34 किलो का गोला 27 किमी तक फेंकती है गन
मेरठ : बच्चों! क्या आप जानते हैं? भारतीय सेना के पास एक ऐसी गन है जो 34 किग्रा के गोले का
मेरठ : बच्चों! क्या आप जानते हैं? भारतीय सेना के पास एक ऐसी गन है जो 34 किग्रा के गोले को साढ़े 27 किमी दूर दुश्मन पर बरसाती है। यह गन सेना के आर्टीलरी की 130 एमएम रसियन फील्ड गन। इसके गोले जिस जगह पर गिरते हैं वहां 50 मीटर के दायरे में सब कुछ भस्म कर देते हैं। अगर नहीं जानते हैं तो आपके लिए यह एक बेहतरीन मौका है जब आप अपनी सेना के ऐसे ही अनेकों गन, टैंक व अन्य हथियारों के बारे में स्वयं सेना के जवानों से जान सकते हैं। सेना की ओर से पाइन डिवीजन द्वारा कुलवंत सिंह स्टेडियम में आयोजित 'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम में शुक्रवार को भी आप सभी को यह मौका मिल सकता है। आज प्रदर्शनी में सुबह 10 बजे व दोपहर बाद तीन बजे आर्मी बैंड की प्रस्तुति भी होती है।
गुरुवार को करीब आठ हजार स्कूली बच्चे व आम शहरी लोगों ने सेना की ओर से आयोजित आर्मी मेले में सैन्य प्रदर्शनी और आर्मी बैंड की प्रस्तुति देखी। आर्मी मेले का शुभारंभ पाइन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अतुल्य सोलंकी ने किया। सुबह 10 बजे के बाद स्कूली बच्चों का आगमन शुरू हुआ और एक बजे तक शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चे शिक्षकों के साथ पहुंचे। सेना के टैंक पर चढ़कर तस्वीरें लेने के साथ ही बड़े बच्चों ने उनकी क्षमताओं के बारे में बारीकी से जानने रुचि दिखाई।
60 किमी की रफ्तार से दौड़ता है टैंक
आम तौर पर भारी भरकम टैंक के बारे में यही धारणा होती है कि वह बहुत धीरे ही चलता होगा। पर ऐसा नहीं है। आर्मी मेले में लगे सेना के टी-72 टैंक की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटा है। इस टैंक के तीन प्रकार है। इनमें टी-72 पूरी तरह से रसियन टैंक है। टी-72 एम को रसिया से उपकरण लेकर भारत में तैयार किया गया है। और टी-72 एम अजय पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है। इसमें लगे कैमरों से छह किलोमीटर तक बिलकुल साफ दिखाई देता है। यह टैंक अपने दुश्मन को दो किमी दूरी से पूरी तरह से नष्ट करने में सक्षम है। हालांकि इसकी मारक क्षमता छह किमी से भी अधिक है। आटोमेटिक सिस्टम में ये टैंक एक मिनट में छह से आठ गोले फायर करते हैं।
धुंआ भी निकालते हैं ये गोले
सेना की ओर से आर्मी मेले में लाइट फील्ड गन भी रखे गए हैं जिनसे दुश्मन को नष्ट करने के साथ ही कुछ समय के लिए उसकी निगाहों में धूल झोंकने वाले गोले भी दागे जाते हैं। इससे तीन रंग, व्हाइट, ओरेंज और ग्रीन, स्मौक वाले गोले भी दागे जाते हैं। मौसम के अनुसार निर्धारित रंग वाले धुएं के गोले का इस्तेमाल किया जाता है। गुरुवार को केंद्रीय विद्यालय डोगरा लाइंस, महावीर इंटरनेशनल, माउंट लिट्रा जी स्कूल, एमएस पब्लिक स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर और जवाहर नवोदय विद्यालय के बच्चे आर्मी मेले में पहुंचे।