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School Time Table: छात्र संख्या और कक्ष का आकार तय करेगा समय का भविष्य, पढ़िए सहारनपुर की यह रिपोर्ट

School Time Table माध्यमिक स्कूलों के समय परिवर्तन का मामला दो पालियो में स्कूलों को संचालित कराया गया ताकि कक्षा में बच्चों के बीच उचित दूरी बनी रहे हालांकि शुरू से ही शिक्षक संगठन इस नए निर्धारित समय का विरोध कर रहे थे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 01:50 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 01:50 PM (IST)
शासन ने जारी की स्कूलों की नई समय गाइडलाइन।

सहारनपुर,जागरण संवाददाता। School Time Table स्कूलों के समय का भविष्य अब छात्र संख्या और कक्ष के आकार पर निर्भर करेगा। कम छात्र संख्या और बड़े कक्ष वाले स्कूलों को एक पाली में संचालित किया जा सकेगा जबकि अधिक छात्र संख्या और छोटे कक्ष वाले स्कूल दो पाली में ही संचालित होंगे। कोरोना की दूसरी लहर के बाद 16 अगस्त से खुले माध्यमिक स्कूलों में कोविड-19 गाइडलाइन का कड़ाई से अनुपालन कराने के दिशा निर्देश जारी किए गए थे। इसके लिए स्कूलों को सुबह 8 बजे से शाम 4:30 बजे तक खोलने के निर्देश दिए गए।

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किया गया था धरना प्रदर्शन

दो पालियो में स्कूलों को संचालित कराया गया ताकि कक्षा में बच्चों के बीच उचित दूरी बनी रहे, हालांकि शुरू से ही शिक्षक संगठन इस नए निर्धारित समय का विरोध कर रहे थे। मामले को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश के नेतृत्व के आह्वान पर सभी जिलों में धरना प्रदर्शन और मशाल जुलूस भी निकाले थे। संघ ने इसे अतार्किक बताते हुए सरकार से स्कूलों का समय पूर्व की भांति ही रखने की मांग की थी। इसके अलावा कई अन्य संगठन भी लगातार मामले को लेकर दबाव बनाए हुए थे।

यह कहा है गाइडलाइन में

अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला द्वारा जारी नई गाइडलाइन में स्कूलों के नए समय को लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं, हालांकि समय सारणी को लेकर असमंजस की स्थिति भी है। गाइड लाइन में कहा गया है कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या कम है और कक्षाओं का आकार कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार है। वे स्कूल सुबह 9 बजे से अपराहन 3 बजे तक संचालित किए जाएंगे जबकि जिन विद्यालयों में छात्र संख्या अधिक है और कक्षाओं का आकार छोटा है, उन्हें दो पालियों में ही संचालित किया जाए।

कड़ाई से अनुपालन

नई समय सारणी आने के बाद अभी स्कूल फिर असमंजस में पड़ गए हैं। बताते चलें कि अंग्रेजी माध्यम पब्लिक स्कूल और वित्तविहीन स्कूलों के संचालक पहले से ही अपनी सुविधा अनुसार स्कूलों का संचालन कर रहे थे। जिला विद्यालय निरीक्षक रवि दत्त ने बताया कि शासन की गाइड लाइन का स्कूलों को कड़ाई से अनुपालन करना होगा।


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