महाकवि नीरज ने कहा था हम दोनो एक साथ ही जायेंगे भगवान के पास
कवि नीरज ने अटल जी पर बात चलने पर कहा था कि हम दोनों की कुंडली के ग्रह चरित्र लगभग समान है। दोनों कुंडली में शनि देव खास किरदार है। उसने रंक से राजा तक सफर तय कराया।
मेरठ (राजन शर्मा)। अटल बिहारी वाजपेयी और गोपाल दास नीरज। दोनों उत्कृष्ट कवि थे और ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ भी। इनकी अटूट दोस्ती का राज कुंडली में छिपा था। नीरज जी ने नौ साल पूर्व भविष्यवाणी कर दी थी कि हम दोनों की मृत्यु एक माह के अंतराल में हो जाएगी। यह दावा सच साबित हो गया। नीरज जी की मृत्यु के ठीक 28 दिन बाद उनके जिगरी दोस्त ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
कवि नीरज से साक्षात्कार
27 जनवरी 2009 की वो सर्द सुबह। मेरठ में अपने एक अजीज के घर पर महाकवि गोपाल दास नीरज लिहाफ में लिपटे गीत गुनगुना रहे थे। इसी दौरान खबर आई कि पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमण का निधन हो गया है। देशभर में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया। इसके चलते उसी दिन शाम को होने वाली नीरज निशा कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। वेंकटरमण का निधन सुनकर नीरज को झटका सा लगा। बोले, भाई वेंकटरमण साहब के हाथों ही मैंने पद्मश्री हासिल किया था। अटल जी और रमण मेरे जिगर के टुकड़े हैं। खैर, मौत के आगे किसी की नहीं चलती। इसी दौरान इस संवाददाता ने उनसे साक्षात्कार के लिए गुजारिश की। उन्होंने सहज भाव से हामी भर दी।
शनिदेव ही बनेंगे दोनों के महाप्रयाण का सबब
कवि नीरज से अटल जी के रिश्तों की बाबत पूछा तो उन्होंने इस अटल दोस्ती को कुंडली के दायरे में बांचना शुरू कर दिया। बताया कि हम दोनों की कुंडली के ग्रहों का चरित्र लगभग समान है। दोनों कुंडली में शनि देव खास किरदार अदा करेंगे। शनि ने हमें रंक से राजा तक सफर तय कराया। मैं गीतों का राजकुमार बन गया और अटल जी देश के। शनिदेव ही हम दोनों के महाप्रयाण का सबब बनेंगे। नीरज ने दावा किया था कि मृत्यु से कुछ साल पूर्व हम दोनों को गंभीर रोगों से दो चार होना पड़ेगा। बृहस्पति की कृपा से मैं गंभीर रोगग्रस्त होते हुए भी अपने हाथ-पैर चलता रहूंगा, लेकिन अटल जी कोमा में चले जाएंगे। गोपाल दास ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि शनि के ही प्रभाव के कारण हम दोनों की मत्यु तीस दिन के अंतराल में होगी। गौरतलब है कि गोपाल दास नीरज की मृत्यु 19 जुलाई को हो गई थी।