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मेरठ में कोरोना से जंग : सेना के MI रूम अस्पताल और यूनिट बने क्वारंटीन सेंटर

मेरठ में कोविड के खिलाफ जंग में सेना ने भी कमर कस ली है। यहां छावनी में चार्जिंग रैम डिवीजन के अंतर्गत तैनात ब्रिगेड और सभी सैन्य यूनिटों में 25-25 बेड के क्वारंटीन सेंटर और एडहाक हास्पिटल बनाए गए हैं। आक्‍सीजन की जरूरत को पूरा किया जाएगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 09:30 PM (IST)
मेरठ में कोरोना से जंग : सेना के MI रूम अस्पताल और यूनिट बने क्वारंटीन सेंटर
मेरठ के गंगानगर में जरूरत के अनुरूप किट पहनकर आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाते सैनिक।

मेरठ, जेएनएन। कोविड के खिलाफ चल रही जंग में सेना ने अपनी कसर कसते हुए मेडिकल इमरजेंसी यानी एमआइ रूम को एडहाक अस्पताल और सैन्य यूनिटों में क्वारंटीन सेंटर बनाए हैं। छावनी में चार्जिंग रैम डिवीजन के अंतर्गत तैनात ब्रिगेड और सभी सैन्य यूनिटों में 25-25 बेड के क्वारंटीन सेंटर और एडहाक हास्पिटल बनाए गए हैं। इनमें पूर्व सैनिकों, वीर नारी के अलावा जरूरत पड़ने पर अधिक गंभीर सिविलियन को भी जरूरी सुविधाएं व उपचार मुहैया कराए जा सकेंगे। इस बाबत एडहाक वर्कफोर्स भी प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा रहा है। हर यूनिट में होते हैं एमआइ रूमसेना की हर यूनिट में एक एमआइ रूम जरूर होता है जहां हर तरह की मेडिकल सपार्ट सैनिकों को मिलती है।

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बैरक को बनाया क्‍वारंटीन सेंटर

यहां तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं आपातकालीन स्थिति और सैनिकों की सामान्य जांच-पड़ताल भी होती है। वहीं यूनिटों के बैरकों में से एक या दो बैरक में करीब 25 बेड तक के बैरक को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। इनमें क्वारंटीन के दौरान की सभी जरूरी सामग्री भी उपलब्ध होगी।

घर व अस्पताल तक पहुंचा रहे आक्सीजन

सेना अपने वेटरन, पूर्व सैनिक और उनके स्वजन और वीन नारियों से निरंतर संपर्क स्थापित रखते हुए दवाएं मुहैया करा रही है। इसके साथ ही वर्तमान में सबसे जरूरी आक्सीजन सिलेंडर भी जरूरत के अनुरूप घर व अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है। डिव की ओर से आक्सीजन सिलेंडर भगत ब्रिगेड से दिए जा रहे हैं। जो स्वयं ले जाने में सक्षम नहीं हैं उन्हें घर तक भी पहुंचाया जा रहा है। आक्सीजन मिली तो स्थिति सुधरी सूबेदार मेजर गेज सिंह के पिता जीवन सिंह को गंभीर हालत में गंगानगर स्थित एडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के पास आक्सीजन सिलेंडर न होने पर स्वजनों ने मेरठ से मुजफ्फरनगर तक आक्सीजन सिलेंडर की तलाश की लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। चार्जिंग रैम डिवीजन की टीम ने गंगानगर स्थित अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया। आक्सीजन मिलने के बाद जीवन सिंह का आक्सीजन स्तर 35-36 से 70-75 तक पहुंच चुकी है और स्थिति सुधार रही है।


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