13 समस्याओं का एक निवारण.. जनसंख्या नियंत्रण
गांधी जयंती पर क्रांतिधरा से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की क्रांति का आगाज हुआ। सेव इंडिया जन फाउंडेशन के बैनर तले एक संदेश यात्रा दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंची।
मेरठ, जेएनएन : गांधी जयंती पर क्रांतिधरा से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की क्रांति का आगाज हुआ। सेव इंडिया जन फाउंडेशन के बैनर तले एक संदेश यात्रा दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंची। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की मांग की। मंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि यात्रा में 13 रथ पर 13 समस्याएं हैं, जिनका एक ही मूल कारण है बढ़ती जनसंख्या। इस निवारण जनसंख्या नियंत्रण से ही संभव है।
सुबह 9.30 बजे शहीद स्मारक से केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने तिरंगा लहराकर जनसंख्या नियंत्रण संदेश यात्रा को रवाना किया। इस दौरान टेक्सब प्रमुख मनु गौड़, एसएसपी अजय साहनी, भाजपा नेता मुखिया गुर्जर, मेरठ जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मनिंदर पाल सिंह भी मौजूद रहे। यात्रा गाजियाबाद होते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंची। यात्रा को 20 स्थानों पर सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया। यात्रा में जनसंख्या वृद्धि से उपजी 13 समस्याओं के 13 रथ शामिल थे। इसमें प्रदूषण, बेरोजगारी, अशिक्षा, जलसंकट, घटते संसाधन, गरीबी की समस्या, भोजन में मिलावट, पर्यावरणीय समस्या, बढ़ते अपराध, यातायात, कुपोषण, स्वास्थ्य संबंधी समस्या और नदियों में जलसंकट जैसी समस्याएं थी। वर्तमान भयावह स्थितियों को चित्रों और आंकड़ों में दर्शाती यात्रा में भाईचारे का संदेश भी दिया गया। सेव इंडिया जन फाउंडेशन के संयोजक राजेश शर्मा ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन लिया है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि वह प्रधानमंत्री तक मेरठ की आवाज पहुंचाएंगें। यात्रा में डॉ. प्रदीप शुक्ला, इंदरपाल सिंह, ठाकुर प्रीतिश सिंह, रोहित जाखड़, विनोद चौधरी, रविंद्र मलिक समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
दर्शाया बढ़ती जनसंख्या का दुष्प्रभाव..
-2030 तक दिल्ली समेत 20 महानगर ऐसे होंगे, जिनका भूमिगत जल स्तर शून्य हो जाएगा।
-सरकारी अनुमान कहता है कि 2047 में भारत की जनसंख्या 170 करोड़ के पार हो जाएगी।
-जनसंख्या का दबाव है कि सड़क दुर्घटना में प्रति 10 मिनट में तीन मृत्यु हो जाती हैं।
-देश में 12 करोड़ से भी अधिक बच्चे बाल मजदूरी को मजबूर हैं।
-मौजूदा समय में प्रति वर्ष 66000 नए विद्यालय एवं 3000 नए स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता है।
-बढ़ते अपराध के कारण उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय में 4.85 लाख मुकदमें लंबित हैं।
-देश में गरीबों की संख्या लगभग 36 करोड़ है। हर तीसरा आदमी गरीब है।
- ग्लेशियर पिघलने की दर दो गुनी हो गई है। परिणाम उपलब्ध भोजन का 4.5 फीसद संकट है।
संसद में कानून वही बनते हैं, जो जनता चाहती है : संजीव
मेरठ : केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि संसद में कानून वही बनते हैं, जो जनता चाहती है। आज कुछ लोग आगे आए हैं, कल पूरा देश मांगेगा और जनसंख्या नियंत्रण कानून बन जाएगा।
वर्ष 2018 में लोकसभा में जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम बिल प्रस्तुत किया था। करीब 125 सांसदों का साथ मिलने के बाद भी बिल चर्चा के लिए नहीं आ सका। जनसंख्या नियंत्रण की बात चर्चा में आ गई। यह तमाम सामाजिक संस्थाओं के सामूहिक प्रयास का नतीजा था कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वही बात कही, जिसकी हम सब प्रतीक्षा कर रहे थे। यह भी सच है कि किसी जाति और धर्म या राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ यह कानून नहीं है। अगली पीढ़ी के लिए कानून बनाना ही होगा। एसएसपी अजय साहनी ने मुहिम का समर्थन किया। भाजपा नेता मुखिया गुर्जर ने कहा कि जनसंख्या कानून हर हाल में बनना चाहिए। टेक्सब प्रमुख मनु गौड़ ने कहा कि हर व्यक्ति को जिम्मेदार अभिभावक बनना होगा।