अयोध्या निर्णय के बाद मेरठ जोन में नौ हजार सोशल मीडिया एकाउंट बंद Meerut News
अयोध्या पर निर्णय आने के बाद सोशल मीडिया पर माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले पुलिस के खास निशाने पर रहे। मेरठ जोन में सोशल मीडिया के करीब नौ हजार एकाउंट बंद कर दिए गए।
मेरठ, [अभिषेक कौशिक]। अयोध्या पर निर्णय आने के बाद सोशल मीडिया पर माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले पुलिस के खास निशाने पर रहे। इसी के चलते जोन में सोशल मीडिया के करीब नौ हजार एकाउंट बंद कर दिए गए। सबसे कम गाजियाबाद और सबसे ज्यादा एकाउंट गौतमबुद्धनगर जिले में बंद किए गए। इस दौरान नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उधर, सुरक्षा एजेंसियों ने छह दिसंबर को लेकर भी सोशल मीडिया की निगरानी शुरू कर दी है। एलआइयू और पुलिस भी सर्तक है।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट रहीं
नौ नवंबर को अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई थीं। एलआइयू व साइबर सेल को भी सक्रिय कर दिया था। सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी गई। इसके चलते ही नौ से 30 नवंबर तक 8917 सोशल मीडिया एकाउंट बंद किए गए। इनमें ट्विटर के 6572, फेसबुक के 2168 और यू-ट्यूब के 177 एकाउंट शामिल हैं।
रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई
अयोध्या निर्णय के बाद सबसे अधिक नजर सोशल मीडिया पर रही। आपत्तिजनक पोस्ट या ट्वीट पर कार्रवाई की गई। जानकारों ने बताया कि किसी पोस्ट पर कई रिपोर्ट होती हैं, तो उसे बंद किया जाता है। निर्णय के बाद नौ हजार लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों ने ही माहौल खराब करने का प्रयास करने वालों की रिपोर्ट की थी।
थानों में बनीं साइबर टीम
सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग और अपराध को देखते हुए डीजीपी ने थानों में साइबर टीम गठित करने के निर्देश दिए थे। जिले में चार थानों में साइबर टीम गठित की गई थी। यह टीम साइबर अपराध और सोशल मीडिया से जुड़े मामलों पर पैनी नजर रखे है।
जिलावार ऐसे हुई कार्रवाई
क्षेत्र-जिला ट्विटर फेसबुक यू-ट्यूब
मेरठ जोन >>710>>270 >>19
मेरठ रेंज >>850 >>295>>28
मेरठ >>529 >>244>>14
गाजियाबाद >>201 >>47 >>06
गौतमबुद्धनगर>>866>>293>>37
बुलंदशहर >>653 >>232>>17
बागपत >>559 >>142 >>08
हापुड़ >>630 >>220 >>18
सहारनपुर रेंज>>392>>65>>04
सहारनपुर >>535 >>144 >>21
मुजफ्फरनगर >>362 >>159>>00
शामली >>285 >>177>>03
योग >>6572 >>2168>>177
शिवसेना नहीं मनाएगी शौर्य दिवस
महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाने के बाद से ही शिवसेना ने कट्टर हिंदुत्व की छवि को अब बदले हुए माहौल के हिसाब से ढालना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में शिवसेना ने इस बार शौर्य दिवस नहीं मनाने का निर्णय लिया है। शिवसेना हर साल छह दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के दिन को विजय दिवस, शौर्य दिवस व संकल्प दिवस के रूप में मनाती रही है। हालांकि इस बार शौर्य दिवस मनाना तो दूर पार्टी इस दिन कोई आयोजन भी नहीं करेगी।
न कार्यक्रम और न ही जुलूस
इस दिन पक्ष या विरोध, जुलूस आदि कोई कार्यक्रम नहीं करेगी। शिव सेना की प्रदेश इकाई की ओर से इस संबंध में सभी जिला व महानगर इकाइयों को पत्र जारी किया गया है। शिवसेना के प्रदेश महासचिव व पश्चिमी उप्र प्रभारी धर्मेद्र तोमर ने बताया कि प्रदेश प्रमुख डॉ. अनिल सिंह का इस संबंध में आदेश आया है। प्रदेश प्रमुख के पत्र के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के अयोध्या प्रकरण पर आदेश के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है तो अब ऐसे दिवस मनाने का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है।