Water Conservation: भूगर्भ जल होगा मालामाल, मेरठ के 72 गांवों की पहचान बनेंगे तालाब
Water Conservation News सीडीओ शशांक चौधरी ने कहा कि जनपद में भूगर्भ जल को रिचार्ज करने के लिए कई स्तरों पर तैयारी की जा रही है। 72 तालाबों का चयन कर सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
मेरठ, जेएनएन। जनपद में अत्याधिक भूगर्भ जल दोहन होने के कारण लगातार जल स्तर नीचे खिसक रहा है। ऐसे में भूगर्भ जल को फिर से रिचार्ज करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य शुरू किया गया है। जिसमें तालाबों को सौंदर्यीकरण कर बरसात के पानी को संचित किया जाएगा। साथ ही तालाब गांव की पहचान को ओर अधिक चार-चांद लगाएंगे।
बरसात के पानी को संचित करने के लिए कई स्तर पर तैयारी चल रही है। कई योजनाएं तैयार की गई है। बरसात से पहले योजनाओं को धरातल पर उतारने की कवायद भी जारी है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने गांवों में बरसों से उपेक्षित तालाबों की सूरत बदलने के लिए प्रशासन को निर्देशित किया है। स्थानीय स्तर पर तैयार की गई योजना के तहत जनपद में 72 तालाबों का चयन सौंदर्यीकरण योजना के तहत किया गया है। सबसे अधिक तालाब हस्तिनापुर विकास खंड क्षेत्र से चयनित किए गए हैं। योजना के अनुसार तालाबों के सौंदर्यीकरण का कार्य मनरेगा योजना के तहत कराया जाएगा। इससे तालाबों की सूरत तो बदलेगी ही गांव में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। जनपद के 12 विकास खंड में 20 तालाबों के सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
ऐसे सुधरेगी स्थिति
तालाबों के तल पर जमा हुई सिल्ट को हटाया जाएगा, ताकि बरसात का पानी आसानी से नीचे पहुंच जाएगा। इसके अलावा किनारों को मजबूत कर पौधा रोपण किया जाएगा। किनारों पर बैठने के लिए सीट भी रखी जाएगी। सौंदर्यीकरण के बाद जब तालाब में पानी का संचय होगा तब उसे मछली पालन के लिए भी आवंटित किया जाएगा। साथ ही कुछ तालाबों को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने की योजना भी तैयार की जा रही है।
सीडीओ शशांक चौधरी ने कहा कि जनपद में भूगर्भ जल को रिचार्ज करने के लिए कई स्तरों पर तैयारी की जा रही है। 72 तालाबों का चयन कर सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।