विश्व पशु दिवस : मेरठ में 35 फीसद तक बढ़ी गोवंश की संख्या, उन्नत नस्ल सुधार कार्यक्रम का दिखा असर
सरकारी नीतियों व गोवंश संरक्षण के परिणाम स्वरूप गोवंश प्रजाति की संख्या में भी उल्लेखनीय बढ़त हुई है। कुल गोवंश की संख्या करीब 35 फीसद बढ़ी है। वहीं पशुपालन विभाग के उन्नत नस्ल सुधार कार्यक्रम के चलते साहीवाल हरियाणा व गिर प्रजाति के गोवंश की संख्या भी बढ़ी है।
मेरठ, जेएनएन। जिले में गोवंश संरक्षण के प्रयास सार्थक साबित हुए हैं। इसी का नतीजा है कि जिले में करीब 35 फीसद गोवंश की संख्या में वृद्धि हुई है। विश्व में पशु कल्याण मानकों में सुधार, पशुओं के प्रति समझ, सुधार व जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पशु दिवस मनाया जाता है। ताकि भिन्न राष्ट्रीयता, धर्म एवं राजनीतिक विचारधारा के बावजूद जागरूकता व शिक्षा के माध्यम से हम पशुओं के प्रति एक संवेदनशील व कल्याणयुक्त दुनिया का निर्माण कर सकें। वहीं, हर पांच साल बाद पशु गणना भी होती है। पिछली पशु गणना वर्ष-2019 में हुई थी।
पशु गणना के आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्तमान में करीब 2.45 गोवंश, 5.15 महिषवंश हैं। जबकि 50 हजार भेड़ बकरी व आठ हजार सूकर पशुओं का पालन किया जाता है। सरकारी नीतियों व गोवंश संरक्षण के परिणाम स्वरूप जिले में गोवंश प्रजाति की संख्या में भी उल्लेखनीय बढ़त हुई है। कुल गोवंश की संख्या करीब 35 फीसद बढ़ी है। वहीं, पशुपालन विभाग के उन्नत नस्ल सुधार कार्यक्रम के चलते देशी गोवंश के मुकाबले साहीवाल, हरियाणा व गिर प्रजाति के गोवंश की संख्या भी बढ़ी है।
साथ ही जिले में अंडा उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। नोडल अधिकारी डा. बीपीएस यादव का कहना है कि जिले में 7.60 लाख गोवंश व महिषवंश पशुओं को खुरपका व मुंहपका से बचाने के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान चल रहा है। इसके तहत 30 अक्टूबर तक सभी पशुओं का टीकाकरण कराने का लक्ष्य रखा गया है।