Move to Jagran APP

मेरठ के अंकित ने तय किया मनाली के सोलांग की 18 हजार फिट ऊंची फ्रेंडशिप वैली का सफर, ऐसे मिला हौंसला

Mountaineer Ankit Kush अपने हौंसले से मेरठ के सरधना निवासी अमित कुश ने मनाली के सोलांग की 18 हजार फिट ऊंची माउंटेन फ्रेंडशिप पिक पर खराब मौसम में चढ़ाई कर अपना सपना और लक्ष्य दोनों पूरा किया। अब वे वापस लौट आए हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 11:50 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 01:14 PM (IST)
मेरठ के अंकित ने तय किया मनाली के सोलांग की 18 हजार फिट ऊंची फ्रेंडशिप वैली का सफर, ऐसे मिला हौंसला
Mountaineer Ankit Kush मेरठ के अमित कुश ने 18 हजार फिट ऊंची माउंटेन फ्रेंडशिप वैली का सफर किया।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Mountaineer Ankit Kush अंजाने सफर पर भी अगर सच्चे हमसफर मिल जाए तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ मेरठ के सरधना भूनी निवासी अंकित कुश के साथ जिन्होंने मनाली के सोलांग की 18 हजार फिट ऊंची माउंटेन फ्रेंडशिप पीक पर खराब मौसम में चढ़ाई कर अपना सपना और लक्ष्य दोनों पूरा किया। यह सफर उन्होंने 17 जून को शुरू किया और 24 जून को वह वापस लौट आए हैं।

loksabha election banner

सफर मुश्‍किल था, लेकिन...

अंकित इस सफर की दास्तां सुनाते हुए बताते हैं कि यह सफर मुश्किल था, लेकिन अंजाने दोस्तों के साथ ने मुझे हौंसला दिया और मैं यह सफर पूरा कर सका। माउंटेन फ्रेंडशिप पिक र 25 प्रतिशत चढ़ाई करने के बाद अचानक मौसम खराब हो गया और बर्फवारी शुरू हो गई। बर्फवारी के कारण आगे का सफर तय करना मुश्किल हो गया। मेरे साथ अन्य मुसाफिर भी बर्फ में फंस गए। बर्फ इतनी तेज थी कि हमारे टेंट भी बर्फ में दब गए। यह बर्फवारी लगातार 15 घंटे तक होती रही और सभी एक दूसरे से बिछुड़ गए। हमारे पास खाने तक का सामान भी नहीं बचा था।

बर्फवारी रुकने पर लगा हम सुरक्षित हैं

अंकित बताते हैं पहाड़ों के मौसम के बारे में कुछ भी अनुमान लगाना मुश्किल है। बर्फवारी इतनी तेज थी कि लोग बर्फ में दब रहे थे। ऐसे में नीचे उतरना भी संभव नहीं था। ऐसे में उन्हीं दबे हुए टेंट में हमें 15 घंटे गुजारने पड़े। जिसके पास खाने के लिए जो कुछ था उसे खाकर ही गुजारा करना पड़ा। सभी एक दूसरे को हिम्मत दे रहे थे कि जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा। 15 घंटे बाद जब मौसम साफ हुआ तब जाकर लगा कि हम सब सुरक्षित हैं। अंकित इससे पहले केजीएल कश्मीर गेट लेक की चढ़ाई भी कर चुके हैं। जिसकी ऊंचाई 12 हजार फिट है।

गिटार बजाने का भी शौक

यह दूसरी वैली है जिसपर उन्होंने कठिनाईयों के बावजूद पूरा किया। जिसे पूरी करने में अंकित को डेढ़ दिन ज्यादा लगा। इस सफर में बंगलुरू के मनोज, उड़ीसा के भावास और सौभाग्य, बिहार से राजीव और हिमांचल प्रदेश के शाहिद भी साथ थे। मुबंई की एक कंपनी में प्राइवेट जाब करने अंकित को माउंटेनिंग के अलावा गिटार बजाने का भी शौक है। उनका मानना है कि जीवन जीने के लिए अपने लिए समय निकालना जरूरी है। इससे आप तनावमुक्त होते हैं और अपने काम को बेहतरीन तरीके से करना शुरू करते हैं। इसलिए साल में कुछ दिनों के लिए मैं अपने लिए समय जरूर निकालता हूं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.