सेना की 'वफादार पलटन' की गाथा पढ़ेंगे देशवासी
भारतीय सेना में 200 सालों की सेवा का गौरव अपने नाम के साथ जोड़ने वाली तृतीय राजपुताना राइफल्स पर लिखी किताब थर्ड बटालियन द राजपुताना राइफल्स भाग एक वफादार पलटन का विमोचन बुधवार को सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने किया।
मेरठ, जेएनएन : भारतीय सेना में 200 सालों की सेवा का गौरव अपने नाम के साथ जोड़ने वाली तृतीय राजपुताना राइफल्स पर लिखी किताब 'थर्ड बटालियन द राजपुताना राइफल्स भाग एक : वफादार पलटन' का विमोचन बुधवार को सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने किया। साउथ ब्लॉक दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में जनरल रावत ने पलटन के गौरवपूर्ण इतिहास की सराहना करने के साथ ही उस पर लिखी किताब को भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया। यह किताब मेरठ के डिफेंस कॉलोनी निवासी कर्नल (रि.) नरेंद्र सिंह ने लिखी है। फिलहाल इस किताब के पहले भाग का विमोचन किया गया है, जिसमें बटालियन के प्रथम सौ साल यानी वर्ष 1818 से वर्ष 1920 तक के इतिहास को संजोया गया है।
कठिन ऑपरेशन की है दास्तां
पुस्तक का विमोचन करने के साथ ही जनरल रावत ने कर्नल सिंह से किताब और बटालियन से जुड़े प्रश्न भी पूछे। उन्होंने कहा कि पुस्तक के तथ्य विश्वसनीय व पुष्टिकृत हैं। इस पुस्तक में बटालियन की स्थापना के बाद के सौ सालों के दौरान विभिन्न जगहों पर ऑपरेशन और युद्ध के विवरण को प्रस्तुत किया गया है। इनमें पर्शिया, मेसोपटानिया, यूथेपिया, अफ्रीका, चीन जैसे स्थानों पर कठिनतम परिस्थितियों और घटनाओं के परिणाम को भी बखूबी पेश किया गया है। पुस्तक में अंग्रेजों द्वारा हिदुस्तानियों के साथ मिलकर संगठन और कानून बनाने और हिदुस्तानी ओहदेदार बनाकर अपनी रणनीति को अमल में लाने को भी बताया गया है।
हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हमें अपने इतिहास से सबक लेना चाहिए। इतिहास एक पलटन का गौरव होता है, जो भावी पीढ़ी का प्रेरणास्त्रोत होता है। मुझे प्रसन्नता है कि यह बटालियन अपने नाम, नमक और निशान के लिए सदैव अडिग रही और उसे पूर्ण कर के दिखाया। इस मौके पर पुस्तक के लेखक और तीसरी राजपुताना राइफल्स के कमान अधिकारी रहे कर्नल नरेंद्र सिंह के साथ उनकी पत्नी बीना सिंह, कर्नल के महेंद्र सिंह, सूबेदार मेजर ऑनरेरी कैप्टन भंवर सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल रवि राणा और बटालियन के वर्तमान कमान अधिकारी कर्नल कार्तिकेय सिंह उपस्थित रहे।