मेरठ महायोजना 2021 : इंतजाम नाकाफी,जाम से निजात को जज्बा और जुनून भी चाहिए जनाब
जाम और मेरठ शहर एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। शहर में जाम से निपटने के लिए कई विभागों ने रणनीति बनाई थी लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 10:14 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 10:14 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। जाम और मेरठ शहर एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। जाम की समस्या से बहुत हद तक निजात मिल जाती अगर मेरठ महायोजना 2021 के प्रस्तावों पर कुछ काम हो जाता। प्रस्ताव बनाने में प्रशासन,एमडीए,पुलिस, नगर निगम,परिवहन निगम,पीडब्ल्यूडी समेत एक दर्जन विभागों का योगदान रहा है पर उसे किताब की शक्ल देकर उसे भुला दिया गया। किताब का एक पन्ना भी खोलकर नहीं देखा गया जबकि इसी में ऐसे उपायों पर कदम उठाने की बात कही गई है जिससे जाम पर तेजी से अंकुश लगाया जा सकता है।
कई नए तथ्य उजागर
वर्ष 1992 में स्कूल प्लानिंग ऑफ दिल्ली से शहर का यातायात सर्वेक्षण कराया गया था। बाद में महायोजना 2021 के लिए 2002 में भी यातायात सर्वेक्षण कराया गया था। दोनों की तुलना में कई नए तथ्य उजागर हुए। दिल्ली मार्ग सबसे अधिक यातायात वाला तब भी था और 2002 में भी। सरधना मार्ग,रुड़की मार्ग एवं गढ़ रोड पर यातायात पिछले दस वर्षो में दो गुना गया। इन पर दो पहिये वाहनों एवं हल्के वाहनों में वृद्धि दर सबसे अधिक हुई। इससे यातायात की समस्या पैदा होनी शुरू हुई। इसे देखते हुए महायोजना 2021 में तमाम प्रस्तावों को शामिल किया था जिस पर काम होना चाहिए था।
रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण
यातायात सर्वेक्षण की रिपोर्ट को देखते हुए महायोजना में शहर के विभिन्न स्थलों पर रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित किया गया,लेकिन इन पर कुछ कार्य नहीं हुआ। यहां तक कि चौराहों का चौड़ीकरण भी नहीं किया जबकि यातायात समस्या को लेकर यह भी प्रस्तावित था।
यातायात प्रबंधन,वाहनों की गति के हिसाब से चलने की व्यवस्था
योजना बनाई गई कि मुख्य मार्गो का विकास इस तरह से किया जाएगा कि भारी वाहन, हल्के वाहन एवं धीमी गति से चलने वाले वाहनों व पैदल चलने के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो। यातायात प्रबंधन पर विशेष कार्य करने का प्रस्ताव रखा गया।
वर्तमान स्थिति : नई व्यवस्था बनाई नहीं जा सकी। यहां तक कि संकरे रास्ते से भी भारी वाहनों का प्रवेश नहीं रोका जा सका। यातायात प्रबंधन पर कोई कार्य नहीं हुआ।
पार्किंग बन जाती तो सड़कों पर कम खड़े होते वाहन
महायोजना में प्रस्ताव शामिल किया गया कि बेगमपुल के पास आबूनाला पर, टाउन हाल और नगर मुख्य मार्गो पर पार्किंग स्थलों का विकास किया जाए।
वर्तमान स्थिति : नए मार्ग बनाना एवं वर्तमान मार्ग का चौड़ीकरण
नए मार्ग बनाना एवं वर्तमान मार्ग का चौड़ीकरण
मार्गो पर बढ़ते वाहनों की संख्या को देखते हुए ही महायोजना में वर्तमान मार्गो की चौड़ाई बढ़ाने व वैकल्पिक मार्गो का निर्माण सुझाव शामिल किया गया था। इनर रिंग रोड व आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव भी इसी वजह से शामिल किया गया था। दिल्ली मार्ग पर लगातार यातायात के दबाव को देखते हुए ही इसे चौड़ा करने का प्रस्ताव महायोजना में शामिल किया गया था।
वर्तमान स्थिति : नए मार्ग बने नहीं। पहले से बने मार्गो का चौड़ीकरण भी नहीं हुआ। दिल्ली रोड का चौड़ीकरण नहीं किया गया।
रिक्शा स्टैंड के लिए 100 मीटर दूर जगह आरक्षित करना
योजना बनाई गई थी कि मुख्य मार्गो व चौराहों से 100 मीटर दूर रिक्शा-तांगा स्टैंड बनाए जाएंगे।
वर्तमान स्थिति : यदि 100 मीटर दूरी पर स्टैंड बना दिए जाते तो सड़क व चौराहों पर खड़े होकर यात्री उतारने वाले ई-रिक्शा व टेंपो आदि जाम का कारण न बनते।
सघन बाजारों में बड़े वाहनों के प्रतिबंध पर कार्ययोजना
सघन बाजारों में बड़े वाहनों की वजह से जाम की समस्या पैदा न हो इसलिए वहां पर प्रतिबंध के साथ ही विशेष कार्ययोजना बनाने का प्रस्ताव शामिल किया गया।
वर्तमान स्थिति : सघन बाजारों में भी दिन में बड़े वाहन प्रवेश करते हैं, जिसकी वजह से दो पहिया वाहनों को भी निकलने की जगह नहीं बचती।
प्रमुख मार्गो पर बस अड्डे, ताकि वाहनों का दबाव घटे
शहर में बसों की वजह से भीड़ न बढ़े और ये जाम का कारण न बनें इसलिए महायोजना में प्रस्ताव शामिल किया गया कि हापुड़ मार्ग, गढ़ मार्ग, मवाना मार्ग व रुड़की मार्ग पर क्षेत्रीय बस अड्डे बनें। रुड़की बाईपास व बागपत मार्ग के मिलान पर अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाया जाए।
वर्तमान स्थिति : गढ़ रोड पर सोहराब गेट डिपो ही कुछ कमी पूरी कर रहा है। महायोजना के हिसाब से नए बस अड्डे नहीं बनाए गए। जिससे भैंसाली व सोहराब गेट पर ही सभी बसें आती हैं। इनकी वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है। ये बसें डिपो में खड़ी होने के बजाय सड़क पर खड़ी होती हैं।
नए ट्रांसपोर्ट नगर बनने से जाम की समस्या कम होती
एक ट्रांसपोर्ट नगर शहर में बनाया जा चुका था बाद में महायोजना 2001 में नए ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव शामिल किया गया। महायोजना 2021 में दो नए ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव शामिल किया गया।
वर्तमान स्थिति : महायोजना 2001 और महायोजना 2021 के तहत ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनाए गए। शहर में इकलौता ट्रांसपोर्ट नगर जो है उसे भी कई वर्षो से शहर से बाहर करने की मांग चल रही है पर इसको लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे भारी वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। इन सबकी वजह से यातायात संबंधी समस्याएं विकराल होती चली जा रही हैं।
कई नए तथ्य उजागर
वर्ष 1992 में स्कूल प्लानिंग ऑफ दिल्ली से शहर का यातायात सर्वेक्षण कराया गया था। बाद में महायोजना 2021 के लिए 2002 में भी यातायात सर्वेक्षण कराया गया था। दोनों की तुलना में कई नए तथ्य उजागर हुए। दिल्ली मार्ग सबसे अधिक यातायात वाला तब भी था और 2002 में भी। सरधना मार्ग,रुड़की मार्ग एवं गढ़ रोड पर यातायात पिछले दस वर्षो में दो गुना गया। इन पर दो पहिये वाहनों एवं हल्के वाहनों में वृद्धि दर सबसे अधिक हुई। इससे यातायात की समस्या पैदा होनी शुरू हुई। इसे देखते हुए महायोजना 2021 में तमाम प्रस्तावों को शामिल किया था जिस पर काम होना चाहिए था।
रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण
यातायात सर्वेक्षण की रिपोर्ट को देखते हुए महायोजना में शहर के विभिन्न स्थलों पर रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित किया गया,लेकिन इन पर कुछ कार्य नहीं हुआ। यहां तक कि चौराहों का चौड़ीकरण भी नहीं किया जबकि यातायात समस्या को लेकर यह भी प्रस्तावित था।
यातायात प्रबंधन,वाहनों की गति के हिसाब से चलने की व्यवस्था
योजना बनाई गई कि मुख्य मार्गो का विकास इस तरह से किया जाएगा कि भारी वाहन, हल्के वाहन एवं धीमी गति से चलने वाले वाहनों व पैदल चलने के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो। यातायात प्रबंधन पर विशेष कार्य करने का प्रस्ताव रखा गया।
वर्तमान स्थिति : नई व्यवस्था बनाई नहीं जा सकी। यहां तक कि संकरे रास्ते से भी भारी वाहनों का प्रवेश नहीं रोका जा सका। यातायात प्रबंधन पर कोई कार्य नहीं हुआ।
पार्किंग बन जाती तो सड़कों पर कम खड़े होते वाहन
महायोजना में प्रस्ताव शामिल किया गया कि बेगमपुल के पास आबूनाला पर, टाउन हाल और नगर मुख्य मार्गो पर पार्किंग स्थलों का विकास किया जाए।
वर्तमान स्थिति : नए मार्ग बनाना एवं वर्तमान मार्ग का चौड़ीकरण
नए मार्ग बनाना एवं वर्तमान मार्ग का चौड़ीकरण
मार्गो पर बढ़ते वाहनों की संख्या को देखते हुए ही महायोजना में वर्तमान मार्गो की चौड़ाई बढ़ाने व वैकल्पिक मार्गो का निर्माण सुझाव शामिल किया गया था। इनर रिंग रोड व आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव भी इसी वजह से शामिल किया गया था। दिल्ली मार्ग पर लगातार यातायात के दबाव को देखते हुए ही इसे चौड़ा करने का प्रस्ताव महायोजना में शामिल किया गया था।
वर्तमान स्थिति : नए मार्ग बने नहीं। पहले से बने मार्गो का चौड़ीकरण भी नहीं हुआ। दिल्ली रोड का चौड़ीकरण नहीं किया गया।
रिक्शा स्टैंड के लिए 100 मीटर दूर जगह आरक्षित करना
योजना बनाई गई थी कि मुख्य मार्गो व चौराहों से 100 मीटर दूर रिक्शा-तांगा स्टैंड बनाए जाएंगे।
वर्तमान स्थिति : यदि 100 मीटर दूरी पर स्टैंड बना दिए जाते तो सड़क व चौराहों पर खड़े होकर यात्री उतारने वाले ई-रिक्शा व टेंपो आदि जाम का कारण न बनते।
सघन बाजारों में बड़े वाहनों के प्रतिबंध पर कार्ययोजना
सघन बाजारों में बड़े वाहनों की वजह से जाम की समस्या पैदा न हो इसलिए वहां पर प्रतिबंध के साथ ही विशेष कार्ययोजना बनाने का प्रस्ताव शामिल किया गया।
वर्तमान स्थिति : सघन बाजारों में भी दिन में बड़े वाहन प्रवेश करते हैं, जिसकी वजह से दो पहिया वाहनों को भी निकलने की जगह नहीं बचती।
प्रमुख मार्गो पर बस अड्डे, ताकि वाहनों का दबाव घटे
शहर में बसों की वजह से भीड़ न बढ़े और ये जाम का कारण न बनें इसलिए महायोजना में प्रस्ताव शामिल किया गया कि हापुड़ मार्ग, गढ़ मार्ग, मवाना मार्ग व रुड़की मार्ग पर क्षेत्रीय बस अड्डे बनें। रुड़की बाईपास व बागपत मार्ग के मिलान पर अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाया जाए।
वर्तमान स्थिति : गढ़ रोड पर सोहराब गेट डिपो ही कुछ कमी पूरी कर रहा है। महायोजना के हिसाब से नए बस अड्डे नहीं बनाए गए। जिससे भैंसाली व सोहराब गेट पर ही सभी बसें आती हैं। इनकी वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है। ये बसें डिपो में खड़ी होने के बजाय सड़क पर खड़ी होती हैं।
नए ट्रांसपोर्ट नगर बनने से जाम की समस्या कम होती
एक ट्रांसपोर्ट नगर शहर में बनाया जा चुका था बाद में महायोजना 2001 में नए ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव शामिल किया गया। महायोजना 2021 में दो नए ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव शामिल किया गया।
वर्तमान स्थिति : महायोजना 2001 और महायोजना 2021 के तहत ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनाए गए। शहर में इकलौता ट्रांसपोर्ट नगर जो है उसे भी कई वर्षो से शहर से बाहर करने की मांग चल रही है पर इसको लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे भारी वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। इन सबकी वजह से यातायात संबंधी समस्याएं विकराल होती चली जा रही हैं।
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