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सहेज लो तालाब..नहीं तो कल बूंद-बूंद को तरसोगे

तालाबों का अस्तित्व वापस लाने की कवायद सरकार के जल संरक्षण अभियान के साथ शुरू हो गई है। नगर निगम ने काशी गांव के बाद अब अब्दुल्लापुर के दो तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए कदम बढ़ा दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 05:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 06:24 AM (IST)
सहेज लो तालाब..नहीं तो कल बूंद-बूंद को तरसोगे

मेरठ, जेएनएन : तालाबों का अस्तित्व वापस लाने की कवायद सरकार के जल संरक्षण अभियान के साथ शुरू हो गई है। नगर निगम ने काशी गांव के बाद अब अब्दुल्लापुर के दो तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए कदम बढ़ा दिए हैं।

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नगर निगम क्षेत्र में 18 तालाबों के जीर्णोद्धार के क्रम में गुरुवार को अब्दुल्लापुर तालाब की खोदाई भी प्रारंभ कर दी गई। नगर निगम के संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार के साथ नवगठित रिटायर्ड सैनिकों का प्रवर्तन दल अब्दुल्लापुर पहुंचा। साथ में लेखपाल भी मौजूद रहे। तालाब के हिस्से में कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था। लोगों ने कब्जा न होने की बात कहकर विरोध किया तो मौके पर ही पैमाइश कराई गई। जिसके बाद प्रवर्तन दल ने कब्जा हटवाया। इसके बाद पोर्कलेन मशीन लगाकर खोदाई प्रारंभ कराई गई। संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि अब्दुल्लापुर के एक और तालाब में दो लोगों ने कब्जे किए हैं। इनके खिलाफ संबंधित थाने में तहरीर दी गई है। कब्जा हटाकर इस तालाब की खोदाई भी कराई जाएगी। प्रवर्तन दल अधिकारी राजकुमार बालियान, टीम लीडर और स्क्वायड क मांडर समेत पूरी टीम मौजूद रही।

सात दिन लगेंगे खोदाई में

अब्दुल्लापुर के तालाब की खोदाई में सात दिन का समय लगेगा। इसके बाद अन्य तालाबों की खोदाई शुरू की जाएगी। जुलाई माह में सभी 18 तालाबों का गहरीकरण किया जाना है।

राजेश सिंह, संपत्ति अधिकारी।

कभी था तालाब में पानी, अब पड़ा है सूखा

वर्षा ऋतु आ गई है। बारिश में जल संचयन करना है। तालाब जल संचयन का प्रमुख केंद्र होते हैं। पर अफसोस की बात है कि सैकड़ों तालाब जिले में सूखे पड़े हैं। जिनको भरने पर जोर ही नहीं दिया जा रहा है।

बात मोहकमपुर गांव में अंबेडकर धर्मशाला के पास स्थित तालाब से शुरू करते हैं। यह तालाब कभी पानी से लबालब हुआ करता था। यहां पशु-पक्षी, जीव -जंतु तो प्यास बुझाते ही थे। इंसान भी गर्मी में पानी में गोते लगाते थे। लेकिन समय के साथ यह तालाब भी जलविहीन हो गया। नगर निगम क्षेत्र में आने के बाद बढ़ते अतिक्रमण ने तालाब की सरहद तो छोटी कर ही दी। बारिश के पानी के संजोने के रास्ते भी समाप्त हो गए। हालंाकि नगर निगम ने अतिक्रमणकारियों की सूची बनाकर इस तालाब को सदानीरा करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वर्षा ऋतु में सूखे तालाब में पानी कैसे भरेगा। इस पर भी कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। सूखे तालाब में कूड़ा-कचरा भी फेंका जा रहा है। सफाई कराने के साथ जल संचयन करने की जरूरत है। नालियों से बहकर शहर से बाहर जाने वाले बारिश के जल का संचयन यहां करना आसान है।

नगर निगम सीमा में 212 तालाब

नगर निगम प्रशासन ने सूची तैयार की है। इसमें 212 तालाब नगर निगम सीमा में है। लेकिन भयावह स्थिति ये है कि वर्तमान में सिर्फ 25 तालाबों में ही पानी होने का दावा है। शेष 187 तालाब जलविहीन है। इनमें भी 80 से ज्यादा तालाब विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच चुके हैं।

वर्जन:-

तालाबों की खोदाई पर अभी जोर दिया जा रहा है। तालाबों की स्थिति का अध्ययन कर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही तालाबों तक पानी कैसे पहुंचे। इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगें। वर्षा जल को तालाब में हर हाल में एकत्र करना है।

अमित कुमार सिंह, कार्यवाहक नगर आयुक्त।

कभी यहां दूर से दिखाई देता था तालाबों का आकर

मवाना के मोहल्ला मुन्नालाल में तालाब का बड़ा आकार था और दूर से ही लबालब पानी से भरा हुआ दिखाई देता था लेकिन बढ़ती आबादी इनकी दुश्मन बन गई। रातदिन अवैध कब्जा कर इन पर आशियाना बना लिए गए। अब मात्र कुछ गज जमीन तालाब की शेष बची है ऐसा ही रहा तो अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो जाएगा। मोहल्ला काबलीगेट में हस्तिनापुर रोड के पास 100 वर्षों पुराना तालाब था लेकिन दो दशक में यहां भी अवैध निर्माण खड़े हो गए। फलावदा के नेडू रोड स्थित बड़ा तालाब का अस्तित्व भी खतरे में हैं। यहां पर भी चारों ओर से मिट्टी भराव कर अवैध निर्माण हो रहा है। मोहल्ले के विजयपाल, देवराज, हुकुम सिंह और शरीफ रिजवी का कहना है कि चार दशक पूर्व तक यह तालाब लगभग 200 बीघा में फैला हुआ था जो अब सिमट कर मात्र 38 बीघा में रह गया है।

-शासन की नीतियां भी तालाबों के अस्तित्व पर पड़ी भारी

सरकारें बदली तो नीतियां भी साथ बदल गई। कई तालाब बचाने की बजाए अनदेखी का शिकार हो गई। जिसके चलते लोगों ने अवैध कब्जा कर मकान खड़े कर दिए। अब इन्हें हटाना प्रशासन के लिए टेढ़ीखीर साबित हो रहा है।

जागी पालिका तो 41 अवैध निर्माण ढहाने के हुए आदेश

तालाबों को कब्जा मुक्त करने के लिए शासन का आदेश आया तब जाकर नगरपालिका नींद से जागी। नपा ने करीब पौनै दो सौ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट में वाद दायर कर दिया। बताया जा रहा है 41 कब्जे हटाकर निर्माण ढहाने के आदेश हो गए।

नपा पांच तालाबों का जल्द कराएगी कायाकल्प

नगर के पांच तालाबों का जल्द ही कायाकल्प होगा। नपा द्वारा इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर लगभग 40 लाख रुपये का एस्टीमेट शासन को भेजने की तैयारी में है। पैसा सेंशन होते ही मोहल्ला कल्याण सिह, मुन्नालाल, कल्याण सिंह, मखदूमपुर और काबलीगेट स्थित तालाब की सफाई कर पानी संजोए जाएंगे।

इन्होंने कहा..

तालाबों की स्थिति की जानकारी के लिए राजस्व विभाग से रिकार्ड मांगा है। फिलहाल पांच तालाबों की सफाई के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। जल्द ही पैसा सेंशन होने पर काम भी शुरू हो जाएगा।

सुनील कुमार, अधिशासी अधिकारी, नपा मवाना।

इन्होंने कहा..

तालाबों के अवैध कब्जा हटाने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। हालांकि जल्द ही नगर के पांच तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा।

अय्यूब कालिया, चेयरमैन नपा मवाना।


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