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UP Firecracker Factory BLAST: शामली में अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में विस्‍फोट, कौन है दोषी, किस पर गिरेगी गाज

Shamli UP Firecracker Factory BLAST अवैध रूप से संचालित पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। महीनों से यहां अवैध रूप से पटाखे बन रहे थे और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी भंडारित थी।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 07:30 AM (IST)
UP Firecracker Factory BLAST: शामली में अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में विस्‍फोट, कौन है दोषी, किस पर गिरेगी गाज
शामली में अवैध पटाखा फैक्‍ट्री में विस्‍फोट।

शामली, जेएनएन। अवैध रूप से संचालित पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। महीनों से यहां अवैध रूप से पटाखे बन रहे थे और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी भंडारित थी। सवाल यह है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन होगा। अवैध तौर पर फैक्ट्री संचालन का कौन दोषी है और किस-किस पर गाज गिरेगी।

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प्रशासन से पटाखा फैक्ट्री के संचालन का लाइसेंस जारी नहीं होने के बाद भी यहां बड़े पैमाने पर पटाखे बनाए जा रहे थे। भीषण विस्फोट से यह भी साफ है कि यहां बड़े पटाखे बनाए जा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, जगनपुर रोड रजवाहा पटरी पर अवैध फैक्ट्री के संचालन की पुलिस को जानकारी थी। कई बार पुलिस रजवाहा पटरी से बदमाशों की गिरफ्तारी भी दिखा चुकी है। इससे पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।

अभी तक की जांच-पड़ताल में सामने आया है कि जगनपुर रोड रजवाहा पटरी पर यह फैक्ट्री राशिद नाम का व्यक्ति संचालित कर रहा था। पुलिस उसकी पड़ताल कर रही है। घायल मजदूरों के मुताबिक फैक्ट्री में बहराइच समेत कई जगहों के करीब 21 मजदूर पटाखा निर्माण करते थे। शुक्रवार को केवल 11 मजदूर काम पर थे। पुलिस और प्रशासनिक टीमें रेस्क्यू अभियान चला रही हैं।

अलर्ट हुई खुफिया यूनिट

विस्फोट की गूंज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। फैक्ट्री की दीवारें और ङ्क्षलटर भी उड़ गए। खुफिया विभाग की टीमें पड़ताल कर रही है कि विस्फोट कैसे और क्यों हुआ। विस्फोटक बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा था।

रेस्क्यू के दौरान भी हुआ धमाका

घटनास्थल पर कई टीमें देर रात तक रेस्क्यू में जुटी रहीं। रेस्क्यू के दौरान जेसीबी से मलबा हटाते समय भी तेज धमाका हुआ। फायर ब्रिगेड ने आग को काबू किया, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।

सीएमओ की गाड़ी में मंगाई दवाइयां

सीएचसी में घायल मजदूरों की हालत देख डाक्टरों के भी हाथ-पांव फूले रहे। यहां पर्याप्त सुविधाएं व दवाई नहीं होने के कारण भी घायल मजदूरों के उपचार में देरी हुई। सीएमओ की गाड़ी में शामली से दवाई मंगवाई गई। इसके बाद प्राथमिक उपचार मिल सका।

चीख-पुकार सुन नंगे पांव दौड़े मददगार

अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद चीख-पुकार मची तो लोग मदद के लिए नंगे पांव दौड़ पड़े। किसी ने घायल को कंधे पर उठाकर एंबुलेंस में बैठाया तो किसी ने शव को बाहर निकाला।

धमाका सुनते ही लोग फैक्ट्री की ओर दौड़ पड़े। किसी ने घायलों को चारपाई पर लिटाया तो किसी ने मदद के लिए सरकारी अमले को फोन किया। सभी का मकसद था जान बचाना। इसके बावजूद चार लोगों की जान चली गई। घायलों का उपचार जारी है। मृतकों के स्वजन को सूचना दी गई और आसपास के लोगों ने मौके पर सुविधाओं का इंतजाम किया। घटना के बाद करीब पांच घंटे तक आसपास गांवों के लोग मौके पर मौजूद रहे। 


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