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अंतिम विदाई के जयकारे में गूंजी एक पुकार, पापा

शहीद सूबेदार वीरेंद्र कुमार शर्मा की अंतिम विदाई के दौरान हर कोई गमजदा था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 10:45 PM (IST)
अंतिम विदाई के जयकारे में गूंजी एक पुकार, पापा

मेरठ, जेएनएन। शहीद सूबेदार वीरेंद्र कुमार शर्मा की अंतिम विदाई के दौरान हर गतिविधि के बीच सबसे धीमे स्वर में निकलता 'पापा' शब्द ही सबसे तेज गूंज रहा था। शहीद के सात वर्षीय छोटे बेटे विवान पिता की अंतिम विदाई की प्रक्रिया में बड़ों के साथ हिस्सा भी लेते रहे लेकिन आंख से आंसू और जुबान से केवल पापा..पापा.. का स्वर ही निकल रहा था। पापा नहीं आए, पापा कुछ बोल क्यों नहीं रहे, पापा घर क्यों नहीं आए, मुझे पापा के पास जाना है और अंत में यह स्वर पापा.पापा.पापा.पर ही जाकर रुक जाते। पूरे अंतिम संस्कार के दौरान विवान शहीद पिता को बुलाता रहा।

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आंखों के सामने अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया से लेकर मुखाग्नि देने तक विवान ने चाचा कुलदीप के साथ ब्रिगेडियर रजनीश से तिरंगा ग्रहण किया। मामा मोनू के साथ पिता के अंतिम दर्शन करने के बाद अंतिम संस्कार की हर गतिविधि में शामिल हुए और मुखाग्नि भी दी। इस दौरान विवान के हर कदम शहीद पिता की पार्थिव देह की ओर बढ़ जाते। कोई न कोई उसे पकड़ कर पीछे लाता और संभालने की कोशिश करता।

सितंबर में छुट्टी काटकर गए थे शहीद वीरेंद्र

बलिदानी सूबेदार वीरेंद्र कुमार 15 सितंबर को ही छुट्टी काटकर सियाचिन में ड्यूटी ज्वाइन करने गए थे। मई में दोबारा आने की बात भी कही थी। उनकी शादी साल 2004 में हुई थी। सूबेदार वीरेंद्र के छोटे भाई कुलदीप सेना में पहले भर्ती हुए थे। जब वीरेंद्र कुमार भर्ती होकर ट्रेनिग में पहुंचे तो कुलदीप की ट्रेनिग पूरी हो चुकी थी।


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