After Ayodhya Verdict : ये शहर है अमन का, यहां की फिजा है निराली Meerut News
अयोध्या फैसले के दूसरे दिन ही मुस्लिम सिख व जैन धर्म के त्योहार के बड़े कार्यक्रम पूरी तसल्ली जोशो खरोश और शांति से संपन्न हुए तो हिंदुओं के जय श्रीराम के दीये भी जगमगाते रहे।
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। After Ayodhya Verdict आज दरिया चली खुद लहर ढूंढने, तल्खियां नहीं खुश शहर ढूंढने, आज आबोहवा है निराली बहुत, मिल गया है अमन हर पहर ढूंढने।। शनिवार को जिस अमनो-अमान के फिजा की इबारत लिखकर मेरठ दिलों पर छा गया था, वह शहर रविवार को मुकम्मल हो गया। किसी शायर का यह शेर उस खूबसूरत इत्तफाक को भी तस्दीक कर रहा है जब अयोध्या फैसले के दूसरे दिन ही मुस्लिम, सिख व जैन धर्म के त्योहार के बड़े कार्यक्रम पूरी तसल्ली, जोशो खरोश और शांति से संपन्न हुए तो हिंदुओं के जय श्रीराम के दीये भी जगमगाते रहे।
गुलजार हुए बाजार
मशक्कत पुलिस को करनी पड़ी न ही मोअज्जिज लोगों को। बाजार इस कदर गुलजार हुए कि तिल रखने की जगह न मिली। चौराहे जाम से हांफ गए। भला हो अवकाश का, नहीं तो स्कूल बसों और दफ्तरों के वाहनों से शहर पट जाता और जो पुलिस शांति में तैनात है, उसे जाम खुलवाने को पूरे दिन माथापच्ची करनी पड़ती। खैर, यहां-वहां खड़े सुरक्षा बल के जवान शायद यही सोचते रहे कि उनकी जरूरत ही क्या है। अधिकारियों को जायजे में सब ठीक मिला, पेशानी को सुकून का संदेश मिला।
चेहरे पर जोश, हाथों में तिरंगा
सुबह 11 बजे करीब मुस्लिम समुदाय के त्योहार ईद-ए मिलाद उन नबी के मौके पर घंटाघर पर पहले तकरीर हुई, फिर जलसा निकला। युवा तेज आवाज में गाते हुए शहर में घूमे। चेहरे पर जोश और हाथों में तिरंगा था। उन्होंने संदेश दिया मजहब परस्ती का और वतनपरस्ती का। जलसे में शामिल एक तख्ती पर जो संदेश लिखा था 'चुगली से करो तौबा' यह उन फिरकापरस्तों के लिए था, जो सद्भावना बिगाडऩे को चुगली को अपनी आदतों में शुमार करते हैं। जलसे को दिक्कत न हो, इसलिए कई मार्ग बंद किए गए। लेकिन जो वाहन किसी तरफ से आ भी गए थे, वे जलसा देखकर रुक गए।
उमंग के साथ हुए सभी कार्यक्रम
उधर, सिख धर्म के प्रकाश पर्व के भी कार्यक्रम पूरी उमंग से हुए। युवाओं का गतका प्रदर्शन दिखा। जिसे देखने के लिए तमाम लोग रुके। इसे रहमान ने देखा, सुखवीर और गंगेश ने भी। जैन धर्म के कार्यक्रम त्यागी हॉस्टल में उसी तसल्ली से हुए, जैसे और दिनों में होते रहे हैं। कुछ ङ्क्षहदुओं ने श्रीराम के प्रति अपना अनुराग व्यक्त किया और दीये से जय राम लिख दिया। रामा संकीर्तन मंदिर से प्रभातफेरी निकाली गई। पुलिस उसी तरह से चौराहों व प्रशासन की ओर घोषित संवेदनशील स्थानों पर तैनात थी, लेकिन उनकी जरूरत की गुंजाइश बची नहीं।
जहां आरएएफ दुकानदारों के चेहरे पढ़कर पाती रही सुकून
शनिवार को एक दिन के लिए कुछ बाजार बंद क्या हुए, दूसरे दिन वहां पैर रखने की जगह नहीं मिल पा रही थी। लालकुर्ती पैंठ किसी मेले की भीड़ की मानिंद दिखाई दी। घंटाघर पर लगी पैंठ में लोगों ने जी भरकर खरीदारी की। हापुड़ अड्डा चौराहे के पास भगत सिंह मार्केट की रौनक निराली थी। जबरदस्त भीड़ और जमकर खरीदारी से दुकानदारों की खुशी देखने लायक थी। यहां शुक्रवार रात ही आरएएफ तैनात कर दी गई थी, इसके जवान यहां दुकानदारों के चेहरे की खुशी पढ़कर सुकून पाते रहे।
ये सुकूं बताता है वक्त थमा नहीं
सदर बाजार शिव चौक पर गोलगप्पे खाते हुए महिलाओं का सुकून बताता है कि शहर जिस मस्ती में जी रहा था और जिस रौ में आगे बढ़ रहा था, उसे कोई फैसला थाम नहीं सकता। वक्त थम नहीं सकता, क्योंकि गोलगप्पे के चटखारे गंगा-जमुनी तहजीब की मिठास के बाद का स्वाद है।