GIC में पुरातन छात्रों ने ताजा की पुरानी यादें, कुल्हड़ में पी चाय, प्लास्टिक को कहा बाय-बाय Meerut News
राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ में मंगलवार को पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में शामिल 80 पुरातन छात्रों को सम्मानित किया गया।
मेरठ, जेएनएन। राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ में मंगलवार को पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में वर्ष 1962 से लेकर साल 2015 तक के 80 से अधिक पुरातन छात्रों ने हिस्सा लिया। इनमें मेरठ, दिल्ली, हरियाणा, देहरादून आदि जगहों से लोग सम्मेलन में हिस्सा लेने जीआइसी पहुंचे और एक दूसरे से मुलाकात कर अपनी यादों को साझा किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कैंट विधायक सत्यपाल सत्य प्रकाश अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल को दो लाख तक का फर्नीचर भी दिलाने की घोषणा की। इसके साथ ही स्कूल का हाल बनवाने में भी मदद का आश्वासन दिया।
मिलकर ताजा हुई यादें
पुरातन छात्रों में मनमोहन सिंह, राजकुमार, डॉ विनय अग्रवाल, राजीव सक्सेना, विजय वर्मा, पवन कुमार वर्मा, नासिर हुसैन, गुरविंदर सिंह, शाहनवाज, अभय श्रीवास्तव, अरुण कुमार शर्मा, निर्भय जौहरी, पुष्पेंद्र कुमार आदि ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में 80 पुरातन छात्रों को सम्मानित कर उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। स्कूल के बच्चों ने स्वागत गीत के साथ ही अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।
प्लास्टिक छोड़ने का दिया संदेश
कार्यक्रम के दौरान सभी ने प्लास्टिक का इस्तेमाल छोड़ने पर जोर दिया और एक दूसरे को संदेश भी दिया। इसी संदेश को जीते हुए कार्यक्रम में प्लास्टिक की सामग्री इस्तेमाल नहीं की गई। यहां तक कि सभी पुरातन छात्रों ने कुल्हड़ में चाय पिया। स्कूल की ओर से शिक्षिका संगीता शर्मा, दीपिका मलिक, नीना त्यागी, जेबा शकील, आराधना भारद्वाज ने सभी पुरातन छात्रों को बैज एवं माला पहनाकर अलंकृत किया और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। स्कूल के प्रिंसिपल फतेह चंद ने सभी पुरातन छात्रों का आभार प्रकट किया और उन्हें स्कूल से जुड़े रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षकों में कमल किशोर, आशीष शर्मा, जयंत चक्रवर्ती, राजेंद्र कुमार, ताज़ीम रिज़वी, सतीश कुमार, राधेश्याम यादव सहित उप प्रधानाचार्य राजेंद्र कुमार सिंह ने विशेष योगदान दिया।
सब जुड़ेंगे तो स्कूल बढ़ेगा
विद्यालय के 1979 बैच के पुरातन छात्र एवं हमसफर संस्था के प्रेसिडेंट जवाहर सिंह ने कहा कि वैसे तो हम स्कूल से जुड़े रहे और दोबारा हमसफर के साथ सफर अब तक चल रहा है लेकिन इस तरह के एक कार्यक्रम में आकर और भी बहुत सारे सीनियर व जूनियर लोगों से मुलाकात हुई जो हमारे समय में या फिर हमारे जाने के बाद स्कूल से जुड़े थे। यह अनुभव काफी अच्छा रहा। राजकीय विद्यालयों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए जिससे पुराने छात्र जुड़े और स्कूलों को उनसे मदद मिले जिससे स्कूलों के हालात को एक बार फिर सुधारा जा सके।
यहीं पढ़े, यही दे रहे सेवा
1989 बैच के निर्भय जोहरी जीआईसी में पढ़ने के बाद आज जीआईसी में ही वरिष्ठ सहायक के तौर पर कार्यरत है। उन्होंने बताया कि पहली नियुक्ति सहारनपुर में होने के बाद उनका जीआईसी मेरठ में स्थानांतरण हुआ और तब से वह स्कूल से ही जुड़े हैं। इसलिए उन्हें आज भी स्कूली दिनों जैसा माहौल ही मिलता रहता है।
आज भी जुड़ा है पूरा बैच
उसी बैच के राजीव वार्ष्णेय मेरठ में अपना बिजनेस करते हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के बाद स्कूल आना नहीं हो पाया था, पर पुरातन छात्र सम्मेलन में पहुंचकर वही पुराना एहसास हो रहा है। हमने पुराने भवन में पढ़ाई की थी। हालांकि अब नया भवन बन गया है। वर्ष 1989 मैच के ही विपुल वर्तमान में केके इंटर कॉलेज में गणित के शिक्षक है। उन्होंने बताया कि वह स्कूल से हमेशा से ही जुड़े हुए हैं और उन लोगों ने अपने बैच के सभी साथियों को भी एक दूसरे से व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जोड़ रखा है।