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fight against coronavirus: कोरोना से बचाएगा 15 जड़ी-बूटियों से निर्मित यह 'ऋषि काढा', कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान

चाय पीने का मन हो तो 15 जडी बूटियों से निर्मित ऋषि काढा पीएं। IIMT विश्वविद्यालय फार्मेसी विभाग की डीन फैकेल्टी डा. टी. ईश्वरी ने बताया कि इस काढा को टी बैग के तौर पर तैयार किया

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 04:52 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 04:52 PM (IST)
fight against coronavirus: कोरोना से बचाएगा 15 जड़ी-बूटियों से निर्मित यह 'ऋषि काढा', कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान
fight against coronavirus: कोरोना से बचाएगा 15 जड़ी-बूटियों से निर्मित यह 'ऋषि काढा', कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान

मेरठ, जेएनएन। कोरोना से लडाई लंबी है। इस बीच सैंपलिंग और टेस्ट से बार-बार बचना है तो इसके लिए आपको अभी से स्थायी समाधान तलाश करना पड़ेगा। आइआइएमटी विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने 15 प्रकार की जड़ी-बूटियों के संयोजन से 'ऋषि काढा' की खोज की है। जिसमें 15 प्रकार की जड़ी- बूटियां शामिल हैं। संस्थान का दावा है कि यह ॠषि काढा बाजार में मिलने वाले अन्य काढा से कई गुना बेहतर और गुणवत्तापरक है। यह न केवल संक्रमण से बचाव करेगा, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर सांस व गले से संबंधित बीमारियों को भी दूर करने में सहायक होगा। 

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गुरुवारा को माल रोड स्थित पंडित दीनदयाल मैनेजमेंट कॉलेज में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आइआइएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने यह दावा किया। उन्होंने बताया कि संस्थान में तैयार की गई सभी प्रकार की जड़ी-बूटियां संस्थान परिसर से इस्तेमाल की गई है। इस ऋषि काढा में 15 प्रकार की जड़ी-बूटियां उपयोग में लाई गई हैं। सांस लेने में तकलीफ या संक्रमण से बचने के लिए यह काढा बेहद कारगर सिद्ध होगा। इसकी खास बात यह है कि चूर्ण के तौर पर इसे दिनभर में कभी भी चाय की तरह पीने के इस्तेमाल में आसानी से लाया जा सकता है।

टी बैग रखिए पास, टेंशन रहेगी दूर

आइआइएमटी विश्वविद्यालय फार्मेसी विभाग की डीन फैकेल्टी डा. टी. ईश्वरी ने बताया कि इस काढा को टी बैग के तौर पर तैयार किया गया है। यात्रा करते समय टी बैग अपने पास रखने से कहीं भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। एक टी बैग गर्म कप पानी में दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है। पांच मिनट डिप रखकर छोडने के बाद इसे बाहर निकाल लिया जाए। जिसके बाद गर्म काढ़ा तैयार हो जाएगा। टी बैग की कीमत केवल पांच रुपये है। 50 ग्राम का पैकेट 100 रूपये की कीमत में उपलब्ध है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसे ले सकते हैं। यह आइआइएमटी विवि में उपलब्ध है, यहां से कभी भी लिया जा सकता है।

बाजारी च्यवनप्राश से बचिए, ओर्गेनिक का इस्तेमाल करिए

आइआइएमटी विवि के प्रो वाइस चांसलर एकेडमिक डा आलोक शर्मा ने बताया कि संस्थान ने च्यवन ऋषि की पद्धति पर आधारित च्यवनप्राश तैयार किया है। यह केवल ओर्गेनिक उत्पादों से बनाकर तैयार किया गया है। यह बाजार से बिल्कुल अलग है। बताया कि आधा किलो च्यवनप्राश की कीमत 300 रुपये व एक किलो पैकेट की कीमत 600 रुपये है। इसे भी विश्वविद्यालय परिसर से खरीदा जा सकता है।


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