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एससी-एसटी के लंबित 27 मुकदमों में कार्रवाई के निर्देश

विशेष जाच प्रकोष्ठ के डीजी महेंद्र मोदी ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर एससी -एसटी एक्ट के मामलों की समीक्षा की। पुलिस ऑफिस पहुंचने पर डीजी को गार्ड ऑफ आनर देकर स्वागत किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:27 AM (IST)
एससी-एसटी के लंबित 27 मुकदमों में कार्रवाई के निर्देश
एससी-एसटी के लंबित 27 मुकदमों में कार्रवाई के निर्देश

मेरठ, जेएनएन : विशेष जाच प्रकोष्ठ के डीजी महेंद्र मोदी ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर एससी -एसटी एक्ट के मामलों की समीक्षा की। पुलिस ऑफिस पहुंचने पर डीजी को गार्ड ऑफ आनर देकर स्वागत किया। डीजी ने सभी मामलों की कार्रवाई के बारे में पूछा। उन्हें 27 मामले लंबित मिले है, जिनमें कार्रवाई के निर्देश दिए।

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विशेष जाच प्रकोष्ठ के डीजी महेंद्र मोदी बुधवार सुबह एसएसपी ऑफिस पहुंचे। एसएसपी के प्रयागराज में होने के कारण कार्यालय में मौजूद एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने डीजी का स्वागत किया। गार्ड ऑफ ऑनर लेने के बाद डीजी ने सीधे कार्यालय का रुख किया। हस्तिनापुर में कुछ महीने पहले दबंगों से तंग आकर जहर खाने वाले अनुसूचित जाति के परिवार के मामले सहित अन्य लंबित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने सभी लंबित मामलों की फाइलें खंगालते हुए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर चर्चा की। डीजी ने बताया कि हस्तिनापुर मामले में पुलिस की कोई लापरवाही नहीं पाई गई। प्रथम दृष्टया सामने आया है कि इस मामले में परिजनों ने ही पुलिस को देरी से सूचना दी थी।

एससी-एसटी एक्ट में मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

एसपी क्राइम ने बताया कि 2018 के दो और 2019 के 25 मामले अभी पेंडिंग चल रहे है, जिस पर उन्होंने जल्द विवेचना पूरी करने के आदेश दिए है। साथ ही उन्होंने मेरठ में क्राइम ग्राफ कम होने की भी बात कही। प्रयागराज जनपद में अपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि यदि अपराध बढ़ा है तो वहा एफआइआर दर्ज की गई हैं।

पेंशन और सहायता राशि जिला समाज कल्याण विभाग पर अटकी

एससी-एसटी एक्ट के मामलों में पेंशन और सहायता राशि देने का प्रावधान है। मेरठ में 2016 से अब तक पेंशन के 36 प्रस्ताव पुलिस ने पूरी कार्रवाई करके जिला समाज कल्याण विभाग में भेजे हुए है। लेकिन, वहां अटके हुए है। वहीं सहायता राशि 2019 के 84 मामलों में अभी नहीं दी गई है। यह भी समाज कल्याण विभाग के स्तर पर अटकी हुई है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए संबधित विभागों को पत्र लिखने के आदेश दिए है।


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