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Sawan 2020: सावन छह जुलाई से, औघड़नाथ मंदिर समिति की प्रशासन से मांग-मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था कराइए Meerut News

सावन माह के शुरू होने पर औघड़नाथ मंदिर समिति ने प्रशासन से मंदिर में दर्शन के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की है। जिलाधिकारी एसएसपी और कैंट बोर्ड को पत्र लिखा है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 09:58 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:58 AM (IST)
Sawan 2020: सावन छह जुलाई से, औघड़नाथ मंदिर समिति की प्रशासन से मांग-मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था कराइए Meerut News
Sawan 2020: सावन छह जुलाई से, औघड़नाथ मंदिर समिति की प्रशासन से मांग-मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था कराइए Meerut News

मेरठ, जेएनएन। सावन आरंभ होने में दो दिन शेष हैं। भक्तों को भगवान शिव के दर्शन मिल पाएंगे, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। औघड़नाथ मंदिर समिति ने प्रशासन से मंदिर में दर्शन के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की है। जिलाधिकारी, एसएसपी और कैंट बोर्ड को पत्र लिखा है।

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गाइडलाइन का पालन

मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि छह जुलाई से सावन आरंभ हो रहा है। प्राचीन मंदिर में सावन पर पूजा अर्चना को लेकर समिति ने शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने स्तर से इंतजाम किए हैं। पर विशेष अवसरों पर प्रशासन और पुलिस की ओर से इंतजाम किया जाना है। इसके लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

अनुमति दी जानी चाहिए

वहीं, सदर स्थित पौराणिक बिल्वेश्वर महादेव मंदिर के प्रति भी भक्तों की अपार श्रद्धा है। मंदिर के पुजारी हरिश्चंद्र जोशी ने कहा कि नियम कायदों का पालन करते हुए मंदिर खोले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। केसरगंज नगर निगम परिसर स्थित झाड़खंडी महादेव मंदिर समिति ने थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजेशन की व्यवस्था पहले से ही कर ली है। समिति के अध्यक्ष सुबोध गर्ग ने बताया कि औपचारिकता पूरी करने को तैयार हैं पर लोगों की भावना को देखते हुए मंदिर खोलना चाहिए।

सावन के पावन सोमवार

06 जुलाई        पहला सोमवार

13 जुलाई        दूसरा सोमवार

19 जुलाई        शिवरात्रि

20 जुलाई        तीसरा सोमवार

27 जुलाई        चौथा सोमवार

03 अगस्त        रक्षा बंधन

शपथ पत्र देने के बाद खुला मंदिर

वेस्ट एंड रोड स्थित शनि बालाजी धाम के महामंडलेश्वर महेंद्र दास ने बताया कि प्रशासन को गाइडलाइन के अनुपालन का शपथ पत्र देने के बाद मंदिर में दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है। एक बार में पांच भक्त दर्शन के लिए जा रहे हैं।


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