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Coronavirus: कोरोना चला भी गया तो खौफ कायम रहेगा, छह माह तक नहीं संभल पायेगी अर्थव्‍यवस्‍था Meerut News

कोरोना जब समाप्‍त हो जाएगा और स्थितियां सामान्‍य हो जाएंगी तो भी अर्थव्‍यवस्‍था को उभरने में कम से कम छह महीने लग जाएंगे। यह कहना है स्टेनफोर्ड कंपनी के निदेशक अनिल सरीन का।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 01:30 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना चला भी गया तो खौफ कायम रहेगा, छह माह तक नहीं संभल पायेगी अर्थव्‍यवस्‍था Meerut News

मेरठ, जेएनएन। पूरी दुनिया पर कोविड-19 के संक्रमण की काली घटा छायी है। इसका सर्वाधिक असर लोगों के दिमाग एवं व्यवहार पर पड़ेगा। खांसी, बुखार व सांस के मरीजों से लोग दूरी बना सकते हैं। कोरोना खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका खौफ लंबे समय तक कायम रहेगा। यह कहना है क्रिकेट के सामान का कारोबार करने वाली स्टेनफोर्ड कंपनी के निदेशक अनिल सरीन का। उनका कहना है कि कोरोना ने समाज के हर वर्ग को घर में कैद कर दिया है। अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है। संभलने में छह माह से ज्यादा वक्त लगेगा। फिलहाल देशवासी लॉकडाउन का पालन करें। यह सर्वाधिक जरूरी है।

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लॉकडाउन से वैश्विक अर्थव्यवस्था कहां पहुंचेगी? उद्योगों को उबरने में कितना समय लग सकता है?

-कोरोना ने विश्व अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका दिया है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जाएंगी। अभी यह भी तय नहीं है कि संक्रमण कब तक खत्म होगा। मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर निर्यात करती है, किंतु इस वक्त खरीदार देश सांसत में हैं। मेरठ के उद्योगों की भारी भरकम बकाया धनराशि विदेशों में अटक गई है। इंडस्ट्री को उबरने में छह माह से ज्यादा समय लगेगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उद्योगों को उबारने के लिए आसान ऋण देने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार भी राहत पैकेज का प्लान कर रही है, इससे कितना मदद मिलेगी?

-कोई मदद नहीं मिलेगी। तीन माह तक ब्याज एवं किस्त माफ रहेगी, किंतु पता चला है कि बाद में यह सब ब्याज समेत जमा करना होगा। धन एवं खरीदारों की कमी की वजह से निर्माण सेक्टर कमजोर पड़ेगा। मांग नहीं है तो बड़ी संख्या में रोजगार भी छिनेगा। फिलहाल इससे उबरने का कोई रास्ता नहीं है। सिर्फ सब्र करना होगा।

लॉकडाउन से पहले एवं बाद के भारत एवं विश्व में कितना बदलाव नजर आएगा?

-इतिहास में अब तक कोई ऐसा उदाहरण नहीं मिलता, जब पूरी दुनिया थम गई हो। वर्तमान पीढ़ी ने कोरोना का जो खौफ देखा है, वो दिमाग से निकालना मुश्किल होगा। इसके प्राथमिक लक्षण सामान्य फ्लू जैसे हैं, जो भारत में हमेशा रहता है। ऐसे में किसी को बुखार व खांसी होते ही लोग डरने लगेंगे। लोग इनसे दूरी बनाने लगेंगे। ऐसे में सामाजिक दूरी मिटाना जरूरी होगा। हां, इस बहाने लोगों में सफाई की प्रवृत्ति पैदा हुई, जो बड़ी बात है। कई अन्य बीमारियों से निजात मिलेगी। घर में बैठने से व्यक्ति में धैर्य व ठहराव भी उभरेगा।

फुर्सत के पलों में क्या कर रहे हैं? कोई योजना बन रही है या मनोरंजन पर फोकस है?

-यह समय घर में बैठने एवं एकांत में मंथन का है। हालांकि जो काम करने वाले होते हैं, उनके लिए बैठना बड़ा मुश्किल होता है। योग और एक्सरसाइज कर रहा हूं। खूब आराम भी कर रहा हूं। जीवन सबसे महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही वक्त पर लॉकडाउन किया, वरना देश को भारी हानि उठानी पड़ती। 


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