पथ संचलन के पथ पर उमड़ा स्वयंसेवकों का विशाल सैलाब
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने अनुशासन और शक्ति के लिए क्यों जाना जाता है, इसका उदाहरण रविवार को फिर नजर आया। फरवरी में राष्ट्रोदय कार्यक्रम के एक कैंपस में विशाल जनसमूह उमड़ने के बाद रविवार को जीमखाना में भी ऐसा ही दृश्य दिखाई पड़ा।
मेरठ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने अनुशासन और शक्ति के लिए क्यों जाना जाता है, इसका उदाहरण रविवार को फिर नजर आया। फरवरी में राष्ट्रोदय कार्यक्रम के एक कैंपस में विशाल जनसमूह उमड़ने के बाद रविवार को जीमखाना में भी ऐसा ही दृश्य दिखाई पड़ा। संघ संगम कार्यक्रम में मेरठ महानगर क्षेत्र के स्वयंसेवक छह रास्तों से होकर जीमखाना मैदान पहुंचे, जहां महज 15 मिनट में करीब 12 हजार की भीड़ जुट गई। पूरा शहर भगवा रंग की पट्टिकाओं से नहा उठा।
जीमखाना मैदान में आयोजित संघ संगम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार ने कहा कि जाति और धर्म से बड़ा राष्ट्र है। अपने देश की मिट्टी, संस्कृति एवं संस्कारों पर गर्व करना चाहिए, जिससे नई पीढ़ी भी सीखेगी। कहा कि संघ द्वारा समाज सेवा के तमाम कार्य किए जा रहे हैं। भारतीय ग्रंथों में जातक कथाओं के माध्यम से मानवता के महान संदेश दिए गए हैं। कहा कि महानगर क्षेत्र में 215 बस्तियों में चिकित्सा, शिक्षा, पौधरोपण एवं यातायात जैसे सामाजिक कार्य किए जाने चाहिए। यातायात के लिए गाजियाबाद और शिक्षा के लिए पल्लवपुरम स्थित स्कूल का उदाहरण भी दिया। उन्होंने संघ को सेवा के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का लक्ष्य दिया।
जातक कथाओं में छिपे हैं बड़े संदेश
मानवता एवं एकता के तमाम एतिहासिक एवं सांस्कृृतिक प्रसंगों की चर्चा की। कहा कि पौराणिक ग्रंथों में जातक कथाओं के माध्यम से पशु-पक्षी भी संदेश देते मिलते हैं। हमें अपने को पहचानना होगा। अपनों का खयाल करना होगा, तभी समाज मजबूत बनता है। एक उदाहरण देते हुए कहा कि श्वान प्रकृति में मनुष्य का सबसे पुराना मित्र है, किंतु इसकी उपमा हमेशा अपमानजनक शब्दों के साथ जुड़ती है। क्योंकि यह अपनी जाति का सम्मान नहीं करता। करीब आधे घंटे तक चले संबोधन के दौरान क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि स्वयंसेवक वरिष्ठ पदाधिकारियों के निर्देशों पर भरोसा करते हुए उस पर अमल करें। इससे संस्कृति एवं भारतीय मूल्यों को समृद्ध करने में ताकत मिलेगी। हम सभी को जाति एवं धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्र के बारे में सोचना है।
स्वयंसेवकों का सैलाब, 15 मिनट में भरा मैदान
विजयदशमी पर हर वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर संघ ने कसी हुई तैयारी की। छह रास्तों को पथ संचलन के लिए चुना गया। जयदेवीनगर, सूरजकुंड और शारदा रोड से निकलकर स्वयंसेवक हापुड़ अड्डे पर मिले, जबकि कंपनी बाग, रजबन एवं वर्धमान अकेडमी के पास से निकलकर बच्चा पार्क पर एकत्रित हुए। जहां से सभी स्वयंसेवक जीमखाना मैदान में पहुंचे। अनुशासन इतना सटीक था कि महज 15 मिनट में पूरा मैदान भर गया। महानगर से 12 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक पथ संचलन में शामिल हुए। मंच पर क्षेत्रीय संघचालक सूर्यप्रकाश टांक एवं महानगर संघचालक विनोद भारतीय उपस्थित रहे।
8.30 बजे से शुरू हुआ पथ संचलन
संघ के प्रवक्ता अजय मित्तल ने बताया कि स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में पथ संचलन करते हुए पहुंचे। छह स्थानों से प्रारंभ होकर हापुड़ अड्डा व बच्चा पार्क चौराहे पर तीन-तीन संचलन करते हुए स्वयंसेवक जिमखाना मैदान गए। सुबह 7.30 बजे सभी अपने-अपने केंद्रों पर जुटे। 8.30 बजे पथ संचलन प्रारंभ हुआ। 9.15 बजे तक स्वयंसेवक जिमखाना मैदान पहुंच गए। ध्वजारोहण एवं प्रार्थना के बाद क्षेत्र प्रचारक आलोक का संबोधन हुआ। उम्रदराज स्वयंसेवकों को बस द्वारा जिमखाना मैदान तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया गया है। पथ संचलन में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, सत्यवीर त्यागी, क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी, डा. सोमेंद्र तोमर, विवेक रस्तोगी, ललित नागदेव, कमलदत्त शर्मा, पीयूष शास्त्री, नरेंद्र उपाध्याय, नरेश गुर्जर, अनुज राठी, संदीप रेवड़ी, देवेंद्र गुर्जर, अंकुर राणा व अंशुल गुप्ता समेत कई अन्य शामिल रहे।