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अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित समिति ने रामविलास पासवान को दी श्रद्धांजलि

अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर खान ने गुरुवार को कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान व पूर्व कैबिनेट मंत्री काजी रशीद मसूद के निधन पर शोक सभा आयोजित की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 01:58 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 01:58 AM (IST)
अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित समिति ने रामविलास पासवान को दी श्रद्धांजलि
अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित समिति ने रामविलास पासवान को दी श्रद्धांजलि

मेरठ, जेएनएन। अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर खान ने गुरुवार को कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान व पूर्व कैबिनेट मंत्री काजी रशीद मसूद के निधन पर शोक सभा आयोजित की। जिसमें उन्होंने समिति के अन्य सदस्यों के साथ दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांत के लिए कामना कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सरफराज कुरैशी, इमरान इलाही, सुरेंद्र नागर समेत अन्य मौजूद रहे।

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बुनकरों ने किया शहर विधायक का सम्मान

सस्ती बिजली की सुविधा 31 जुलाई 2020 तक देने के प्रदेश सरकार के आदेश गुरुवार को जारी हो गए। जिससे खुश बुनकर एसोसिएशन मेरठ के बैनर तले बुनकरों ने शहर विधायक रफीक अंसारी का स्वागत किया। संगठन अध्यक्ष हाजी रहीसुद्दीन ने बताया कि छूट वाली बिजली की सुविधा खत्म होने से बुनकरों पर बिजली बिल के लाखों बकाया की तलवार लटक रही थी। यह समस्या शहर विधायक के प्रयासों से हल हो गई है। अब बुनकरों का जुलाई तक का बिजली बिल पुरानी फिक्स दरों के आधार पर ही जमा हो जाएगा। इस दौरान बुनकरों ने मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह तथा अपर मुख्य सचिव रमा रमण का भी धन्यवाद दिया। वहीं, भाजपा नेता अशोक धवन एवं भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा ने इस आदेश को अपने प्रयासों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस आदेश से बुनकरों को संजीवनी मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का धन्यवाद दिया।

विवि के खिलाफ अवमानना का केस

जनता डिग्री कालेज के प्रबंध समिति के सदस्य योगेंद्र और जयदीप सिंह की ओर से विवि के खिलाफ अवमानना का केस दर्ज कराया गया है। उन्होंने प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों पर अनियमितता की शिकायत की थी। दोनों सदस्यों ने इसके खिलाफ साक्ष्य भी दिए थे। जिसमें साक्ष्य को न देखते विवि से दूसरे पक्ष को मान्यता दे दी गई। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी। कोर्ट ने कुलपति को इस मामले में पुर्नविचार करने को कहा था। अब अवमानना का केस दर्ज करा दिया है।


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