वाले लोगों को तलाशता था। वाहन को सस्ते दामों में खरीदकर उसे चोरी होना दिखा देते और फिर इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम ले लेता था। इसके बाद उक्त वाहन के इंजिन-चेसिस नंबर बदले जाते तथा बिजनौर आरटीओ कार्यालय में साठगांठ कर आरसी जारी करा लेते। मुखबिर की सूचना पर किठौैर पुलिस ने रविवार देर रात गांव राधना तथा परतापुर-दिल्ली रोड से छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। ढाई लाख रुपये में एक आरसी
एसएसपी ने बताया कि उक्त जालसाजी में बिजनौर आरटीओ कार्यालय में तैनात एआरटीओ आलोक कुमार तथा बाबू निहाल सिंह व किशोर भी शामिल हैं। उनके दलाल के कब्जे से कूटरचित दस्तावेजों की 69 फाइलें प्राप्त हुई हैं। एआरटीओ बिजनौर एक आरसी जारी करने के लिए ढाई लाख रुपये लेते थे। यह हुई बरामदगी
आरोपितों की निशानदेही पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के 11 ट्रक, दो आयशर कैंटर, एक डंफर, एक टंट्टू ठेला छह टायर बरामद हुए हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों की 25 आरसी, 38 पहचान पत्र, छह पेनकार्ड, 36 आधार कार्ड, चार चैकबुक, एक एल्यूमीनियम प्लेट, 11 रबर की मुहर, एक स्टैंप पैड, 13 प्लेट गत्ते की (जिस पर अलग-अलग चेसिस नंबर लिखा है)। ये चढ़े पुलिस के हत्थे
- जावेद उर्फ भूरा उर्फ खालिद पुत्र मुज्जमिल निवासी जिसौरा थाना मुंडाली। हाल पता डासना, थाना मसूरी गाजियाबाद।
- इश्तियाक पुत्र फकीरा निवासी मोहल्ला रफीक नगर थाना कोतवाली हापुड़।
- इमरान पुत्र मुबारक अली निवासी गांव कलछीना थाना भोजपुर।
- शकील पुत्र मसीता निवासी मोहल्ला नाली पाड़ा मरकज मस्जिद के पास मसूरी गाजियाबाद।
- शाहनवाज पुत्र शेर अली निवासी संजय नगर थाना कविनगर, गाजियाबाद। मूल निवासी गांव तिल बेगमपुर थाना सिकंदराबाद, बुलंदशहर।
- रणजीत पुत्र महेन्द्रपाल निवासी भरत विहार कालोनी मंडावर रोड बिजनौर।
गिरोह 02 : बेनकाब होगा बाहरी राज्यों से एनओसी का 'खेल'
जासं, मेरठ : सेंधमारी का खेल बाहरी राज्यों से फर्जी एनओसी लेकर किया जा रहा था। इस खेल को उजागर करने के लिए मेरठ पुलिस जल्द ही प्रमुख सचिव परिवहन को पत्र लिखकर एसआइटी गठित करने तथा बाहरी राज्यों से जारी हुई एनओसी की फिजिकल वेरिफिकेशन कराने की सिफारिश करेगी।
एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया कि ट्रक चोरी की रिपोर्ट लिखाकर ट्रक गायब कर दिया जाता था। उसी तरह का पुराना ट्रक तलाशा और उसका इंजिन-चेसिस नंबर ले लिया। इसके बाद गिरोह बाहरी राज्यों से फर्जी एनओसी लेकर बिजनौर आरटीओ कार्यालय में साठगांठ कर आरसी जारी करा लेता था। अकेले बिजनौर में ही 69 फाइलें मिली हैं, लिहाजा वहां का रिकार्ड मांगा गया है। फिजिकल वेरिफिकेशन का है प्रावधान
एनओसी देते वक्त फिजिकल वेरिफिकेशन का प्रावधान है। खरीदार और विक्रेता दोनों के पहुंचने पर एनओसी जारी होती है। आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन से पहले वाहन, एनओसी के साथ खरीदार-विक्रेता दोनों आने चाहिएं। आरआइ टेक्निकल व एआरटीओ प्रशासन को मौके पर मुआयना करना होता है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर बाबुओं को आगे वेरिफाई करना होता है। अभियोजन की स्वीकृति लेगी पुलिस
किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा सरकारी कार्य में कोई गलती या गड़बड़ी करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए 197 (लोक सेवक के विरूद्ध अभियोजन) की स्वीकृति लेनी होती है। पुलिस बिजनौर के एआरटीओ व दो बाबुओं के खिलाफ स्वीकृति लेगी।
एआरटीओ व बाबुओं पर लगेगी भ्रष्टाचार की धारा
एसपी देहात ने बताया कि बिजनौर के एआरटीओ आलोक कुमार तथा बाबू किशोर व निहाल सिंह एक आरसी जारी करने की एवज में दो से ढाई लाख रुपये लेते थे, जो रिश्वत की श्रेणी में आता है। लिहाजा उक्त आरोपितों पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा बढ़ेगी।
अलीगढ़, कासगंज, फर्रूखाबाद भी रडार पर
पुलिस की जांच में सामने आया है कि बिजनौर के अलावा अलीगढ़, कासगंज व फर्रूखाबाद जिले के आरटीओ कार्यालय में भी बिजनौर की तर्ज पर सेंधमारी चल रही है। उक्त जिलों के परिवहन कर्मचारी व अधिकारी भी मेरठ पुलिस के रडार पर हैं।