मेरठ महायोजना-2031 का बनेगा सेटेलाइट नक्शा, बेसलाइन सर्वे आज से Meerut News
मेरठ महायोजना- 2031 बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके बाद मेरठ विकास प्राधिकरण के सेटेलाइट मैप में जगहों को चिह्न्ति किया जाएगा।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 12:14 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मेरठ महायोजना- 2031 बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए आज से बेसलाइन सर्वे शुरू होगा जिसके तहत मौके पर शहर के स्थानों को देखने के बाद उसे प्राधिकरण के सेटेलाइट मैप में चिह्न्ति किया जाएगा।
महायोजनाएं प्रति 10 साल पर
मेरठ महायोजना- 2021 की समयसीमा दो साल बाद समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उससे पहले नई मेरठ महायोजना 2031 बनाई जा रही है। अब महायोजनाएं प्रति 10 साल पर बनाई जा रही हैं। यह महायोजना भारत सरकार की अमृत योजना के तहत बनाई जा रही है। बहरहाल, सबसे पहले इसके लिए बेस लाइन सर्वे होता है। इसलिए बेस लाइन सर्वे करने के लिए लखनऊ स्थित रिमोट सेंसिंग विभाग से टीम आ रही है। यह टीम प्राधिकरण क्षेत्र का भ्रमण करेगी।
सैटेलाइट से मैप लेगी टीम
नई व पुराने कॉलोनियां, अधिकृत व अनधिकृत कालोनियां, आरक्षित भू उपयोग, मॉल, बस अड्डा, पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन, सड़क, हाईवे, कृषि क्षेत्र, खेल भूमि, स्टेडियम, थाने, बाजार, ग्रीन क्षेत्र, वन आरक्षित क्षेत्र, तालाब, हवाई पट्टी, रैपिड व मेट्रो का एलाइनमेंट आदि का मौके पर भ्रमण करेगी। टीम शहर का सैटेलाइट से मैप लेकर आएगी। भ्रमण करने के बाद उस मैप पर चिह्नीकरण करेगी।
बनाई जाएगी कमेटी
इस चिह्नीकरण के आधार पर महायोजना में नए व पुराने स्थान निर्धारित किए जाएंगे। इस सर्वे में विस्तारित क्षेत्र मवाना, हस्तिनापुर, सरधना आदि शामिल होंगे। इसके सर्वे के बाद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनेगी। जो शहर में विभिन्न योजनाओं परियोजनाओं को लेकर चर्चा करेगी। वीसी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि बेस लाइन सर्वे महायोजना का बेस होता है। इसके बाद महायोजना की आगे की कार्यवाही बढ़ती है।
महायोजनाएं प्रति 10 साल पर
मेरठ महायोजना- 2021 की समयसीमा दो साल बाद समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उससे पहले नई मेरठ महायोजना 2031 बनाई जा रही है। अब महायोजनाएं प्रति 10 साल पर बनाई जा रही हैं। यह महायोजना भारत सरकार की अमृत योजना के तहत बनाई जा रही है। बहरहाल, सबसे पहले इसके लिए बेस लाइन सर्वे होता है। इसलिए बेस लाइन सर्वे करने के लिए लखनऊ स्थित रिमोट सेंसिंग विभाग से टीम आ रही है। यह टीम प्राधिकरण क्षेत्र का भ्रमण करेगी।
सैटेलाइट से मैप लेगी टीम
नई व पुराने कॉलोनियां, अधिकृत व अनधिकृत कालोनियां, आरक्षित भू उपयोग, मॉल, बस अड्डा, पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन, सड़क, हाईवे, कृषि क्षेत्र, खेल भूमि, स्टेडियम, थाने, बाजार, ग्रीन क्षेत्र, वन आरक्षित क्षेत्र, तालाब, हवाई पट्टी, रैपिड व मेट्रो का एलाइनमेंट आदि का मौके पर भ्रमण करेगी। टीम शहर का सैटेलाइट से मैप लेकर आएगी। भ्रमण करने के बाद उस मैप पर चिह्नीकरण करेगी।
बनाई जाएगी कमेटी
इस चिह्नीकरण के आधार पर महायोजना में नए व पुराने स्थान निर्धारित किए जाएंगे। इस सर्वे में विस्तारित क्षेत्र मवाना, हस्तिनापुर, सरधना आदि शामिल होंगे। इसके सर्वे के बाद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनेगी। जो शहर में विभिन्न योजनाओं परियोजनाओं को लेकर चर्चा करेगी। वीसी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि बेस लाइन सर्वे महायोजना का बेस होता है। इसके बाद महायोजना की आगे की कार्यवाही बढ़ती है।
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