मेरठ : Ganga Expressway से आठ गांव हो रहे वंचित, ग्रामीणों ने धांधली का आरोप लगाकर किया विरोध
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए सर्वे करने गई टीम पर किसानों ने धांधली का आरोप लगाया है। शनिवार को सर्वे की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने इनका विरोध किया। और गंगा एक्सप्रेस वे की सर्वे टीम को बैरंग लौटा दिया। इनका कहना है कि नए सर्वे से आठ गांव वंचित है।
मेरठ, जेएनएन। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए सर्वे करने गई टीम पर किसानों ने धांधली का आरोप लगाया है। शनिवार को सर्वे की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। और गंगा एक्सप्रेस वे की सर्वे टीम को बैरंग लौटा दिया। ग्रामीणों ने सर्वे का विरोध करते हुए सर्वे में धांधली का आरोप लगाया है। रविवार को इस संबंध में पंचायत आयोजित की गई जिसमें पुराने एलाइनमेंट पर ही एक्सप्रेस-वे बनाने की मांग की गई तथा ऐसा न होने पर निर्माण न होने देने की चेतावनी दी गई।
गंगा एक्सप्रेस-वे को बिजौली से शुरू करने को प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी थी। हालांकि पूर्व में एलाइनमेंट काशी गांव से किया गया था। जिस कारण काशी से लेकर बिजौली के आठ गांवों में गंगा एक्सप्रेस-वे से बाहर हो गये थे। किसानों ने अधिकारियों से मिलकर काशी से एक्सप्रेस-वे बनाने की मांग की थी। शनिवार को सर्वे करने के लिए टीम खंदावली गांव पहुंची। किसानों ने धांधली का आरोप लगाकर सर्वे करने वाले कर्मचारियों को लौटा दिया।
रविवार को नरेंद्र त्यागी के आवास पर पंचायत की आयोजन किया। जिसमें प्रशासन को चेतावनी देते हुए किसानों ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण काशी से पुराने एलानइमेंट पर किया जाये। कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को आरंभ नहीं होने देगे। इस मौके पर दीपक त्यागी, अशोक, उदयवीर खानपुर, विनोद खंदावली, सोनू सोलाना, जयप्रकाश शर्मा, महबूब, नरेन्द्र त्यागी, महेन्द्र प्रधान, देवेन्द्र प्रधान, समेत आदि लोग थे।