Rapid Rail Corridor: मेरठ में बिजली लाइनों, उपकरणों को हटाने व ऊंचा करने का कार्य 95 फीसद पूरा
Rapid Rail Corridor आरआरटीएस कारिडोर के निर्माण के लिए बिजली लाइन व उससे संबंधित उपकरण जैसे ट्रांसफार्मर आदि को हटाने या ज्यादा ऊंचाई पर करने का अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अभी तक सभी तरह के उपकरणों का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।
मेरठ, जेएनएन। आरआरटीएस कारिडोर के निर्माण के लिए बिजली लाइन व उससे संबंधित उपकरण जैसे ट्रांसफार्मर आदि को हटाने या ज्यादा ऊंचाई पर करने का अंतिम चरण में पहुंच चुका है। शताब्दी नगर से मोदीपुरम के बीच लगभग 18 किमी के क्षेत्र में 33केवी, 11 केवी और 0.4 केवी की लगभग 120 किलोमीटर से ज्यादा लंबी, डबल सर्किट लाइन मुख्य सड़क के दोनों ओर जमीन के नीचे भूमिगत बिछाई गयी है। इसके अलावा इसी स्ट्रेच में 50 ट्रांसफॉर्मर भी शिफ्ट किए जा चुके हैं और अभी तक सभी तरह के उपकरणों का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।
आरआरटीएस निर्माण के क्रम में एनसीआरटीसी कॉरीडोर के रास्ते में आने वाले बिजली की हाई टेंशन लाईनों और ट्रांसफार्मर को शिफ्ट या मोड़ीफ़ाई भी करता जा रहा है। इस प्रक्रिया में पुराने सिंगल सर्किट लाइन के बदले डबल सर्किट भूमिगत लाइन बिछा रहा है और जहां भी पुरानी सर्किट की एक से ज्यादा लाइने बिछी है वहां प्रति लाइन डबल सर्किट (एक रनिंग और एक स्टैंडबाई के रूप में) बिछा रहा है । इससे इन बिजली की हाइ टेंशन लाईनों व ट्रांसफार्मर का उन्नयन तो हो ही रहा है, इनकी क्षमता भी बढ़ रही है।
मोडिफिकेशन का काम बहुत जोखिम भरा
बिजली यूटिलिटि शिफ्टिंग या मोडिफिकेशन का काम बहुत जोखिम भरा और चुनौतीपूर्ण होता है। हाइ टेंशन विद्युत लाइन को भूमिगत बिछाना, इनके टावर स्थापित करना, उन्हे मुख्य लाइन से जोड़ना और पुराने बिजली के तारों और पोल का निस्तारण, ट्रांसफार्मर आदि की शिफ्टिंग या मोड़िफ़िकेशन वाले काम बेहद सावधानी से किये जा रहा है जिससे नीचे स्थित किसी अन्य वायर, यूटिलिटि या जान माल को कोई नुकसान ना पहुचे व दुर्घटना की संभावना नगण्य रहे। एनसीआरटीसी इस बात का भी विशेष ख्याल रख रहा है कि शिफ्टिंग/ मोड़िफ़िकेशन से जुड़े किसी भी कर्मचारी और आम जन को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो एवं कॉरीडोर का निर्माण निर्बाध तरीके से होता रहे ।
भूमिगत वितरण नेटवर्क के दो महत्वपूर्ण फ़ायदे
एनसीआरटीसी द्वारा बिछाये जा रहे भूमिगत वितरण नेटवर्क के दो महत्वपूर्ण फ़ायदे है। सर्वप्रथम, विद्युत ब्रेकडाउन कम से कम होगा। ओवरहेड विद्युत लाइन बहुत बार तेज हवा या आंधी आने से क्षतिग्रस्त हो जाते है और लाइन में फाल्ट भी आ जाते है जिससे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित होती है। लेकिन भूमिगत केबल होने से ब्रेकडाउन व अन्य फाल्ट से लगभग छुटकारा मिल जाता है और क्षेत्र को निर्बाध बिजली की आपूर्ति होती रहती है।
दूसरा, भूमिगत विद्युत केबल होने से प्रति वर्ष बिजली चोरी और ब्रेकडाउन से होने वाले राजस्व क्षति में कमी आएगी। बिजली की 24 घंटे उपलब्धता से मेरठ में निवेश, व्यापार व उद्योग विस्तार करने का बेहतर माहौल बनेगा जिससे उपभोक्ता और उत्पादक दोनों को लाभ होगा। भूमिगत केबल होने के कारण विद्युत वितरण के लाइन को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और यह किसी भी अकल्पनीय दुर्घटना की संभावना को भी न्यूनतम करता है।
मेरठ की जनता को मिलेगा लाभ
मेरठ की बिजली की इन बची हुई लाईनों और ट्रांसफार्मर के शिफ्टिंग का कार्य जल्द से जल्द समाप्त करने की योजना है। किसी भी रेल आधारित इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए इतने बड़े स्तर पर बिजली व उससे जुड़े उपकरणों की शिफ्टिंग या मोड़िफिकेशन का कार्य मेरठ शहर में पहली बार किया जा रहा है । पूरा होने पर उन्नत इनफ्रास्ट्रक्चर का लाभ लंबे समय तक मेरठ की जनता को मिलता रहेगा।
एनसीआरटीसी द्वारा पीवीवीएनएल के स्वीकृत मानकों के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले केबल और पोल का उपयोग किया जा रहा है जो मेरठ के उपभोक्ताओं के लिए आने वाले कई दशकों तक बिजली आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित करेगी। ये सभी कार्य मेरठ के स्थानीय प्रशासन के अलावा भिन्न बिजली कंपनियों जैसे- पीवीवीएनएल, डबल्यूयूपीपीटीएल, यूपीपीटीसीएल आदि के सहयोग से पूरा किया जा रहा है ।