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150 दिन चली फैक्ट्री, 30 से अधिक शूटर्स को बेचीं पिस्टल

लिसाड़ीगेट के लक्खीपुरा में पांच माह से पिस्टल बनाने की फैक्ट्री चल रही थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 05:08 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 05:08 AM (IST)
150 दिन चली फैक्ट्री, 30 से अधिक शूटर्स को बेचीं पिस्टल

मेरठ : लिसाड़ीगेट के लक्खीपुरा में पांच माह से पिस्टल बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। दिल्ली पुलिस की विशेष टीम आई। पिस्टल बरामद करने के साथ आरोपितों को भी पकड़कर ले गई। आरोपितों ने पउप्र के 30 से अधिक शूटर्स को पिस्टल बेची गई हैं। अहम सवाल यह भी है कि आखिर पिस्टल खरीदने के पीछे मंशा क्या है। किसी बड़ी वारदात की तैयारी तो नहीं। स्थानीय पुलिस भी सक्रिय हो गई है।

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर से दो आरोपितों को वरना कार के साथ गिरफ्तार किया था। इस कार में 64 पिस्टल भी मिले थे। कार चुराई गई थी। पूछताछ में पता चला कि मेरठ के लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र के लक्खीपुरा में पिस्टल बनाई जा रही हैं। पिस्टल बनाने वाले मुंगेर के कारीगर हैं। स्पेशल टीम के एसीपी मनोज दीक्षित के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह ने फोर्स के साथ मेरठ में छापा मारा तो यहां से तीन और आरोपित पकड़े गए। इन आरोपितों के पास से पिस्टल बनाने का सामान और मशीनों के साथ साथ 20 पिस्टल बनी हुई बरामद हुई। आरोपितों ने बताया कि वह 30 से अधिक पिस्टल बनाकर बेच चुके हैं। कुछ पिस्टल को पश्चिम उत्तर प्रदेश में बेचा तो कुछ को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, हरियाणा के कई शहरों में सप्लाई किया। पांचों आरोपितों को दिल्ली पुलिस रिमांड पर लेकर अभी पूछताछ कर रही है। कौन दिला रहा है पिस्टल कारीगरों को मकान

पिस्टल बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद अब पुलिस के सामने उस व्यक्ति का पता लगाना है, जिसने पिस्टल बनाने वालों को किराए पर मकान दिलाया है। जांच में सामने आया है कि यह आरोपित मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली में मुंगेर के रहने वाले पिस्टल कारीगरों को मकान किराए पर दिला चुका है। मेरठ के मकान मालिक के पकड़े जाने पर सच्चाई सामने आएगी। मेरठ के लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र के लक्खीपुरा निवासी फुरकान का मकान पांच माह पूर्व मुंगेर निवासी तीन लोगों को किराए पर दिलाया था। ये लोग ऐसा मकान तलाशते थे, जिसमे छिपने की जगह हो। फुरकान के मकान से ही दिल्ली की स्पेशल सेल ने पिस्टल की खेप पकड़ी है। फुरकान फिलहाल फरार है। सीओ कोतवाली दिनेश चंद शुक्ला का कहना है कि फुरकान यदि पकड़ में आए तो पता चलेगा कि किसने मकान किराए पर दिलवाया था। दिल्ली पुलिस की जांच में आया है कि शामली-मुजफ्फरनगर में भी दो मकान मुंगेर के कारीगरों को किराए पर दिलाए गए हैं। इनका भी पता लगाया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने पांचों आरोपितों से इस संबंध में पूछताछ भी की, लेकिन ये लोग किराए पर मकान दिलाने वाले आरोपित को नहीं पहचानते हैं। पकड़े गए आरोपित

सइदुल्ला पुत्र मोहम्मद मुस्तकीम निवासी गांव बानौधा थाना मुफासिल मुंगेर बिहार, नसीम पुत्र रियाजुल निवासी पावली खास दौराला, साबिर पुत्र ताजमुल हुसैन, इंतियाज पुत्र वसीम, उबैद पुत्र मोहम्मद सोसील निवासीगण गांव मिर्जापुर वर्धा थाना मुफासिल जिला मुंगेर बिहार पकड़े गए हैं। इन्होंने कहा--

दिल्ली की स्पेशल सेल ने छापेमारी कर पिस्टल पकड़ी थी। स्थानीय थाना पुलिस को इसका पता था या नहीं। यह जांच कराई जा रही है।

रणविजय सिंह, एसपी सिटी


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