अब मथुरा में दर्ज हुआ अतीकुर्रहमान पर मुकदमा, जिले से जुड़े तार कर रहे पीएफआइ की सक्रियता का इशारा
मुजफ्फरनगर के बाद अब मथुरा में दर्ज हुआ अतीकुर्रहमान पर मुकदमा। मथुरा पुलिस ने हाथरस प्रकरण में हिंसा भड़काने के दिए संकेत। सोमवार की शाम को हाथरस जाते समय पुलिस के हाथ लगे तीन संदिग्धों में मुजफ्फरनगर का अतीकुर्रहमान उर्फ अतीक भी पकड़ा गया है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांव नंगला निवासी अतीकुर्रहमान उर्फ अतीक का पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़े होने तथा सीएए हिंसा में संलिप्तता न होने के स्थानीय पुलिस को साक्ष्य अभी तक नहीं मिल पाए हैं, लेकिन पीएफआइ जैसे अन्य संगठनों के नाम पर उत्तर प्रदेश में हिंसा फैलाने वाला जाल मुजफ्फरनगर सहित कई जनपदों में तैयार हो रहा है। नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पीएफआइ का नाम सामने आया था। अब हाथरस जाते समय पकड़ा गया अतीकुर्रहमान का नाम पीएफआइ कनेक्शन और हिंसा भड़काने वालों में सामने आ गया है।
यह है मामला
हाथरस प्रकरण में कुछ संगठनों के नाम हिंसा फैलाने की साजिश में सामने आए हैं। प्रकरण को लेकर ही दिल्ली से हाथरस के रास्ते पर बढ़ी पुलिस की सक्रियता से चार संदिग्ध पकड़े गए हैं, जिनका संबंध पीएफआइ से बताया जा रहा है। उनके पास से पुलिस को छह स्मार्टफोन, एक लैपटाप और पंफलेट मिले हैं। चारों पर मथुरा के मांट थाने में मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन अतीकुर्रहमान पर हुए मुकदमे ने मुजफ्फरनगर पुलिस की आंखें भी खोलने को मजबूर कर दिया है। मूल रूप से मुजफ्फरनगर निवासी अतीकुर्रहमान लाकडाउन के बाद से जनपद में ही अधिकतर समय बीता रहा था। सीएए के विरोध में हुई हिंसा में अतीक का नाम आने के बाद भी पुलिस द्वारा उसे जेल न भेज पाना पीएफआइ जैसे कई अन्य संगठनों को बढ़ावा देने का मनोबल बढ़ाना जैसा है। यह स्थिति आने वाले दिनों में पुलिस के लिए भारी साबित हो सकती हैं। अतीकुर्रहमान पर मथुरा में दर्ज हुए मुकदमा इस बात पर भी मोहर लगा रहा है कि हाथरस प्रकरण के तार मुजफ्फरनगर से जुड़े हुए हैं। सूत्रों की मानें तो अतीकुर्रहमान के साथ मुजफ्फरनगर के कई अन्य युवा भी जुड़ा हुआ है।
नई जगह नए संगठनों के नाम
मुजफ्फरनगर में सीएए के विरोध में हुई हिंसा के दौरान पीएफआइ का नाम सामने आया था। इसमें पीएफआइ के मा. इकबाल, फरमान, मौलाना मुर्सलीन तथा नफीस को पुलिस ने गिरफ्तार कर चालान किया था, जबकि मौलवी इस्लाम, वसीम, मुनीर आलम, अतीकुर्रहमान, इरशाद तथा आफिस के खिलाफ विवेचना लंबित है। अतीकुर्रहमान नई जगह नए संगठन के नाम को आगे करता है। सीएए विरोधी ङ्क्षहसा में पीएफआइ, हाथरस प्रकरण में जस्टिस वर्ग हाथरस और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कैंपस फ्रंट आफ इंडिया के नाम को उछाला गया है, जो पीएफआइ का ही अंग है।