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Young Achievers: हाईस्कूल से ही कुश्ती खेलते हुए एसएसबी तक पहुंची मेरठ की पिंकी रानी,ऐसे पाई सफलता

Young Achievers मेरठ की पिंकी रानी कक्षा 10वीं में पढ़ाई के दौरान ही समाचार पत्रों और टीवी समाचारों में पहलवान अलका तोमर की उपलब्धियों के किस्से देख व सुन रही थी तो उनके मन में भी ताल ठोकने की हूक उठी। और उसी दिशा में एक कदम उठाया।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 10:05 AM (IST)
Young Achievers: हाईस्कूल से ही कुश्ती खेलते हुए एसएसबी तक पहुंची मेरठ की पिंकी रानी,ऐसे पाई सफलता
पहलवान पिंकी रानी वर्तमान में एसएसबी दिल्ली में टीम के साथ प्रशिक्षण कर रहीं हैं।

मेरठ, [अमित तिवारी]। Young Achievers साल 2010 के दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स ने देश की बेटियों में बड़ा बदलाव वाला था। मेरठ की अंतरराष्ट्रीय पहलवान अलका तोमर ने उस प्रतियोगिता में पदकवीर बनकर देश का नाम ही ऊंचा नहीं किया बल्कि उस साल हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कक्षाओं में पढ़ रही बेटियों को भी कुश्ती के दंगल में ताल ठोकने को प्रेरित किया। अलका की उस उपलब्धि से प्रेरित होकर कुश्ती में आगे बढ़ने वाली पहलवानों में से एक मेरठ की पिंकी रानी भी हैं। उस साल कक्षा 10वीं में पढ़ाई के दौरान ही पिंकी ने समाचार पत्रों और टीवी समाचारों में अलका तोमर की उपलब्धियों के किस्से देख व सुन रही थी तो उनके मन में भी ताल ठोकने की हूक उठी। पिता जगपाल सिंह ने भी बड़ी बेटी को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाया। हाईस्कूल में पहला ताल ठोकने वाली पिंकी अब एसएसबी का हिस्सा बनकर कुश्ती प्रतियोगिताओं में पदक जीत रही हैं।

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गोंडा से आगरा ही प्राथमिक लक्ष्य

वर्तमान में एसएसबी दिल्ली में टीम के साथ प्रशिक्षण कर रहीं हैं। 2020 में प्रतियोगिताओं के न होने की कमी को पिंकी ने 2021 में पूरा करने का लक्ष्य बनाया है। उनका अगला लक्ष्य गोंडा में 17-18 जनवरी को होने का रही सीनियर स्टेट ट्रायल प्रतियोगिता है। यहीं पर आगरा में होने जा रही सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए प्रदेश के खिलाड़ियों को चयनित किया जाएगा।

2019 के बाद यह पहली राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता होगी जिसमें हर खिलाड़ी पूरा जोर लगाने के लिए उतरेंगे। इस पहली प्रतियोगिता के बाद ही 2021 की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और 2021 की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की ओर बढ़ेंगे। लाकडाउन में बाहर जाने की अनुमति न मिलने के कारण पिंकी ने पूरा प्रशिक्षण दिल्ली में ही किया। मेरठ में रहने के दौरान उनकी ट्रेनिंग चौ. चरण सिंह विवि परिसर में स्थित कुश्ती हाल में कोच डा. जबर सिंह सोम के मार्गदर्शन में होती है।

2013 में शुरू हुआ पदकों का सिलसिला

मेरठ में गढ़ रोड पर भोपाल विहार की की रहने वाली पिंकी रानी ने स्कूली पढ़ाई नवज्योति जूनियर हाईस्कूल से की थी। इसके साथ ही उन्होंने सीसीएसयू में कोचिंग का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। साल 2013 में पिंकी ने प्रदेश स्तरीय यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में पहला पदक जीता। यह प्रतियोगिता गोंडा में हुई थी जिसमें पिंकी ने कांस्य पदक जीता था। इसके बाद 2015 में मेरठ के किला परीक्षितगढ़ में हुई यूपी स्टेट रेसलिंग में पिंकी ने स्वर्ण पदक जीता। 2016 मथुरा में यूपी स्टेट में रजत पदक, 2018 वाराणसी में हुई यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक और उसी साल बागपत में हुई यूपी स्टेट में स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। साल 2019 में गाजियाबाद में आयोजित यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीत लिया था।

राजस्थान में भी बनी गोल्डन गर्ल

पिंकी के अनुसार उन्होंने बीए की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से की थी। उसी दौरान उन्होंने राजस्थान में आयोजित प्रदेश स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। मेरठ की पिंकी ने राजस्थान में अपने बेहतरीन दांव से सभी पहलवानों को चित किया और हर बार स्वर्ण पदक जीतते हुए गोल्डन गर्ल बन गई। साल 2013 में पिंकी ने राजस्थान के पाली में हुई स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में पिंकी ने स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 2015 में जैसलमेर में हुई स्टेट प्रतियोगिता, 2018 में भरतपुर में हुई स्टेट प्रतियोगिता और 2020 में उदयपुर में हुई स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर मेरठ का नाम रोशन किया।

नेशनल में अब गोल्ड पर नजर

पिंकी 2021 की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रशिक्षण कर रही हैं। नेशनल में उन्होंने पहला पदक साल 2013 में सब-जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप उना में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद पिंकी ने साल 2014 में श्रीनगर में हुई सब-जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2018 में गोंडा में हुई सीनियर नेशनल में कांस्य पदक अपने नाम किया। साल 2014 में पिंकी का चयन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ लेकिन समय से पासपोर्ट न बन पाने के कारण वह उस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने नहीं जा सकीं। उस कमी को पिंकी इस साल पूरा करने की कोशिश करेंगी जिससे विदेशी माटी पर भी देश के लिए पदक जीतकर लौटें।

2016 में मिला यूनिफार्म

पििंकी को कुश्ती के खेल में उपलब्धियों के आधार पर साल 2016 में एसएसबी का हिस्सा बनने का अवसर मिला। एसएसबी का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद यूनिट का हिस्सा बनीं और अब एसएसबी की ओर से ही कुश्ती की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं। पिंकी के सबसे छोटे भाई रुद्र भी उन्हीं से प्रेरित होकर सीसीएसयू में कुश्ती प्रशिक्षण ले रहे हैं।


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