मुजफ्फरनगर में पत्नी की हत्या के बाद आरोपित ने तीनों मासूमों को गंगा नहर में फेंका, हत्या का कारण जान पुलिस रह गई हैरान
मुजफ्फरनगर के बसेड़ी में पत्नी की हत्या करने के बाद हत्यारोपित ने तीनों बच्चों को गंग नहर में फेंक दिया था। पुलिस और पीएसी के जवानों ने गंगनहर में चलाया सर्च अभियान। स्थानीय के अलावा मुरादाबाद पीएसी से स्टीमर संग बुलवाए गोताखोर।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बसेड़ी में पत्नी की हत्या करने के बाद हत्यारोपित ने तीनों बच्चों को गंग नहर में फेंक दिया था। पुलिस के हत्थे चढ़े पति ने जिंदा बच्चों को गंग नहर में फेकने की बात स्वीकारी तो पुलिस भी अचंभे में पड़ गई। मुरादाबाद से बुलाई गए पीएसी व स्थानीय गोताखोरों की सहायता से पुलिस शवों की तलाश में जुटी हैं।
यह है मामला
बसेड़ी में मंगलवार को पत्नी डोली की गोली मारकर हत्या करने वाले पति पप्पू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से पूछताछ में आरोपित ने बताया कि पत्नी की हत्या के तुरंत बाद वह बच्चों संग नहर पटरी पर पहुंचा। आभास हुआ कि पत्नी के बाद इन बच्चों को कौन पालेगा। इसी बात को लेकर उसने पांच वर्षीय सानिया, तीन वर्ष के वंश तथा डेढ वर्ष की हर्षिता को जिंदा ही नहर में फेंक दिया। बच्चों को फेकने के बाद आरोपित वहां से फरार हो गया। मंगलवार देर रात पकड़ में आने के बाद पप्पू ने पुलिस को पूरी कहानी बताई।
प्रभारी निरीक्षक देशराज सिंह के अनुसार वीडियो में आरोपित ने बताया कि पत्नी उससे दूर भागने लगी थी। बुलाने पर भी पास नहीं आती थी। सोमवार रात तीन बार बुलाने के बाद भी जब वह नहींं आई तो उसने उसकी हत्या करने का निर्णय ले लिया। न मिलने पर मंगलवार सुबह सिर में गोली मारने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। वैसे तो पुलिस कई एंगल से मामले की जांच में जुटी है। फिलहाल आरोपित से पूछताछ करने के अलावा पुलिस हत्या में इस्तेमाल किए गए तमंचे की तलाश भी कर रही है। मुरादाबाद से बुलाए गए पीएसी के तथा स्थानीय गोताखोरों की सहायता से पुलिस बच्चों के शव तलाश रही हैं। पुलिस आरोपित के खिलाफ लिखा पढ़ी करने में जुटी है। सीओ सदर हेमंत कुमार ने भी घटना को लेकर आरोपित से पूछताछ की।
इन्होंने बताया...
गंग नहर में तीनों बच्चों के शवों की तलाश की जा रही है। नहर किनारे वाले भोपा, सिखेड़ा आदि थानों को भी बच्चों के बारे में अवगत करा दिया है। आरोपित से घटना को लेकर पूछताछ चल रही है।
- देशराज सिंह, प्रभारी निरीक्षक, पुरकाजी