चीनी कंपनी के जब्त होंगे साढ़े 13 हजार मोबाइल, मूल IMEI नंबर की होगी जांच
मोबाइल को जब्त कर एक्सपर्ट से उनके मूल आइएमईआइ नंबर का पता लगाया जाएगा। इससे वास्तविक उपभोक्ता का भी पता चल सकेगा।
मेरठ, जेएनएन। साइबर सेल की जांच में वीवो कंपनी के साढ़े 13 हजार से ज्यादा मोबाइल एक आइएमईआइ पर चल रहे हैं। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि धारा 102 (सामान जब्त करना) के तहत नोटिस जारी कर यह सभी मोबाइल फोन जब्त किए जाएंगे। इससे कई अन्य मोबाइल कारोबारियों का पता चलेगा जो गैरकानूनी तरीके से मोबाइल की आइएमईआइ नंबर से छेड़छाड़ कर रहे हैं।
मूल आइएमईआइ नंबर का पता लगाया जाएगा
मोबाइल को जब्त कर एक्सपर्ट से उनके मूल आइएमईआइ नंबर का पता लगाया जाएगा। इससे वास्तविक उपभोक्ता का भी पता चल सकेगा। पुलिस की पूछताछ में ऐसे मोबाइल का पता आसानी से चल सकेगा जो लूट व चोरी से संबंधित थे लेकिन आइएमईआइ नंबर बदल जाने से अपराधी बचने में सफल रहे। मेरठ पुलिस ने ही छह माह पहले आइएमईआइ नंबर बदलने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था।
हर मोबाइल में साफ्टवेयर के दो पार्ट
एडीजी राजीव सभरवाल ने बताया कि प्रत्येक मोबाइल में साफ्टवेयर के दो पार्ट (कनेक्टिंग और आपरेटिंग) होते हैं। कुछ कंपनियां मोबाइल का साफ्टवेयर समय-समय पर अपडेट करती रहती हैं। वीवो कंपनी के मोबाइल में आसानी से आइएमईआइ कैसे बदल दिया गया इसका पता लगाने के लिए कंपनी से सिक्योरिटी फीचर की जानकारी मांगी गई है। सर्विस सेंटर पर दारोगा के मोबाइल की आइएमईआइ कैसे बदली इसकी जांच भी कराई जा रही है।
एसएसपी बोले
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि किसी भी मोबाइल के फीचर में प्रवेश करने के लिए मोबाइल निर्माता कंपनी के डेमो वाले आइएमईआइ नंबर की आवश्यकता होती है। यह डेमो नंबर कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर को दिया जाता है। डेमो नंबर का उपयोग कर मोबाइल को फार्मेट करने के बाद मोबाइल में पुराना आइएमईआइ नंबर डाल दिया जाता है। विशेष परिस्थिति में मोबाइल का आइएमईआइ नंबर बदलने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से तमाम नियम कायदे बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन अपराध की श्रेणी में आता है।