रैली में जा रहे अधिवक्ताओं की पुलिस से भिड़ंत, गिरफ्तार
पश्चिमी उप्र में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर रैली स्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने हंगामा किया जाम लगाया और धरने पर बैठ गए। सैकड़ों अधिवक्ताओं को गिरफ्तार किया गया। बाद में सभी को रिहा कर दिया।
मेरठ। पश्चिमी उप्र में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर रैली स्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने हंगामा किया, जाम लगाया और धरने पर बैठ गए। सैकड़ों अधिवक्ताओं को गिरफ्तार किया गया। बाद में सभी को रिहा कर दिया।
हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र के चेयरमैन राजेंद्र सिंह जानी व संयोजक देवकी नंदन शर्मा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने भाजपा की विजय संकल्प रैली में पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की थी। गुरुवार सुबह करीब 10 बजे कचहरी में एकत्र होने के बाद अधिवक्ता पीएल शर्मा रोड की तरफ चल दिए। यहां पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोश के चलते पुलिस को पीछे हटना पड़ा। सैकड़ों अधिवक्ता बेगमपुल की ओर रवाना हुए। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर अधिवक्ताओं को रोक दिया। इस पर वे धरना देकर बैठ गए। अधिवक्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और बेगमपुल पहुंच गए। पुलिस ने कुछ को हिरासत में ले लिया। वहीं, पूर्व महामंत्री अनिल जंगाला, रामकुमार शर्मा, देव प्रकाश, अशोक गुप्ता, अंकुर शर्मा आदि पुलिस को चकमा देकर टैंक चौराहे पर पहुंच गए और जाम लगा दिया। रैली की बसों को रोकने पर भाजपा कार्यकर्ताओं व अधिवक्ताओं में मारपीट हुई। एसपी सिटी ने अधिवक्ताओं को समझाकर जाम खुलवाया। पुलिस सैकड़ों अधिवक्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन आ गई। एसीएम तृतीय सुनीता सिंह ने निजी मुचलकों पर रिहा करने के आदेश दिए। वहीं, सिविल लाइन इंस्पेक्टर ने 80 की गिरफ्तारी की बात कही है।
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हाई कोर्ट बेंच पर मोदी मौन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली में पश्चिमी उप्र से जुडे़ तमाम मुद्दों पर खुलकर बोले, लेकिन हाई कोर्ट बेंच की स्थापना पर मौन रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुप रहे। संसद में जोर-शोर से बेंच का मुद्दा उठाने वाले भाजपा के मुजफ्फरनगर प्रत्याशी संजीव बालियान एवं मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र अग्रवाल भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहे। इससे पश्चिमी उप्र के 22 जिलों के हजारों अधिवक्ताओं को निराशा हुई, क्योंकि इसे लेकर दो दिन से वे न्यायिक कार्य से भी विरत थे।
नाम लिखाने से बचते रहे अधिवक्ता
हिरासत में बैठे अधिवक्ताओं की जब पुलिस ने गिरफ्तारी की सूची बनानी शुरू की तो कई वरिष्ठ अधिवक्ता वहा से निकल लिए। इस पर उन्हें रोक कर नाम अंकित कराया गया। प्रदर्शन में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव नागर, महामंत्री प्रवीण सुधार, मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चौधरी नरेंद्र पाल सिंह, गजेंद्र सिंह धामा, गजेंद्र पाल सिंह अशोक शर्मा, उदयवीर राणा, सतीश चंद्र गुप्ता शामिल रहे।
पुलिस ने कई जगह रोका
समिति संयोजक देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि पुलिस ने रैली में सहारनपुर व मुजफ्फरनगर समेत अन्य जिलों से आ रहे अधिवक्ताओं को मंसूरपुर व गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद के अधिवक्ताओं को मोदीनगर व बुलंदशहर वालों को गुलावठी, गढ़मुक्तेश्वर वालों को किठौर तथा अन्य जिलों के अधिवक्ताओं को भी मेरठ पहुंचने से पहले रोक लिया। इन सभी ने गिरफ्तारी दी।