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जान‍िए क्‍यों चर्चा में बना हुआ है मुजफ्फरनगर का फुलत, गांव की बुन‍ियाद में छि‍पे इतिहास के व‍िराट रहस्‍य

Phulat village of Muzaffarnagar 18वीं सदी में फुलत गांव निवासी शाह वलीउल्लाह मराठों के बढ़ते वर्चस्व से हो गए थे फिक्रमंद। वलीउल्लाह का खत मिलने पर अहमद शाह अब्दाली ने भारत पर कर द‍िया था आक्रमण ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:00 AM (IST)
जान‍िए क्‍यों चर्चा में बना हुआ है मुजफ्फरनगर का फुलत, गांव की बुन‍ियाद में छि‍पे इतिहास के व‍िराट रहस्‍य
फुलत गांव निवासी शाह वलीउल्लाह व अहमद शाह अब्दाली।

मेरठ, राजन शर्मा। मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह के संचालक मौलाना कलीम सिद्दीकी की मतांतरण के आरोप में गिरफ्तारी के बाद फुलत गांव एक बार फिर चर्चाओं में है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक, फुलत गांव के इस्लामी स्कालर शाह वलीउल्लाह ने ही अफगानिस्तान के आक्रांता अहमद शाह अब्दाली को मराठा साम्राज्य पर आक्रमण के लिए खत लिखा था। इसके बाद पानीपत में अब्दाली और मराठा फौज के बीच भीषण युद्ध हुआ था। 

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गांंव की बुन‍ियाद में छि‍पे इतिहास के व‍िराट रहस्‍य   

मुजफ्फरनगर का गांव फुलत। गांव छोटा सा है, लेकिन इसकी बुनियाद में इतिहास के विराट रहस्य और तथ्य दर्ज हैं। दरअसल, इस गांव का चर्चाओं और सुर्खियों से सदियों पुराना नाता है। यहां के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भारत समेत पूरी दुनिया में इस्लाम के फैलाव व प्रचार-प्रसार को खाद-पानी दिया। इन्हीं धर्मगुरुओं में सबसे अहम किरदार हुए थे कुतुब-उद-दीन अहमद शाह वलीउल्लाह। इनका जन्म 21 फरवरी 1703 को गांव फुलत में हुआ था। इनके पिता शाह अब्दुर रहीम मुगल सम्राट औरंगजेब की कानून संहिता फतवा-ए-आलमगिरी की संकलन समिति के खास कारकून थे। कह सकते हैं कि वलीउल्लाह को दीन की शिक्षा-दीक्षा विरासत में मिली। इन्होंने महज छह साल की उम्र में कुरान शरीफ का हाफजा (कंठस्थ) कर लिया था। 16 साल की उम्र तक शाह ने हनफी कानून, इस्लामी फलसफा, ज्यामिति, अंकगणित और तर्कशास्त्र पर महारत हासिल कर ली थी। इन्होंने कुरान के अनुवाद के अलावा फारसी और अरबी में 51 किताबें लिखीं। वह गैर इस्लामी रीति-रिवाजों के सख्त खिलाफ थे। उनका मानना था कि मुसलमानों को अपने अरबी वैभव को कभी नहीं भूलना चाहिए।

वलीउल्लाह से खासा प्रभावित था अब्दाली

साल 1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगलकाल का पतन शुरू हो गया। इसके चलते मराठों का देश के ज्यादातर हिस्सों पर आधिपत्य बढ़ता जा रहा था। शाह वली उल्लाह इससे खासे फिक्रमंद हो गए। उन्होंने अपनी किताब 'फुयूज-उल-हरमैनÓ में एक सपने के हवाले से इस फिक्र का इजहार भी किया है। इतिहासकारों के मुताबिक, शाह वलीउल्लाह ने अहमद शाह अब्दाली को खत लिखकर भारत में मराठों पर आक्रमण के लिए प्रेरित किया। खत में मराठा फौज की कमजोरी व युद्धकौशल की गोपनीयता का भी जिक्र किया। शाह के खत का पालन करते हुए अब्दाली ने साल 1761 में भारत पर आक्रमण किया। पानीपत में अब्दाली और सदाशिव राव की मराठा फौज के बीच भीषण युद्ध हुआ था।

बोले इतिहासविद्...

शाह वलीउल्लाह उत्तर मुगलकाल में धार्मिक कट्टरता के पर्याय थे। ये ऐतिहासिक तथ्य है कि शाह वलीउल्लाह ने ही मराठा साम्राज्य के सर्वनाश के लिए अहमद शाह अब्दाली को खत लिखा था। इससे प्रेरित होकर अब्दाली ने भारत पर आक्रमण किया और बड़े पैमाने पर मार-काट मचाई थी।

- डा. विघ्नेश त्यागी, अध्यक्ष, इतिहास विभाग, चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ।


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