अर्ह योग से ज्ञान अर्जित कर खुद को आत्म केंद्रित करना सीख रहे युवा Meerut News
मेरठ में दशलक्षण महापर्व पर चल रहे आराधना शिविर में 19 वर्षीय बीकाम आनर्स द्वितीय वर्ष की छात्रा सौम्या जैन पूरे दस दिन तक मौन व्रत धारण किए हुए है। कई युवा अर्ह योग कर रहे हैं।
By Edited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 08:56 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। दस दिवसीय आराधना शिविर में युवा पश्चिमी सभ्यता से बाहर निकल मौन और निर्जला कठोर व्रत कर आध्यात्म की ओर अग्रसर हो रहे हैं। युवा अर्ह योग के माध्यम से ज्ञान अर्जित कर अपने आपको आत्म केंद्रित करना सीख रहे हैं। आराधना शिविर में कोई पहली बार तो कोई दूसरी बार शामिल होकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा है।
संगीत सुनने की थी रूचि
ऋषभ एकेडमी में दशलक्षण महापर्व पर चल रहे आराधना शिविर में 19 वर्षीय बीकाम आनर्स द्वितीय वर्ष की छात्रा सौम्या जैन पूरे दस दिन तक मौन व्रत धारण किए हुए है। कागज पर लिखकर सौम्या ने बताया कि जब से वह अर्ह योग से जुड़कर इस यात्रा पर चली है, तब से उनके जीवन की दिशा ही बदल गई है। अर्ह से जुड़ने से पूर्व वह संगीत सुनने में उनकी काफी रूचि थी, लेकिन अब गीत के बोल कानों में पड़ जाते है तो मानों ये सब वैराग की बातें लगती है।
आत्म केंद्रित होने की शक्ति मिल रही
राजस्थान निवासी बीकाम फाइनल वर्ष में पढ़ रहे उत्कर्ष जैन ने बताया कि वह दूसरी बार दस दिवसीय आराधना शिविर कर रहे हैं। अर्ह योग से आत्म केंद्रित होने की शक्ति मिल रही है। मुनिश्री के सानिध्य में आत्म ध्यान करने से सकारात्मक उत्साह की वृद्धि हो रही है। दिल्ली निवासी एमए प्रथम वर्ष के 21 वर्षीय छात्र संयम जैन ने बताया कि वह पहली बार दस दिवसीय आराधना शिविर में शामिल हुए है।
जीवन को मिल रही नई दिशा
अर्ह योग से आत्म केंद्रित होकर जीवन जीने का सही ढंग मिला है। मुनिश्री के सानिध्य में जीवन को नई दिशा मिल रही है। एमए प्रथम वर्ष की 22 वर्षीय छात्रा पर्णिका जैन ने बताया कि वह पहली बार दशलक्षण महापर्व के शिविर में शामिल हुई है। अर्ह योग से सकारात्मक विचारों के साथ ही एकाग्रता बढ़ रही है। योग से आत्म केंद्रित होकर मन को नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ रही है।
संगीत सुनने की थी रूचि
ऋषभ एकेडमी में दशलक्षण महापर्व पर चल रहे आराधना शिविर में 19 वर्षीय बीकाम आनर्स द्वितीय वर्ष की छात्रा सौम्या जैन पूरे दस दिन तक मौन व्रत धारण किए हुए है। कागज पर लिखकर सौम्या ने बताया कि जब से वह अर्ह योग से जुड़कर इस यात्रा पर चली है, तब से उनके जीवन की दिशा ही बदल गई है। अर्ह से जुड़ने से पूर्व वह संगीत सुनने में उनकी काफी रूचि थी, लेकिन अब गीत के बोल कानों में पड़ जाते है तो मानों ये सब वैराग की बातें लगती है।
आत्म केंद्रित होने की शक्ति मिल रही
राजस्थान निवासी बीकाम फाइनल वर्ष में पढ़ रहे उत्कर्ष जैन ने बताया कि वह दूसरी बार दस दिवसीय आराधना शिविर कर रहे हैं। अर्ह योग से आत्म केंद्रित होने की शक्ति मिल रही है। मुनिश्री के सानिध्य में आत्म ध्यान करने से सकारात्मक उत्साह की वृद्धि हो रही है। दिल्ली निवासी एमए प्रथम वर्ष के 21 वर्षीय छात्र संयम जैन ने बताया कि वह पहली बार दस दिवसीय आराधना शिविर में शामिल हुए है।
जीवन को मिल रही नई दिशा
अर्ह योग से आत्म केंद्रित होकर जीवन जीने का सही ढंग मिला है। मुनिश्री के सानिध्य में जीवन को नई दिशा मिल रही है। एमए प्रथम वर्ष की 22 वर्षीय छात्रा पर्णिका जैन ने बताया कि वह पहली बार दशलक्षण महापर्व के शिविर में शामिल हुई है। अर्ह योग से सकारात्मक विचारों के साथ ही एकाग्रता बढ़ रही है। योग से आत्म केंद्रित होकर मन को नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ रही है।
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