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खामियां पकड़ी लेकिन डांटा नहीं, समाधान बताया

मेरठ में अफसरों के लिए यह पहला मौका था जब किसी राज्यपाल ने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की समीक्षा की हो। समीक्षा हुई तो वो भी अनोखे अंदाज में। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कृषि विवि में कुलपति कार्यालय के सभागार में 39 प्रमुख योजनाओं की जानकारी ली और उनमें खामियां भी पकड़ लीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 07:00 AM (IST)
खामियां पकड़ी लेकिन डांटा नहीं, समाधान बताया
खामियां पकड़ी लेकिन डांटा नहीं, समाधान बताया

मेरठ, जेएनएन : मेरठ में अफसरों के लिए यह पहला मौका था जब किसी राज्यपाल ने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की समीक्षा की हो। समीक्षा हुई तो वो भी अनोखे अंदाज में। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कृषि विवि में कुलपति कार्यालय के सभागार में 39 प्रमुख योजनाओं की जानकारी ली और उनमें खामियां भी पकड़ लीं। लेकिन उन्होंने अधिकारियों, मंत्रियों और अन्य जनप्रतिनिधियों की भांति नाराजगी नहीं जताई बल्कि उनके समाधान का तरीका बताया। कुछ योजनाओं में और अधिक परिणाम लाने के तरीके भी उन्होंने बताये।

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राज्यपाल की समीक्षा बैठक में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम और जिलाधिकारी अनिल ढींगरा के साथ चुनिंदा विभागों के ही अधिकारी शामिल हुए। बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचे। काम धरातल पर दिखाई दे। कुपोषण को खत्म करने के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना बनाकर काम किया जाये। आगनबाड़ी केंद्रों में रसोई शो आयोजित किया जाये। महिलाओं से दलिया, पंजीरी बनवाई जाये। बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा में उन्होंने कहा कि जो बच्चा दो चार महीने में छह वर्ष का होने जा रहा है उसका मार्च में ही कक्षा एक में प्रवेश कर लिया जाये। ताकि उसकी शिक्षा प्रभावित न हो। शहरी रोजगार मिशन के तहत किये जा रहे कार्यो की उन्होंने सक्सेज स्टोरी बनाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री जनधन योजना के खातों को रुपे कार्ड से नहीं जोड़ा गया था। लीड बैंक मैनेजर संतोषजनक जानकारी नहीं दे सके। राज्यपाल ने पूछा कि जनधन खाताधारक की दुर्घटना होने पर एक लाख का बीमा कितने लोगों को दिया गया, कितनी दुर्घटनाएं दर्ज की गई? उन्होंने कम से कम समय में बीमा योजना का क्लेम पात्र व्यक्ति को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उज्जवला कनेक्शन के अधिकांश सिलेंडर जारी होने के बाद फिर से भरने के लिए नहीं आये। उन्होंने लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ग्रामीण क्षेत्र में लक्ष्य काफी कम होने पर उ्नहोंने कहा कि यानि गांव में मकान अच्छे बने हैं। सौभाग्य योजना पूरी होने के बाद भी गरीबों के घरों में बिजली नहीं पहुंची। राज्यपाल ने बचे हुए परिवार को जल्द से जल्द कनेक्शन देने का निर्देश दिया।

बैठक में सीडीओ ईशा दुहन, नगरायुक्त अरविन्द चौरसिया, एमडीए उपाध्यक्ष राजेश पाडे, सीएमओ डा. राजकुमार, परियोजना निदेशक भानु प्रताप आदि शामिल रहे।

गुजरात में किसानों ने बदला ट्रेंड

राज्यपाल ने मेरठ में 94 फीसदी खेत में गन्ने की पैदावार पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी ऐसा ही था। लेकिन किसानों ने समझदारी दिखाते हुए फसलों को बदल लिया। ऐसी ही जागरुकता की जरूरत मेरठ में भी है।


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