CAA Protest In Meerut: हिंसा की पड़ताल करने के लिए मेरठ पहुंची ATS Meerut News
CAA के विरोध में शहर में हिंसा भड़काने में एसडीपीआइ और पीएफआइ का हाथ सामने आने पर सरकार ने खुफिया एजेंसी को जांच के लिए लगा दिया है। एटीएस की टीम भी शहर में पहुंची।
मेरठ, जेएनएन। CAA के विरोध में शहर में हिंसा भड़काने में एसडीपीआइ और पीएफआइ का हाथ सामने आने पर सरकार ने खुफिया एजेंसी को जांच के लिए लगा दिया है। सोमवार को एटीएस की टीम ने लिसाड़ीगेट क्षेत्र में पहुंचकर पीएफआइ से जुड़े दो सदस्यों से पूछताछ की। अभी तक जांच में आया कि काफी दिनों से दोनों संगठनों के लोग मेरठ में हिंसा की पटकथा तैयार कर रहे थे।
युवकों को भ्रमित करने को किया था प्रचार
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की हिंसा में पूरी भूमिका सामने आ रही है। दोनों संगठनों ने हिंसा से पहले युवकों को भ्रमित करने के लिए जमकर प्रचार किया था। एसडीपीआइ के प्रदेश सचिव नूर हसन निवासी हापुड़ और उसके साथी हमीरपुर के मुईद और पीएफआइ के जावेद और अमजद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को आपत्तिजनक सामग्री मिली थी, जिसे सील कर शासन को भेज दिया था।
कई जांच एजेंसी लगी
सरकार ने दोनों संगठनों के नेटवर्क को खंगालने के लिए एनआइए, आइबी, एटीएस और एसटीएफ समेत कई एजेंसी लगा दी हैं। सोमवार को लिसाड़ीगेट पुलिस ने दबिश देकर दो लोगों को पकड़ा है। माना जा रहा है कि दोनों आरोपित पीएफआइ से जुड़े हुए है। दोनों से करीब दो घंटे तक इंस्पेक्टर की मौजूदगी में एटीएस की टीम ने पूछताछ की। जेल जा चुके चार आरोपितों के खाते की डिटेल भी एटीएस ने सिविल पुलिस से मांगी है।
खातों में रकम कहां से आई
देखा जा रहा है कि उक्त खातों में रकम कहां से आई है। यह भी देखा जा रहा है कि युवाओं को जोड़ने को क्या लालच दिया जाता था। एसएसपी ने बताया कि नूर हसन को रिमांड पर लेने के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। नूर हसन ने तो शास्त्रीनगर में ऑफिस भी खोल रखा था, जो पश्चिम उप्र को कंट्रोल कर रहा था।
इनका कहना है
शासन स्तर पर एसडीपीआइ और पीएफआइ पर कई एजेंसी काम कर रही है। हमारी तरफ से शासन को दोनों संगठनों के बारे में लिखा गया है। उनके ऑफिस से मिली आपत्तिजनक सामग्री भी शासन को भेज दी है, जिसमें देखा गया कि उक्त दोनों संगठन ही हिंसा के लिए युवाओं को भड़का रहे थे।
- अजय साहनी, एसएसपी