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यात्रा होगी अब ज्‍यादा आरामदेह, भैंसाली अड्डे से कोटद्वार-नजीबाबाद के लिए एसी बस सेवा Meerut News

यात्रियों के लिए यह एक खुशखबरी है। भैंसाली बस अड्डे से अब कोटद्वार और नजीबाबाद के लिए रोजाना दो-दो वातानुकूलित बसें जाएंगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 11:18 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 11:18 AM (IST)
यात्रा होगी अब ज्‍यादा आरामदेह, भैंसाली अड्डे से कोटद्वार-नजीबाबाद के लिए एसी बस सेवा Meerut News
यात्रा होगी अब ज्‍यादा आरामदेह, भैंसाली अड्डे से कोटद्वार-नजीबाबाद के लिए एसी बस सेवा Meerut News

मेरठ, जेएनएन। भैंसाली बस अड्डे से अब कोटद्वार और नजीबाबाद के लिए रोजाना दो-दो वातानुकूलित बसें जाएंगी। रोडवेज क्षेत्रीय कार्यालय ने बसों का शेड्यूल और किराया सूची जारी कर दी। दिल्ली के लिए ये बसें पांच टिप लगाएंगी। रोडवेज मुख्यालय से मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय को 10 वातानुकूलित जनरथ बसें दी गई हैं। पांच बसें मेरठ डिपो और इतनी ही बसें सोहराब गेट डिपो दी गई हैं।

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टू बाई टू की सीटें

खास बात यह है कि इन सभी बसों में टू बाई टू की सीटें हैं। अभी तक मेरठ रोडवेज के पास एसी बसों में थ्री बाइ टू की सीटें हैं। उनकी तुलना में टू बाइ टू बसें ज्यादा आरामदेह हैं। स्टेशन अधीक्षक देवेंद्र भारद्वाज ने बताया कि मेरठ दिल्ली, मेरठ कोटद्वार और कोटद्वार से वाया मेरठ होते हुए दिल्ली जाएंगी। सामान्य परिस्थतियों में जाम न लगने पर मेरठ से दिल्ली का सफर ढाई घंटे में पूरा होगा।

31 मार्च तक चलने लगेंगी इलेक्ट्रिक बसें

शहर में अब डीजल की बसें बीते जमाने की बात हो जाएंगी। इनकी जगह लेने जा रही हैं इलेक्ट्रिक बसें। इसी साल मार्च महीने में इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी। महानगर बस सेवा की बसें अब आधुनिक व लग्जरी ही नहीं होंगी, बल्कि पर्यावरण को सुधारने में सहयोग भी करेंगी। अब बसें डीजल से चलने वाली नहीं रहेंगी बल्कि ये बसें इलेक्ट्रिक रहेंगी। महानगर बस सेवा का संचालन नगर निगम करता है। निगम को शहर के लिए 50 बसें खरीदने की स्वीकृति शासन से मिल गई है।

हटा दी गईं पुरानी बसें

पुरानी 50 बसें हटा दी जाएंगी, उनके स्थान पर ये बसें चलेंगी। इन बसों के लिए लोहिया नगर में डिपो बनेगा और वहीं पर चार्जिग स्टेशन भी बनेगा। नगर आयुक्त डा. अरविदं कुमार चौरसिया ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विकास बोर्ड के समक्ष इनका प्रस्ताव रखा था, जिससे अनुमति मिली है। 100 बसों के लिए अनुमति मांगी थी जिनमें से 50 के लिए वित्तीय स्वीकृति मिली है। 31 मार्च तक पुरानी 50 बसें हटाकर उनके स्थान 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।

संख्‍या कम होने से यात्रियों को परेशानी

तीन माह के अंतराल में 10 साल से पुरानी 37 महानगर सिटी बसों का संचालन बंद हो गया है। शहर और तहसीलों के बीच चलने वाली बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। तीन बसों का संचालन जनवरी माह में बंद हुआ है। मेरठ महानगर सिटी बस सेवा के पास पहले 128 बसें थी, अब केवल 91 बसों के भरोसे संचालन हो रहा है। वहीं लोहिया नगर में इलेक्ट्रिक बसों के लिए बनने वाला डिपो भी बनना शुरु नहीं हुआ है। शासन से मेरठ को 50 इलेक्ट्रिक और 150 सीएनजी बसों के संचालन को हरी झंडी दे दी है। लेकिन अभी तक डिपो के लिए भूमि का चयन न होने से यह दूर की कौड़ी है।  


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