योग का कमाल देखिए, जटिल रोग भी छू-मंतर हुआ
योग ने कमर दर्द की सर्जरी से बचाया, 45 मिनट तक किया सूर्य नमस्कार। यूएसए के 150 मरीजों का दूर किया डिप्रेशन, मेडिकल में एचआइवी मरीजों में सुधार।
मेरठ (संतोष शुक्ल)। कमर में स्पोंडलाइटिस से तेज दर्द। मरीज आगे और पीछे झुकने में भी असमर्थ। अगर ऐसा मरीज लगातार 45 मिनट तक सूर्य नमस्कार करता नजर आए तो हैरानी तय है। योग साधना से सुधीर शर्मा को कमर दर्द से निजात मिली, जबकि न्यूरो विशेषज्ञ ने हाथ खड़े करते हुए आप्रेशन जरूरी बताया था। उधर, मेडिकल कालेज के शोध में एचआइवी के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता में भी जबरदस्त सुधार देखा गया है। कमर दर्द छूमंतर
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में तमाम असाध्य बीमारियों के निदान की क्षमता है। महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. चंद्रचूड़ मिश्र ने स्पोंडलाइटिस पर योग के प्रभाव का अध्ययन किया। दबथुआ निवासी सुधीर शर्मा (30) लंबे समय से स्पोंडलाइटिस बीमारी से परेशान थे। एमआरआई के बाद न्यूरोसर्जन ने आप्रेशन को ही इसका इलाज बताया। सुधीर के एल-4 व एल-5 में दिक्कत थी। वह आगे व पीछे झुकने में असमर्थ थे। उन्हें नियमित रूप से त्रिकोणासन और पार्श्वकोण आसन समेत कई अन्य मुद्राएं कराई गई। एक माह में वह काफी ठीक हो गए। दर्द फिर न उभरे, इसके लिए उनको नाड़ी स्वेदन और अभ्यंग का इलाज दिया गया। आखिरकार योग दिवस पर उन्होंने सूर्य नमस्कार कर सबको चौंका दिया। डिप्रेशन का अमेरिका तक इलाज
प्राकृतिक योग चिकित्सक डा. प्रदीप भागवत ने यूएसए के मैग्नेट सर्टिफाइड अस्पतालों के साथ मिलकर करीब 150 मरीजों पर शोध किया। 2015 से चल रहे शोध में मरीजों के लिए 14 आसन तय किए गए। हर आसन पांच-पांच मिनट करने के बाद उनकी रिपोर्ट बनाई गई। करीब दो माह के रिसर्च में साफ हुआ कि मरीजों का डिप्रेशन का स्तर काफी घट गया। दावा किया कि इससे हार्ट का खतरा 80 फीसद कम हो जाएगा। एमआइवी के मरीजों में सुधार
मेडिकल कालेज में डा. मुकेश यादव, डा. टीवीएस आर्य व डा. प्रदीप भागवत ने मिलकर पांच वर्ष में एचआइवी, टीबी, चेस्ट, कार्डियक, किडनी व शुगर के करीब सौ मरीजों पर शोध किया। एचआइवी मरीजों को अनुलोम-विलोम, नाड़ी शोधन व प्राणायाम कराया गया। एचआइवी के मरीजों का सीडी-4 काउंट नियंत्रित हो गया, जबकि टीबी के मरीजों के फेफड़े मजबूत हो गए। मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य ने बताया कि योग की तमाम मुद्राएं चिकित्सीय गुणों से भरी हैं। मेडिकल में टीबी, एचआइवी, चेस्ट व शुगर समेत तमाम मरीजों को योग कराया गया, जिनमें बड़ा सुधार मिला। इसे नियमित रूप से मरीजों पर आजमाया जाना चाहिए। महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के डा. चंद्रचूड़ मिश्रा ने बताया कि कमर की स्पोंडलाइटिस में मरीज को असहनीय दर्द होता है। त्रिकोणासन और पार्श्वकोण आसन नियमित रूप से एक माह कराया गया। आज यह मरीज सूर्य नमस्कार करने में सक्षम है। यह शोध राष्ट्रीय स्तर के कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया जाएगा। नेचुरोपैथी एवं वेलनेस मैनेजमेंट विशेषज्ञ डा. मोहन भागवत का कहना है कि डिप्रेशन व एंजाइटी के शिकार 150 से ज्यादा मरीजों पर 14 प्रकार की योग मुद्राओं के प्रभाव का अध्ययन किया गया। डिप्रेशन के साथ ही अन्य बीमारियां भी ठीक हो गई। सात मिनट के योग में प्रसन्नता का खजाना छुपा है।