Move to Jagran APP

सियासी पावरहाउस में भाजपा का करंट गुल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की कठिन डगर कठिन हो रही है। भीम आर्मी के बाद अब आम आदमी पार्टी व गठबंधन ने भाजपा को घेर लिया है। एससी-एसटी एक्ट का पश्चिम में बड़ा असर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 03:05 PM (IST)
सियासी पावरहाउस में भाजपा का करंट गुल
सियासी पावरहाउस में भाजपा का करंट गुल

मेरठ। भाजपा अपने सियासी पावरहाउस यानी पश्चिमी उप्र में घिरती नजर आ रही है। जहां गठबंधन से भगवा खेमे की नींद उड़ी है, वहीं आम आदमी पार्टी और भीम आर्मी की चहलकदमी ने पार्टी की धड़कन बढ़ा दी है। पश्चिम की खाद पानी पर सियासी फसल लहलहाने का सपना भाजपा की आंखों में चुभ सकता है। एससी-एसटी एक्ट के बाद सवर्णो में उबाल ने पार्टी को दोराहे पर ला दिया है। इधर, मोर्चो और प्रकोष्ठों के गठन में उलझी भाजपा अंदरूनी घमासान से जूझ रही है।

loksabha election banner

लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए 2014 के मुकाबले इस बार हालात जुदा हैं। जनप्रतिनिधियों के कामकाज को लेकर गांवों में असंतोष है। एससी-एसटी एक्ट से भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है। जहां 2014 लोकसभा चुनावों में अनुसूचित वर्ग का बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ था, वहीं इस बार मायावती और अखिलेश आक्रामक रूप से भाजपा की घेरेबंदी कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अनुसूचित और मुस्लिम मतों की तादाद करीब 50 फीसद है, जो किसी भी सीट का गणित बिगाड़ देगी। भाजपा ने हर बूथ पर निर्धारित 30 सदस्यों में कम से कम दस अनुसूचित वर्ग से तैनात करने का सूत्र अपनाया है। हालांकि यह फार्मूला जीत की डगर आसान करेगा, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। उधर, आम आदमी पार्टी ने पश्चिमी उप्र में जड़ जमाना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में भीम आर्मी के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी भाजपा कोई काट नहीं खोज सकी है। सहारनपुर से लेकर मेरठ एवं मुजफ्फरनगर समेत तमाम लोकसभा सीटों पर भीम आर्मी अपना वजूद बढ़ा रही है। कैराना लोकसभा एवं नूरपुर विस चुनाव हारकर भाजपा पहले ही बैकफुट पर है। आने वाले दिनों में जातीय समीकरण का ऊंट नई करवट बैठ सकता है।

पश्चिम उप्र में घिर रही भाजपा

भाजपा ने प्रदेश कार्यसमिति मेरठ में करते हुए एक तीर से कई निशाने साधे। इस क्षेत्र में धु्रवीकरण की हवा पूर्वाचल से तेज बहती है। गन्ना किसानों को रिझाने में भाजपा पूरी ताकत झोंक चुकी है। इन्वेस्टर्स समिट के बहाने औद्योगिक निवेश की गाड़ी पश्चिमी यूपी में सबसे तेज दौड़ती नजर आ रही है। 70 फीसद निवेश इसी क्षेत्र में किया जा रहा है। गत माह प्रदेश कार्यसमिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह एवं सुनील बंसल जैसे दिग्गजों ने मेरठ में डेरा डालकर साफ कर दिया कि 2019 की हवा पश्चिम से चलेगी। किंतु पार्टी की सांस अटकी हुई है। रालोद-सपा एवं बसपा के साथ आने के बाद भाजपा की जीत का गणित तमाम सीटों पर उलझ गया है। जीएसटी, नोटबंदी को लेकर जहां वैश्य वर्ग पहले से नाराज है, वहीं एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णो के उबाल ने आग में घी का काम किया है। उधर, भाजपा में अंदरुनी घमासान का इलाज प्रदेश इकाई भी नहीं ढूंढ पा रही है। क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी का कहना है कि पार्टी बूथों पर नई ऊर्जा के साथ जुट गई है। पार्टी में कोई मतभेद नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.