लोकसभा चुनाव 2019: लोकतंत्र के पर्व में हाई है सेना का जोश
इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम यूपी सब-एरिया के अंतर्गत आने वाले संबंधित जिलों में तैनात सेना की तमाम यूनिटों के सैनिकों को सर्विस वोटर बनाया जा रहा है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 12:22 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 12:22 PM (IST)
मेरठ, [अमित तिवारी]। हाउ इज द जोश..? हाई सर.। ‘उरी’ फिल्म का यह डायलॉग इन दिनों हर किसी की जुबां पर है। हालांकि, सेना के कंधों पर सरहदों को महफूज रखने का जिम्मा है, लेकिन बात जब लोकतंत्र के पर्व में हिस्सेदारी की हो तो कई बार हमारे जांबाज इससे महरूम रह जाते हैं। इसका कारण सिस्टम की उदासीनता, जागरूकता की कमी और और सहज ढंग से वोट बनने की सुविधा उपलब्ध न होना भी है। इसके चलते उन्हें सर्विस वोटर के तौर पर पंजीकृत करने का काम जोरों पर है। इस सक्रियता से सेना का जोश भी दोगुना है।
यह कहते हैं नियम
चुनाव आयोग के नियमानुसार अगर किसी फौजी की पोस्टिंग हुए छह माह से अधिक समय हो चुका है तो वह तैनाती स्थल पर मतदाता बनने का हकदार है। छह माह से कम पोस्टिंग वाले सैनिकों को वोटर नहीं बनाया जा सकता।
आठ हजार से ज्यादा पंजीकृत
अपने निवास स्थान से दूर रहने के दौरान मतदान करने वालों को सर्विस वोटर्स के तौर पर पंजीकृत किया जाता है। मेरठ छावनी से अब तक 8,504 सैनिकों को सर्विस वोटर के तौर पर पंजीकृत किया जा चुका है। अब भी सैनिकों के हजारों आवेदन चुनाव आयोग कार्यालय में पहुंच रहे हैं। छावनी क्षेत्र से इस बार 12 से 15 हजार वोट बनने की उम्मीद है। चुनाव आयोग के नियमों के तहत वोट बनवाने के लिए भेजे गए कुछ आवेदन वापस कर दिए गए थे। इन्हें जरूरी औपचारिकता के बाद दोबारा भेजा जा रहा है ताकि कोई भी सैनिक मतदान से वंचित न रहे।
सैन्य परिवार भी कर रहे आवेदन
सेना की यूनिटों के साथ ही छावनी में रह रहे करीब पांच हजार से अधिक सैन्य परिवारों के वोट बनवाने के लिए भी पंजीकरण जोरों पर है। परिवार में जो भी लोग मतदान की उम्र के हैं, पंजीकरण कर उनके वोट बनवाए जा रहे हैं।
मतदान करने की प्रेरणा भी
घर से दूर ड्यूटी पर तैनाती के चलते सैनिकों को मतदान का अवसर नहीं मिल पाता। तैनाती स्थल पर ही मतदाता बनने से सैनिक उत्साहित भी हैं। सैनिकों को अधिक से अधिक मतदान के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
हर जगह बनवाए जा रहे वोट
इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम यूपी सब-एरिया के अंतर्गत आने वाले संबंधित जिलों में तैनात सेना की तमाम यूनिटों के सैनिकों को सर्विस वोटर बनाया जा रहा है। जवानों को प्रेरित करने के लिए सेना के वरिष्ठ अफसर भी अपना वोट बनवा रहे हैं। संबंधित जिला प्रशासन और चुनाव आयोग के पदाधिकारियों की मदद से सैनिकों का पंजीकरण छावनी क्षेत्र में ही किया जा रहा है। जिनके आवेदन सामूहिक पंजीकरण में रह गए हैं, वे यूनिट सभी के आवेदन एकत्र कर चुनाव आयोग कार्यालय भेज रही हैं।
इन्होंने बताया
लोकतंत्र के पर्व में हमारे फौजी भी सक्रियता से मतदान कर सकें, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने को प्रतिबद्ध हैं।
- अनिल ढींगरा, जिला निर्वाचन अधिकारी
यह कहते हैं नियम
चुनाव आयोग के नियमानुसार अगर किसी फौजी की पोस्टिंग हुए छह माह से अधिक समय हो चुका है तो वह तैनाती स्थल पर मतदाता बनने का हकदार है। छह माह से कम पोस्टिंग वाले सैनिकों को वोटर नहीं बनाया जा सकता।
आठ हजार से ज्यादा पंजीकृत
अपने निवास स्थान से दूर रहने के दौरान मतदान करने वालों को सर्विस वोटर्स के तौर पर पंजीकृत किया जाता है। मेरठ छावनी से अब तक 8,504 सैनिकों को सर्विस वोटर के तौर पर पंजीकृत किया जा चुका है। अब भी सैनिकों के हजारों आवेदन चुनाव आयोग कार्यालय में पहुंच रहे हैं। छावनी क्षेत्र से इस बार 12 से 15 हजार वोट बनने की उम्मीद है। चुनाव आयोग के नियमों के तहत वोट बनवाने के लिए भेजे गए कुछ आवेदन वापस कर दिए गए थे। इन्हें जरूरी औपचारिकता के बाद दोबारा भेजा जा रहा है ताकि कोई भी सैनिक मतदान से वंचित न रहे।
सैन्य परिवार भी कर रहे आवेदन
सेना की यूनिटों के साथ ही छावनी में रह रहे करीब पांच हजार से अधिक सैन्य परिवारों के वोट बनवाने के लिए भी पंजीकरण जोरों पर है। परिवार में जो भी लोग मतदान की उम्र के हैं, पंजीकरण कर उनके वोट बनवाए जा रहे हैं।
मतदान करने की प्रेरणा भी
घर से दूर ड्यूटी पर तैनाती के चलते सैनिकों को मतदान का अवसर नहीं मिल पाता। तैनाती स्थल पर ही मतदाता बनने से सैनिक उत्साहित भी हैं। सैनिकों को अधिक से अधिक मतदान के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
हर जगह बनवाए जा रहे वोट
इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम यूपी सब-एरिया के अंतर्गत आने वाले संबंधित जिलों में तैनात सेना की तमाम यूनिटों के सैनिकों को सर्विस वोटर बनाया जा रहा है। जवानों को प्रेरित करने के लिए सेना के वरिष्ठ अफसर भी अपना वोट बनवा रहे हैं। संबंधित जिला प्रशासन और चुनाव आयोग के पदाधिकारियों की मदद से सैनिकों का पंजीकरण छावनी क्षेत्र में ही किया जा रहा है। जिनके आवेदन सामूहिक पंजीकरण में रह गए हैं, वे यूनिट सभी के आवेदन एकत्र कर चुनाव आयोग कार्यालय भेज रही हैं।
इन्होंने बताया
लोकतंत्र के पर्व में हमारे फौजी भी सक्रियता से मतदान कर सकें, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने को प्रतिबद्ध हैं।
- अनिल ढींगरा, जिला निर्वाचन अधिकारी
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