बिल्डर का कारनामा, एमडीए की जमीन पर बसा दिया मीनाक्षीपुरम
मेरठ। मवाना रोड पर स्थित मीनाक्षीपुरम कालोनी के कई सेक्टर में रहने वाले लोगों के लिए बुरी
मेरठ। मवाना रोड पर स्थित मीनाक्षीपुरम कालोनी के कई सेक्टर में रहने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। जाली कागजात तैयार कर मेरठ विकास प्राधिकरण की करीब 28 बीघा जमीन इस कालोनी में मिलाकर कब्जा कर लिया गया है। 50 साल बाद घपला सामने आया है। डीएम के आदेश पर गंगा नगर थाने में मैसर्स अग्रवाल एंड एसोसिएट कंपनी और कंपनी के एक प्रतिनिधि के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मवाना रोड स्थित मीनाक्षीपुरम अचानक चर्चाओं में आ गया है। गुरूवार रात एमडीए और जिला प्रशासन के अफसरों की बैठक में फर्जीवाड़ा कर जमीन कब्जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद डीएम ने रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए। एमडीए के अवर अभियंता सुबोध कुमार सिंहा ने गंगानगर थाने में कबाड़ी बाजार के जुनेजा मार्केट स्थित मैसर्स अग्रवाल एंड एसोसिएट, कंपनी के पार्टनर्स तथा कंपनी के प्रतिनिधि बिजेंद्र कुमार गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करा दिया। कंपनी संचालकों के नाम भू माफिया की सूची में दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
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ऐसे हुआ भूमि का गबन
वर्ष 1987 में मवाना रोड स्थित गांव कसेरू बक्सर में एमडीए ने आवासीय कालोनी के लिए भूमि का अधिग्रहण किया था। इसी गांव में आरोपित कंपनी ने 44 हजार 619 वर्ग मीटर भूमि पर कालोनी बसाने के लिए नक्शा संख्या 117 स्वीकृत कराया। 90 के दशक में कंपनी ने अपनी भूमि के साथ एमडीए की अधिग्रहीत की गई करीब 28 बीघा (71 हजार 630 वर्ग मीटर)भूमि पर भी फर्जी कागजात और पावर ऑफ अटार्नी के आधार पर कब्जा कर लिया। इसके बाद यहां मीनाक्षीपुरम कालोनी बसा दी गई। एमडीए के सूत्रों का कहना है कि सबसे अधिक गड़बड़ी कालोनी के एफ, जी और एच सेक्टर को बसाने में की गई थी।
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दशकों तक फाइलों में कैद रहा घपला
प्रदेश सरकार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने के लिए एंटी भू माफिया टॉस्क फोर्स का गठन किया है। सभी विभागों को गायब हो चुकी संपत्ति का ब्यौरा तैयार करने के लिए आदेश दिए। एमडीए अफसरों ने अपनी गायब हो चुकी अरबों रुपये कीमत की संपत्ति के मामले को दशकों तक फाइलों में ही कैद रखा। अब सरकार की सख्ती के बाद प्राधिकरण की नींद टूटी और भूमि का घपला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा।
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एमडीए कर रहा कार्रवाई से किनारा
आरोपित कंपनी से कई बड़े नाम जुडे़ होने के कारण इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एमडीए के अधिकारियों ने शुक्रवार को खामोशी की चादर ओढ़ ली। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तक जमीन के घपले और डीएम के आदेश पर दर्ज कराए गए मामले की जानकारी से इंकार करते रहे। थाने में मामला दर्ज कराने वाले अवर अभियंता ने भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया
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सत्ता दल से जुडे़ हैं सहयोगी
विवादों में आई मैसर्स अग्रवाल एंड एसोसिएट कंपनी से सत्ता दल के कई बडे़ नाम भी जुडे़ हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों की माने तो कई लोग वर्षो से इस कंपनी के सहयोगी हैं। अब उनके परिजन भी इस कंपनी में पार्टनर हैं। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2008 में भी भूमि गबन को लेकर कंपनी चर्चाओं में आई थी, लेकिन तब भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी थी। पूर्व विधायक अमित अग्रवाल के बिजेंद्र गुप्ता से नजदीकी और व्यावसायिक रिश्ते रहे हैं। इस संबंध में अमित अग्रवाल कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। बिजेंद्र गुप्ता से व्यावसायिक रिश्ते बहुत पहले खत्म हो चुके हैं।
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इन्होंने कहा ..
सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर कालोनी बसाने वाली कंपनी मैसर्स अग्रवाल एंड एसोसिएट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। कंपनी को भू माफिया की सूची में दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
-अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी
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अभी कार्रवाई से संबंधित फाइल नहीं देखी है, कागजात का अवलोकन करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-साहब सिंह, उपाध्यक्ष एमडीए
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