स्कूलों में लगे डीजल जेनरेटर फैला रहे प्रदूषण, नाराज एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट Meerut News
रिहायशी इलाकों में स्कूल संचालित करते हुए ध्वनि व वायु प्रदूषण फैलाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 01:44 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मेरठ के रिहायशी इलाकों में स्कूल संचालित करते हुए ध्वनि व वायु प्रदूषण फैलाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कमेटी गठित कर एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है। एनजीटी ने यह निर्णय मिशन कंपाउंड में स्कूलों द्वारा डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल कर वायु और ध्वनि प्रदूषण के नियमों की अनदेखी करने के खिलाफ की गई शिकायत पर सुनाया है। एनजीटी चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई में बेंच ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आयुक्त और डीएम के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति गठित की है।
एक महीने में मांगी रिपोर्ट
शिकायत के आधार पर एनजीटी ट्रिब्यूनल का कहना है, कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद भी घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्रों में जेनरेटर चल रहे हैं। स्कूलों में आने वाले वाहनों से उन क्षेत्रों में अत्यधिक वायु प्रदूषण हो रहा है, इसलिए एनजीटी ने संयुक्त समिति को मौके का निरीक्षण कर एक महीने में ई-मेल के जरिए ही यह रिपोर्ट भेजने को कहा है। मामले में अनुपालन और समन्वयन के लिए डीएम को नोडल किया है।
प्रदूषण पर व्यक्त की चिंता
स्कूलों द्वारा प्रदूषण फैलाने के खिलाफ मनोज चौधरी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान ही ट्रिब्यूनल ने यह रिपोर्ट मांगी है। मनोज चौधरी का आरोप है कि मिशन कंपाउंड में संचालित एलआरए किड्स स्कूल, जेपी एकेडमी स्कूल और लिटिल स्कॉलर स्कूल पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। देशभर के शिक्षण संस्थानों द्वारा पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने का संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने पहले भी पर्यावरण मंत्रालय और वन विभाग से जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने को कहा था। एनजीटी ने शिक्षण संस्थानों द्वारा वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है।
एक महीने में मांगी रिपोर्ट
शिकायत के आधार पर एनजीटी ट्रिब्यूनल का कहना है, कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद भी घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्रों में जेनरेटर चल रहे हैं। स्कूलों में आने वाले वाहनों से उन क्षेत्रों में अत्यधिक वायु प्रदूषण हो रहा है, इसलिए एनजीटी ने संयुक्त समिति को मौके का निरीक्षण कर एक महीने में ई-मेल के जरिए ही यह रिपोर्ट भेजने को कहा है। मामले में अनुपालन और समन्वयन के लिए डीएम को नोडल किया है।
प्रदूषण पर व्यक्त की चिंता
स्कूलों द्वारा प्रदूषण फैलाने के खिलाफ मनोज चौधरी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान ही ट्रिब्यूनल ने यह रिपोर्ट मांगी है। मनोज चौधरी का आरोप है कि मिशन कंपाउंड में संचालित एलआरए किड्स स्कूल, जेपी एकेडमी स्कूल और लिटिल स्कॉलर स्कूल पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। देशभर के शिक्षण संस्थानों द्वारा पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने का संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने पहले भी पर्यावरण मंत्रालय और वन विभाग से जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने को कहा था। एनजीटी ने शिक्षण संस्थानों द्वारा वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है।
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