CoronaEffect: लॉकडाउन ने घटाई बिजली की 30 फीसद खपत, राजस्व का नुकसान भी झेलना होगा Meerut News
कोरोना संक्रमण पर लगाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से जिले में बिजली की खपत 30 फीसद तक घट गई है। बिजली खपत में इतनी कमी होने का शायद यह पहला मौका है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण पर लगाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से जिले में बिजली की खपत 30 फीसद तक घट गई है। बिजली खपत में इतनी कमी होने का शायद यह पहला मौका है। इससे विद्युत निगम को खासे राजस्व का नुकसान होगा। इन हालातों ने बिजली महकमे के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
कारखाने बंद होने का प्रभाव
जनता कफ्यरू से एक दिन पहले मेरठ जिले की पीक डिमांड रोजाना 500 मेगावाट थी। जनता कफ्यरू के बाद से ही यह डिमांड घटनी शुरू हो गई थी। लॉकडाउन के बाद से प्रतिदिन पीक डिमांड घटकर 300 मेगावाट पर आ गई है। यह स्थिति 25 मार्च से चार अप्रैल के बीच की है। दरअसल, लॉकडाउन के बाद से बड़ी फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। कारखाने भी बंद है। शहर के सभी बाजारों में बंदी है। कस्बों में भी यही स्थिति है। बड़े मॉल और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद हैं। इन्हीं स्थानों पर बिजली की खपत अधिक थी। लॉकडाउन के चलते लोग घरों में कैद हैं। केवल घरेलू उपयोग में ही बिजली की डिमांड बची है।
सालों बाद दिखी इतनी कमी
मुख्य अभियंता वितरण मेरठ जोन एसबी यादव का कहना है कि उनकी 35 साल की नौकरी में यह पहला मौका है जब एक साथ रेलवे, फैक्ट्री, कारखाने और बड़े प्रतिष्ठान बंद हैं। बिजली खपत में इतनी कमी कभी सर्दियों में भी नहीं आई है। इसके चलते बिजली कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। बता दें कि शहरी क्षेत्र में बिजली के लगभग साढ़े तीन लाख और ग्रामीण क्षेत्र में लगभग दो लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, जबकि 1200 औद्योगिक उपभोक्ता हैं।
नौ मिनट में 60 मेगावाट खपत होगी कम
पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लोग घरों की बिजली बंद करेंगे। पश्चिम पारेषण के अधिशासी अभियंता की माने तो लगभग 60 मेगावाट बिजली खपत केवल नौ मिनट में कम होने का अनुमान है।
हर बिजलीघर पर तैनात रहेंगे नोडल अधिकारी
रविवार रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लोग बिजली बंद करेंगे। इस दौरान हाई वोल्टेज की स्थिति को रोकने के लिए महकमा बिजलीघरों में लगे कैपेसिटर बैंक विद्युत तंत्र से रात आठ बजे ही अलग कर देगा। वहीं, प्रत्येक बिजलीघर पर एक नोडल अधिकारी तैनात रहेगा। प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने यह आदेश जारी कर दिया है।