हरियाणा के धुएं से दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना हो रहा मुश्किल
हरियाणा के किसान अपने खेतों में धान की सूखी पराली को जलाने का काम कर रहे हैं।
मेरठ: हरियाणा के किसान अपने खेतों में धान की सूखी पराली को जलाने का काम कर रहे हैं। पराली का धुंआ हवा के साथ मेरठ समेत दिल्ली एनसीआर के शहरों में फैल गया है। सफेद धुंए का आसमान में गुब्बार बना हुआ है, जिसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंखों में जलन होने से आंसू बह रहे हैं। मोदीपुरम स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हरियाणा के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभाग को पत्र लिखकर इसे रोकने की सिफारिश करने की तैयारी में है।
जानकारों की मानें तो करीब सौ मीटर की दूरी पर ही धुंधला सा नजर आता है। सुबह से शाम तक धुंध की यही स्थिति बनी रहती है। इससे शरीर पर खुजली के लक्षण महसूस होने लगते हैं। विषेशज्ञों का मानना है कि आसमान में बने धुंध के गुब्बार से निजात पाने के लिए सिर्फ बरसात होना ही फायदेमंद है।
इन्होंने कहा--
हरियाणा के किसान खेतों में पराली जलाने का काम कर रहे हैं, जिसका धुंआ मेरठ समेत दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के शहरों में फैला हुआ है। इससे आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हो रही है। वहां के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसे रोकने के लिए पत्र भेजा जाएगा।
-आरके त्यागी, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी
चिंतित सफाईकर्मी, नहीं मना पाएंगे दशहरा और वाल्मीकि जयंती
मेरठ : नगर निगम के 2215 सफाई कर्मियों के सामने त्योहार मनाने को लेकर संकट पैदा हो गया है। इसी सप्ताह दशहरा व वाल्मीकि जयंती है लेकिन सितंबर माह का वेतन अब तक नहीं मिला है।
अक्टूबर महीने की 16 तारीख बीत गई लेकिन आउटसोर्सिग पर कार्यरत सफाईकर्मियों को वेतन नहीं मिला। बुधवार को आखिरी कार्य दिवस है इसके बाद दशहरा की छुट्टियां शुरू हो रही हैं। 24 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती है। अधिकांश सफाईकर्मी वाल्मीकि हैं जो नवरात्र व्रत रखने के साथ ही दशहरा मनाते हैं और वाल्मीकि जयंती उससे भी अधिक धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन वेतन नहीं मिलने के चलते ये त्योहार कैसे मना पाएंगे। सफाई कर्मचारी नेता कैलाश चंदोला ने बताया कि इसके लिए अधिकारियों से बात की गई लेकिन आश्वासन ही मिला। वेतन नहीं मिला।