पहले दिन लोगों ने पॉलीथिन से नहीं की तौबा
दैनिक जागरण के संवाददाता ने विभिन्न इलाकों का किया निरीक्षण
मेरठ : प्रशासन के सख्त रुख के बाद भी शहर के विभिन्न स्थानों पर पॉलीथिन पर प्रतिबंध के पहले दिन दुकानदारों और शहरवासियों ने तौबा नहीं की।
प्रदेश सरकार ने 15 जुलाई से पॉलीथिन (50 माइक्रोन तक) पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे। एक या दो स्थानों को छोड़कर हलवाई की दुकानों पर जरूर कपड़े के बैग दिए जा रहे थे। पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगने के पहले दिन दैनिक जागरण संवाददाता ने शहर के विभिन्न इलाकों का निरीक्षण किया। दोपहर 1.30 बजे - नवीन मंडी
यहां फलों के ठेलों पर काली पॉलीथिन रखी थी। बिना किसी डर के दुकानदार ग्राहकों को इसमें आम, केला आदि फल दे रहे थे। वहीं दिल्ली रोड के बाहर लगी फलों की दुकानों पर भी चुपके-चुपके पॉलीथिन में सामान दिया जा रहा था। दोपहर 2 बजे - सिटी स्टेशन
स्टेशन पर शहर के विभिन्न स्थानों से यात्री आते हैं। यहां भी अधिकतर यात्रियों के हाथों में पॉलीथिन नजर आई। यात्री पॉलीथिन में फल व अन्य सामान लेकर जाते नजर आए। दोपहर 2.30 बजे - घंटाघर
यहां सबसे अधिक पॉलीथिन का प्रयोग किया जा रहा था। घंटाघर स्थित सब्जी की दुकानों पर खुलेआम लोगों को पॉलीथिन में सब्जियां दी जा रही थीं। वहीं शहरवासी भी बिना किसी डर के सामान के लिए पॉलीथिन का उपयोग करते दिखे। दोपहर 3 बजे - हापुड़ अड्डा
शहर के मुख्य बाजारों में से एक हापुड़ अड्डे पर भी काली पॉलीथिन में बिना किसी डर के फल दिए जा रहे थे। यहां भी लोग आसानी से फलों को पॉलीथिन में रखते देखे गए। दोपहर 3.30 बजे - वैशाली कॉलोनी
यहां सड़क पर लगने वाले फल और सब्जी के ठेलों पर पॉलीथिन नजर नहीं आई। वहीं फल विक्रेता ग्राहकों को अखबार के कागज में लपेटकर फल दे रहे थे। वहीं कुछ लोगों को अपने कपड़े के बैग में फल लेते देखा गया। व्यापारियों के विचार हम इस अभियान का पूरा समर्थन करेंगे। हमारी दुकान पर आने वाले लोगों को बताया जा रहा है कि कपड़े के थैले प्रयोग करें।
अभिषेक तिवारी, किराना व्यापारी हमारा प्रयास अभियान को सफल बनाने का है। इसमें सभी को साथ आना होगा। वातावरण को इससे राहत मिलेगी।
नरेंद्र कुमार, किराना व्यापारी हमारे यहां मिठाई की दुकान पर कपड़े के थैले का ही उपयोग किया जा रहा है। ग्राहकों को हम वही दे रहे हैं।
अरुण कुमार, मिठाई व्यापारी