सूने हुए सरकारी कार्यालय, बंद हुए धरना-प्रदर्शन, कोरोना के डर से शिकायत लेकर भी नहीं आ रहे लोग
CoronaVirus Fear in Meerut मेरठ में सरकारी कार्यालय पंचायत चुनाव और कोरोना संक्रमण से बचाव और बीमार होने के कारण सूने हैं वहीं कमिश्नरी और कलक्ट्रेट में होने वाले धरना-प्रदर्शन पर भी अघोषित रोक लग गई है।
मेरठ, जेएनएन। सरकारी कार्यालय पंचायत चुनाव और कोरोना संक्रमण से बचाव और बीमार होने के कारण सूने हैं, वहीं कमिश्नरी और कलक्ट्रेट में होने वाले धरना-प्रदर्शन पर भी अघोषित रोक लग गई है।
कोरोना काल में जहां कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं, वहीं तमाम लोग ऐसे भी जो अपने साथ अन्य को भी कोरोना संक्रमण की चपेट में
आने से बचा रहे हैं। फिलहाल जहां सरकारी कार्यालय पंचायत चुनाव और कोरोना संक्रमण से बचाव और बीमार होने के कारण सूने हैं, वहीं कमिश्नरी और कलक्ट्रेट में होने वाले धरना-प्रदर्शन पर भी अघोषित रोक लग गई है। यहां पिछले एक सप्ताह में मात्र पांच ही लोग और संगठन अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने नियम-निर्देश जारी किए हुए हैं। ऐसे में कुछ लोग अपनी नासमझी और लापरवाही के कारण नियमों को तोड़कर
संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं, जबकि कुछ ऐसे भी लोग है जो परेशान होने के कारण फिलहाल अपने और दूसरों को भी कारेोना संक्रमण से बचा रहे हैं। आम दिनों में कलक्ट्रेट और कमिश्नरी के साथ जिले के तहसील मुख्यालयों पर बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतों के निदान की मांग को लेकर पहुंचते थे। इसके अलावा तमाम संगठन अपनी मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन भी करते थे। लेकिन कोरोना का कहर बढ़ते ही लोगों ने खुद को अपने घरों तक सीमित कर संक्रमण से बचाव का प्रयास किया है। पिछले एक सप्ताह में कमिश्नरी और कलक्ट्रेट में दस से कम ही शिकायतें पहुंची है। जबकि कोई संगठन यहां धरना-प्रदर्शन के लिए नहीं पहुंचा है।
ऐसा ही हाल विकास भवन का है। यहां भी चुनाव के दौरान जरूर सरकरी कर्मचारी अपनी डयूटी हटवाने के लिए पहुंचते थे, लेकिन गिनती के लोग ही पहुंच रहे हैं।