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मरीज की मौत पर हंगामा, परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़

शहर के एक अस्पताल में तीन दिन से भर्ती मरीज को मंगलवार रात डिस्चार्ज कर एंबुलेंस में डाल दिया गया। थोड़ी ही देर में मरीज ने दम तोड़ दिया। इसके बाद वहां पर हंगामा हो गया।

By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 11:03 AM (IST)
मरीज की मौत पर हंगामा, परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़
मरीज की मौत पर हंगामा, परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़
मेरठ,जेएनएन। गढ़ रोड स्थित सिल्वर क्रॉस अस्पताल में तीन दिन से भर्ती मरीज को मंगलवार रात डिस्चार्ज कर एंबुलेंस में डाल दिया गया। थोड़ी ही देर में मरीज ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी।
अस्पताल के डायरेक्टर ने की कई राउंड फायरिंग
आरोप है कि इस दौरान अस्पताल के डायरेक्टर ने कई राउंड फायरिंग की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत किया। करीब डेढ़ घंटे हंगामे के बाद परिजन शव लेकर चले गए। घटना के संबंध में अस्पताल के डायरेक्टर अमित त्यागी से बात करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
किडनी में समस्या के चलते किया था भर्ती
जानकारी के मुताबिक जोगीपुरा निवासी यासीन (55) को किडनी की प्रॉब्लम थी,जिसके चलते परिजनों ने गत दो जून को उसे गढ़ रोड पर मेडिकल थाना क्षेत्र स्थित सिल्वर क्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताते हुए मंगलवार रात करीब 10 बजे जबरन डिस्चार्ज कर एंबुलेंस में डाल दिया। थोड़ी ही देर में यासीन ने दम तोड़ दिया,जिसके बाद परिजन भड़क गए।
गोली चलाने पर बिगड़ा माहौल
उन्होंने अस्पताल स्टाफ से हाथापाई करते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक परिजनों का हंगामा बढ़ता देख अस्पताल के डायरेक्टर ने गोली चलानी शुरू कर दी,जिससे माहौल और बिगड़ गया। देखते ही देखते तनाव की स्थिति पैदा हो गई। मेडिकल पुलिस ने जैसे-जैसे परिजनों को शांत किया। करीब डेढ़ घंटे हंगामे के बाद परिजन रात करीब पौने 12 बजे शव लेकर चले गए।
प्रबंधन ने कहा, मरीज की हालत गंभीर थी
इंस्पेक्टर मेडिकल प्रशांत मिश्र के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि भर्ती के दौरान ही मरीज की हालत गंभीर थी। डॉक्टर तभी से मरीज को किसी अन्य जगह ले जाने की बात कह रहे थे। परिजन ही डिस्चार्ज करने को तैयार नहीं थे। हालत ज्यादा बिगड़ने पर मरीज को मंगलवार रात डिस्चार्ज कर दिया। इसके बाद भी परिजन उसे नहीं ले गए और एंबुलेंस में पड़ा रहने दिया। 

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