अंशुल ने नौवीं में ही सोच लिया था, पापा को आडी करेंगे गिफ्ट, एक करोड़ 20 लाख के पैकेज तक पहुंचने को ऐसे ही पढ़ाई
अंशुल ने मेरठ के दीवान पब्लिक स्कूल से वर्ष 2014 में दसवीं 10 सीजीपीए से उत्तीर्ण की थी। 2016 में 88 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण की। रात में दो से तीन बजे तक पढ़ाई का शेड्यूल बनाया। मोबाइल को लेकर उनका कहना है कि इससे ध्यान भटकता है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ के भोला रोड स्थित मुल्तान नगर निवासी अंशुल को ग्रेविटोन कंपनी में एक करोड़ 20 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर नौकरी मिली है। उन्होंने अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी नहीं की है। उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा है। वह नौवीं कक्षा में ही कुछ बड़ा करने का सपना देखते थे। उनका एक सपना अपने पिता के लिए आडी कार गिफ्ट करने का भी था। अब वह इस ख्वाब को भी पूरा कर सकेंगे।
अंशुल के पिता प्रवीण कुमार एकाउंटेंट हैं और उनकी मां शशि गोयल गृहणी हैं। दैनिक जागरण से उन्होंने करियर और अपने सपने को लेकर बातचीत की। इस दौरान उनके परिवार के कई सदस्य भी मौजूद रहे।
डेढ़ साल से घर से पढ़ाई
अंशुल आइआइटी खडग़पुर में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे हैं। एक सेमेस्टर की पढ़ाई शेष है। कोविड के चलते डेढ़ साल से वह घर रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई के दौरान उन्होंने मशीन लर्निंग, साफ्टवेयर डिजाइिनंग में कई इंटर्नशिप भी पूरी कीं, जिसका लाभ उन्हें प्लेसमेंट में मिला। ग्रेविटोन कंपनी के कैंपस प्लेसमेंट को भी उन्होंने घर से ही किया। वीडियो कालिंग से इंटरव्यू दिया। करीब डेढ़ घंटे में दो राउंड के इंटरव्यू में उनसे कंप्यूटर, साफ्टवेयर, सी प्लस प्लस, कोङ्क्षडग, प्रोग्रामिंग आदि के सवाल पूछे गए। उन्होंने सभी का सटीक जवाब दिया।
साफ्टवेयर करेंगे डेवलप
अप्रैल में अंशुल का कोर्स पूरा होगा। फिर वह कंपनी में साफ्टवेयर डेवलपर इंजीनियर पद पर ज्वाइन करेंगे। बकौल अंशुल, तीन माह की ट्रेङ्क्षनग के बाद पता चलेगा कि कंपनी कैसा साफ्टवेयर तैयार कराना चाहती है। भारी भरकम पैकेज के बाद भी अंशुल का सपना खुद का स्टार्टअप चलाने का है।
आइआइटी से मिली नई मंजिल
अंशुल बताते हैं कि 10वीं में पढ़ाई के दौरान जेईई के विषय में सोचना शुरू किया था। 12वीं के बाद 2017 में जेईई में 273वां स्थान मिलने के कारण आइआइटी खडग़पुर में प्रवेश मिला। अच्छे संस्थान में प्रवेश मिलना ही टर्निंग प्वाइंट रहा।
मोबाइल से दूरी, किताबों से प्रेम
अंशुल ने दीवान पब्लिक स्कूल से वर्ष 2014 में दसवीं 10 सीजीपीए से उत्तीर्ण की थी। 2016 में 88 फीसद अंक के साथ 12वीं उत्तीर्ण की। फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स में उनके 95 फीसद से अधिक अंक रहे। रात में दो से तीन बजे तक पढ़ाई का शेड्यूल बनाया। मोबाइल को लेकर उनका कहना है कि इससे ध्यान भटकता है। छात्रों को उनकी सलाह है कि 11वीं कक्षा को अच्छे से पढऩा चाहिए। इससे 12वीं बोर्ड और जेईई की तैयारी आसान हो जाती है। घर से तैयारी के लिए डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम बेहद उपयोगी है।