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चंडीगढ़ भेजा गया जासूसी का आरोपित कंचन, पश्चिमी कमान करेगी पूछताछ

मेरठ छावनी में पाकिस्‍तान के लिए जासूसी का आरोपित कंचन चंडीगढ़ भेजा गया। डिवीजन स्तर की जांच पूरी हुई पश्चिमी कमान ने अपने हाथ में ली जांच।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 05:14 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 05:56 PM (IST)
चंडीगढ़ भेजा गया जासूसी का आरोपित कंचन, पश्चिमी कमान करेगी पूछताछ
मेरठ (जेएनएन)। पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआइओ) के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए सैनिक कंचन सिंह की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। मेरठ छावनी स्थित चार्जिंग रैम डिवीजन के सिग्नल रेजिमेंट में कार्यरत कंचन सिंह की प्राथमिक जांच पूरी होने के बाद अब मामले को पश्चिमी कमान ने अपने हाथ में ले लिया है। मेरठ से मिली जांच रिपोर्ट के बाद अब कमान की ओर से गठित उच्चस्तरीय टीम मामले की जांच को आगे बढ़ाएगी। मामले से जुड़े सभी अहम दस्तावेज के साथ मेरठ के जांच अधिकारी को कमान में बुलाकर विस्तार से जानकारी ली गई है। 
कंचन को ले गए चंडीगढ़
सेना की ओर से मामले की जांच को आगे बढ़ाने के साथ ही कंचन सिंह को भी चंडीगढ़ स्थित कमान मुख्यालय भेज दिया गया है। कमान स्तर पर गठित जांच टीम अब कंचन से चंडीगढ़ में ही पूछताछ करेगी। मेरठ से मिले जांच रिपोर्ट में सभी अहम सुराग और दस्तावेजों के आधार पर आगे की जांच को विस्तृत रूप दिया जाएगा। सेना की उच्चस्तरीय जांच में मामले में हर बिंदु पर गहन पूछताछ के साथ ही साक्ष्यों को कंचन के कथन से मिलान किया जाएगा। इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है इसलिए पूरा ब्यौरा कमान में ही भेज दिया गया है।
नहीं मिली किसी और की मिलीभगत
जासूसी कांड में मेरठ में अब तक हुई प्राथमिक जांच में कंचन के साथ किसी और के सम्मलित होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। मामले की जांच अब कमान की ओर से शुरू किए जाने के बाद भी मेरठ छावनी में डिवीजन की ओर से मामले पर नजर बनाकर रखी जा रही है। इसमें पकड़े गए सिग्नलमैन की करतूत को सामने रखते हुए सेना की ओर से सिस्टम को खंगालने पर जोर दिया जा रहा है। यहां सुरक्षा से जुड़े सभी वर्ग इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि यदि कोई और सैनिक इस तरह से किसी पाकिस्तानी के साथ संपर्क में है तो उसे या उन्हें खोजने की जरूरत है।
खंगाले जा रहे सोशल प्रोफाइल
कंचन सिंह की ही तरह अन्य सैनिक भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उनके दोस्तों की लिस्ट को खंगाला जा रहा है। ऐसे में यदि कोई भी सैनिक अपनी लिस्ट से दोस्तों को डिलीट भी करता है उससे पूछताछ की जा सकती है। सेना की यूनिटों में पहले ही स्मार्ट फोन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब इस मामले के बाद तमाम यूनिटों के साथ ही प्रमुख कार्यालयों में स्मार्ट फोन इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जा रहा है।
खबर फैलते ही सतर्क हुआ कमांड
दैनिक जागरण की ओर से बुधवार 17 अक्टूबर को सेना में जासूस पकड़े जाने की खबर सार्वजनिक होते ही मेरठ छावनी से पश्चिमी कमान तक सेना अलर्ट हो गई। इससे पहले 10 दिन से चल रही मामले की जांच के साथ ही पश्चिमी कमान ने कंचन के साथ ही मामले से जुड़े हर तथ्य को कमान मुख्यालय पहुंचाने के निर्देश दिए। इसके बाद ही कंचन सिंह को मेरठ से चंडीगढ़ के लिए रवाना कर दिया गया। 

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