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निगम अफसरों की ‘उछलकूद’ में ही बीत गए 30 दिन, नहीं पकड़ा गया कोई बंदर Meerut News

वन विभाग ने नगर निगम को बंदर पकड़वाने के लिए 30 दिन की अनुमति दी थी। अनुमति के दिन गुजर चुके हैं लेकिन शहर से एक भी बंदर नहीं पकड़ा गया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 02:00 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 02:00 PM (IST)
निगम अफसरों की ‘उछलकूद’ में ही बीत गए 30 दिन, नहीं पकड़ा गया कोई बंदर Meerut News
निगम अफसरों की ‘उछलकूद’ में ही बीत गए 30 दिन, नहीं पकड़ा गया कोई बंदर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। वन विभाग से बंदर पकड़वाने को मिली 30 दिन की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई, लेकिन नगर निगम एक भी बंदर को शहर से बाहर नहीं भेज सका। हालात ये हैं कि नगर निगम तो छोड़िए, अब वन विभाग में भी बंदरों के हमले की शिकायतें पहुंचनी शुरू हो गई हैं।

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36 प्रतिबंधों के साथ पकड़ने थे बंदर

नगर निगम प्रशासन ने आइजीआरएस पोर्टल पर बंदरों के हमले की शिकायतें बढ़ने पर वन विभाग से बंदर पकड़वाने की अनुमति मांगी थी। 25 नवंबर को वन विभाग की डीएफओ का अनुमति पत्र नगर निगम को प्राप्त हुआ था। इसमें 36 प्रकार के प्रतिबंधों पर शहर के बंदरों को पकड़वाकर शिवालिक वन प्रभाग के सहारनपुर वन क्षेत्र में छोड़ने के लिए अनुमति प्रदान की गई थी। यह अनुमति 30 दिन के लिए दी गई थी। अनुमति पर बंदर पकड़वाने के लिए एजेंसी चयन करने नगर आयुक्त डा. अरविंद कुमार चौरसिया ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह को टेंडर निकालने के लिए निर्देश देकर इतिश्री कर ली, तो वहीं नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने लिपिक सुरेंद्र कुमार को शर्त बनाकर टेंडर निकालने की फाइल तैयार करने के निर्देश देकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। नतीजा यह है कि निगम अफसरों की बेपरवाही में अनुमति के 30 दिन गुजर गए। हालात इतने बदतर हैं कि वन विभाग की अनुमति समाप्त होने की अंतिम तिथि को निगम अफसरों की नींद टूटी। इसके बाद आनन-फानन में स्टोर लिपिक को बुलाकर प्राथमिकता में टेंडर निकालने के लिए प्रस्ताव बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि एक-दो दिन में टेंडर निकाल देंगे।

दोबारा अनुमति के लिए पत्र भेजेगा निगम

अनुमति की समय सीमा समाप्त होने के बाद गुरुवार को नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने लिपिक को दोबारा अनुमति के लिए एक पत्र वन विभाग को फिर भेजने का निर्देश दिया है। बरती गई लापरवाही पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी का तर्क है कि स्टोर लिपिक को टेंडर के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था, लेकिन स्टोर लिपिक के पास अधिक काम होने के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

वन विभाग से लोगों ने लगाई बंदर पकड़ने की गुहार

नगर निगम प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो लोग वन विभाग से बंदर पकड़ने की गुहार लगाने लगे हैं। वन विभाग को एक महीने में 17 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ये शिकायतें डिफेंस कालोनी, गगन बिहार रोहटा रोड, माधवपुरम, प्रभातनगर, कंकरखेड़ा, गंगानगर, नेहरूनगर, वार्ड 60 गली नंबर एक, फूलबाग कालोनी, गढ़ रोड, शास्त्रीनगर पहुंची हैं। नेहरूनगर से कई लोगों ने शिकायतें की हैं। वन विभाग ने इन शिकायतों के निस्तारण से हाथ खींच लिया है और सभी शिकायतें नगर निगम को भेज दी हैं। इसके बाद से निगम में हड़कंप मचा हुआ है। 


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